मुलायम जी – स्वस्थ समाज का लक्षण है “जियो और जीने दो “क्या घृणित अपराधी मानसिकता वाले इसको मानते हैं ?
मुलायम सिंह एक राजनेता हैं देश के प्रधान मंत्री बनने के भी इच्छुक हैं उन्होंने रेप की शिकार महिलाओं पर जिस तरह अपने विचार प्रगट किये और कानून ,के ऊपर भी प्रश्न चिन्ह लगाया | सामूहिक ,विरोध होने पर आज वह अपने बयान से पलट गए | यह राज नेताओं की पुरानी आदत है चल गया तो तीर नही तो तरकश में फिर वापिस रख लो |
एक छोटी बच्ची नासमझ बच्ची को उठा कर ले जाना उसके साथ वह करना जिसे आदिम समाज भी धिक्कारता होगा वह भी इसके लिए कड़ी सजा देता होगा शायद इतना कड़ा दण्ड कि समाज को सबक मिले | लड़कों तक को हवस का शिकार बना कर छोड़ दिया जाता है |बच्चे जानते भी नहीं उनके साथ क्या हो रहा है |
किसी किशोरी को चलती गाड़ी में खींच कर उठा ले जाना ,अकेली स्कूल जाती लड़की को अगवा कर उससे अपनी हवस पूरी करना |अपनी क्षण भर कि खुशी के लिए जिंदगी का वह दाग देना जिससे न वह जिन्दा रहती है न मुर्दा ,मानसिक रूप से लगभग मर जाती है | घर में अकेली लड़की को जबरदस्ती उठा कर ले जाना सामूहिक रूप से उसका देह शोषण करना भेद खुल जाने के डर से उसे मार डालना पत्थर से उसके मुँह को कुचल देना जिससे उसकी पहचान मिट जाये ,या जीवित को फूक देना इसे क्या जवानी कि गलती माना जायेगा या अपराधिक मानसिकता, वहशीपन ? जो डाक्टर लड़की का इलाज करते हैं वह जानते हैं लड़की किस पाशविकता से गुजरी है |शायद यही वजह है लोग नन्हीं वच्ची के जन्म पर उदास हो जाते हैं |
आज सभ्य समाज ने औरतों को बराबरी का अधिकार दिया है | प्राचीन भारत में औरत को बहुत ऊचां दर्जा दिया था पर धीरे -धीर विदेशी आक्रमण कारी देश में आते गए औरतों की आजादी खत्म होती गई | पति के मर जाने पर उसे जिन्दा ही उसके शव के साथ चिता पर जला दिया जाता था |यह राजाराम मोहन राय के प्रयत्न थे वह चिता से उठाई गई और उसका होसला है वह चिता से अर्श तक पहुँची | लड़के लड़कियां एक साथ पढ़ते हैं को -एजूकेशन है , आपस में मित्रता का भाव है स्वस्थ प्रति स्पर्धा है, विश्वास भी है एक दूसरे के साथ विचारों का मेल होने से कई जोड़े बन जाते हैं ,भविष्य में विवाह भी करना चाहते हैं | माता पिता भी विवाह की स्वीकृति दे देते हैं |यहां भी कई लड़को की ऐसी मानसिकता बन जाती है यदि उन्हें कोई लड़की पसंद आ जाये तो मुझे यही लड़की चहिये इस मानसिकता से ग्रस्त हो कर जबर दस्ती हक जमाने लगते है उन्हें लड़की की हाँ या न से कोई मतलब नहीं है जिस तरह से माँ बाप से वह सब कुछ चाहते हैं इसी तरह लड़की पर भी वह हक जमाने लगते हैं आये दिन किसी लड़की पर तेजाब डाल देना ,या उसे उठा ले जाना उसके सम्मान को नष्ट करना | या किसी को पहले शादी का झांसा देना फिर मुकर जाना बचनें के लिए या लड़की से पीछा छुड़ाने के लिए उसे विश्वास में ले कर पहले बुलाना फिर उसे धोखा दे कर वस्तु की तरह अपनें दोस्तों में बाँट देना यानि सामूहिक बलात्कार , जिंदगी का ऐसा दाग देना जिसे जाल में फसी या फसा ली गई लड़की ही जानती है | हर हाथ में आज कल सेल रहता है उससे, चित्र खींच कर ब्लैक मेल करना या चित्रों को इंटरनेट पर डाल कर बदनाम करना या डालने की धमकी देना लड़की की गलती और लाचारी का पूरा फायदा उठाना ,यह एक खेल बन गया है |
