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२६ जनवरी के दिन तीनो सेनाओ के कमांडर देश के राष्ट्रपति को सम्मान देते हैं यह दिन सेना का दिन हैं|हमारे राष्ट्र का गौरव हमारी सेना जब परेड करती चलती है पूरा वातावरण वीर रस से भर जाता है जवानो की बाजू फडकती है हर घर से टी.वी.की आवाज आती है तरह -तरह के आधुनिक अविष्कार जब ट्रक में सजे हुए निकलते है साथ ही तरह -तरह के मॉडल ,सलामी देती तोपे मिलिट्री बैंड की शानदार धुनें ,सजे ऊठ राज पथ पर किसका मन नही मोहते|| प्रादेशिक झांकिया, नर्तक ,बच्चो के सांस्कृतिक प्रोग्राम अंत में बाईक पर अनोखे करतब करते जवान इसके बाद में बादलो को चीरते हुए कभी-कभी नीले आकाश में लकीर खीचते विमान हर दिल्ली वासी को घर से निकलने को विवश क्र देते हैं क्या आज के समय राजनीति इतनी सस्ती हो गई यह पावन दिवस हमारे मुख्यमंत्री मंत्री जी को केवल २६ जनवरी को निकलने वाली झकिया नजर आती है और कुछ नजर नही आता इस दिन परेड के प्रारम्भ में किसी शहीद के पिता या माता किसी शहीद की विधवा पत्नी को परम वीर चक्र उनके किसी अपने की शहादत पर प्रदान कर राष्ट्रपति एवं पूरा देश गोरवान्वित होता यह उन सैनिको का दिन है जिनके सिर सीमा पर धड़ से अलग कर दिए गये | अपने मन की बात लिखते हुए मेरी आखें भर आई हैं आप अपने मूवमेंट को दूसरी आजादी की लड़ाई कहते हैं आपने क्या जाना हैं इस दिन हमारा अपना संविधान देश में लागू किया गया था आजादी इतनी सस्ती नही है जितनी आप ने बना दी है| डॉ शोभा भारद्वाज
email shobhabhardwaja09@gmail.com
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