निर्भया का क्या दोष था उसके साथ पाशविक व्यवहार किया गया |नन्ही सी बच्ची गुड़िया को हवस का शिकार बनाया गया बंबई में फोटोग्राफर लड़की के साथ आवारा लड़को ने किया क्या यह सभ्य समाज का लक्षण है | यह लड़के शिकार की टोह में घूमते रहते थे कई औरतों को उन्होंने अपना शिकार बनाया था उस पर भी गिद्ध की तरह झपटे थे और वह सामूहिक बलात्कार का शिकार बनी उन लड़कों मे एक नाबालिग लड़का भी था, यह तो लड़की ने हिम्मत दिखाई पुलिस में केस दर्ज हुआ और उनमें से इन को फांसी की सजा मिली यदि देश में सख्त कानून नहीं होगा तो यह समाज लड़कियों के रहने लायक ही नहीं रहेगा| रेपिस्टों को अपना वोट बैंक बनाना यह मेरे देश की सभ्यता नहीं हैं | औरतें को भी संविधान ने वोट का बराबर हक दिया है जिस दिन वह अपनें वोट की कीमत समझ गई , जाति धर्म शिक्षा अशिक्षा ,अमीरी और गरीबी से ऊपर उठ गई उन्होंने मिल कर अपनें वोट को एक कर लिया और मजबूत वोट बैंक बन गई तो उन्हीं की सरकार होंगी इस लिए पुरानी मानसिकता से ऊपर उठ जाइए | हम सभ्य समाज के प्राणी हैं |
मुलायम सिंह एक राजनेता हैं देश के प्रधान मंत्री बनने के भी इच्छुक हैं उन्होंने रेप की शिकार महिलाओं पर जिस तरह अपने विचार प्रगट किये और कानून ,के ऊपर भी प्रश्न चिन्ह लगाया | सामूहिक ,विरोध होने पर आज वह अपने बयान से पलट गए | यह राज नेताओं की पुरानी आदत है चल गया तो तीर नही तो तरकश में फिर वापिस रख लो |
एक छोटी बच्ची नासमझ बच्ची को उठा कर ले जाना उसके साथ वह करना जिसे आदिम समाज भी धिक्कारता होगा वह भी इसके लिए कड़ी सजा देता होगा शायद इतना कड़ा दण्ड कि समाज को सबक मिले | लड़कों तक को हवस का शिकार बना कर छोड़ दिया जाता है |बच्चे जानते भी नहीं उनके साथ क्या हो रहा है |
किसी किशोरी को चलती गाड़ी में खींच कर उठा ले जाना ,अकेली स्कूल जाती लड़की को अगवा कर उससे अपनी हवस पूरी करना |अपनी क्षण भर कि खुशी के लिए जिंदगी का वह दाग देना जिससे न वह जिन्दा रहती है न मुर्दा ,मानसिक रूप से लगभग मर जाती है | घर में अकेली लड़की को जबरदस्ती उठा कर ले जाना सामूहिक रूप से उसका देह शोषण करना भेद खुल जाने के डर से उसे मार डालना पत्थर से उसके मुँह को कुचल देना जिससे उसकी पहचान मिट जाये ,या जीवित को फूक देना इसे क्या जवानी कि गलती माना जायेगा या अपराधिक मानसिकता, वहशीपन ? जो डाक्टर लड़की का इलाज करते हैं वह जानते हैं लड़की किस पाशविकता से गुजरी है |शायद यही वजह है लोग नन्हीं वच्ची के जन्म पर उदास हो जाते हैं |
आज सभ्य समाज ने औरतों को बराबरी का अधिकार दिया है | प्राचीन भारत में औरत को बहुत ऊचां दर्जा दिया था पर धीरे -धीर विदेशी आक्रमण कारी देश में आते गए औरतों की आजादी खत्म होती गई | पति के मर जाने पर उसे जिन्दा ही उसके शव के साथ चिता पर जला दिया जाता था |यह राजाराम मोहन राय के प्रयत्न थे वह चिता से उठाई गई और उसका होसला है वह चिता से अर्श तक पहुँची | लड़के लड़कियां एक साथ पढ़ते हैं को -एजूकेशन है , आपस में मित्रता का भाव है स्वस्थ प्रति स्पर्धा है, विश्वास भी है एक दूसरे के साथ विचारों का मेल होने से कई जोड़े बन जाते हैं ,भविष्य में विवाह भी करना चाहते हैं | माता पिता भी विवाह की स्वीकृति दे देते हैं |यहां भी कई लड़को की ऐसी मानसिकता बन जाती है यदि उन्हें कोई लड़की पसंद आ जाये तो मुझे यही लड़की चहिये इस मानसिकता से ग्रस्त हो कर जबर दस्ती हक जमाने लगते है उन्हें लड़की की हाँ या न से कोई मतलब नहीं है जिस तरह से माँ बाप से वह सब कुछ चाहते हैं इसी तरह लड़की पर भी वह हक जमाने लगते हैं आये दिन किसी लड़की पर तेजाब डाल देना ,या उसे उठा ले जाना उसके सम्मान को नष्ट करना | या किसी को पहले शादी का झांसा देना फिर मुकर जाना बचनें के लिए या लड़की से पीछा छुड़ाने के लिए उसे विश्वास में ले कर पहले बुलाना फिर उसे धोखा दे कर वस्तु की तरह अपनें दोस्तों में बाँट देना यानि सामूहिक बलात्कार , जिंदगी का ऐसा दाग देना जिसे जाल में फसी या फसा ली गई लड़की ही जानती है | हर हाथ में आज कल सेल रहता है उससे, चित्र खींच कर ब्लैक मेल करना या चित्रों को इंटरनेट पर डाल कर बदनाम करना या डालने की धमकी देना लड़की की गलती और लाचारी का पूरा फायदा उठाना ,यह एक खेल बन गया है |
निर्भया का क्या दोष था उसके साथ पाशविक व्यवहार किया गया |नन्ही सी बच्ची गुड़िया को हवस का शिकार बनाया गया बंबई में फोटोग्राफर लड़की के साथ आवारा लड़को ने किया क्या यह सभ्य समाज का लक्षण है | यह लड़के शिकार की टोह में घूमते रहते थे कई औरतों को उन्होंने अपना शिकार बनाया था उस पर भी गिद्ध की तरह झपटे थे और वह सामूहिक बलात्कार का शिकार बनी उन लड़कों मे एक नाबालिग लड़का भी था, यह तो लड़की ने हिम्मत दिखाई पुलिस में केस दर्ज हुआ और उनमें से इन को फांसी की सजा मिली यदि देश में सख्त कानून नहीं होगा तो यह समाज लड़कियों के रहने लायक ही नहीं रहेगा| रेपिस्टों को अपना वोट बैंक बनाना यह मेरे देश की सभ्यता नहीं हैं | औरतें को भी संविधान ने वोट का बराबर हक दिया है जिस दिन वह अपनें वोट की कीमत समझ गई , जाति धर्म शिक्षा अशिक्षा ,अमीरी और गरीबी से ऊपर उठ गई उन्होंने मिल कर अपनें वोट को एक कर लिया और मजबूत वोट बैंक बन गई तो उन्हीं की सरकार होंगी इस लिए पुरानी मानसिकता से ऊपर उठ जाइए | हम सभ्य समाज के प्राणी हैं | डॉ .शोभा भारद्वाज
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