Menu
blogid : 15986 postid : 732983

हम भी ईश्वर के बनाये इंसान हैं ( किन्नर )

Vichar Manthan
Vichar Manthan
  • 297 Posts
  • 3128 Comments
न्यायालय द्वारा किन्नर समाज को तीसरे दर्जे का नागरिक एवं आरक्षण दे कर समाज में उनके प्रति सद्भावना का संदेश दिया गया है किन्नर सदैव  समाज में चर्चा का विषय रहें हैं | आज कल इनकी मानसिक स्थिति और सोच पर कई शोध हुए हैं |
महाभारत में शिखंडी की कथा प्रसिद्ध है वह एक किन्नर थे  उन्हें अबध्य माना जाता था भीष्म पितामह पर अर्जुन ने शिखंडी की आड़ में खींच- खींच कर तीर मारे पर पितामह नें प्रतिकार नहीं किया | पांडवों को अपने बनवास का आखिरी वर्ष अज्ञात वास से काटना था सब चुप सकते थे पर धनुर्धर अर्जुन ,पूरे आर्यावर्त  में प्रसिद्ध था उसने ब्रह्नल्ला के नाम को   धारण कर किन्नर के रूप में राजा विराट की नृत्य शाला में राजा की पुत्री उत्तरा को नृत्य सिखा कर सुरक्षा से बिताये | मुस्लिम काल में हरमों की रक्षा के लिए इनको बनाया जाता था मजबूत कद काठी के युवकों को किन्नर बनाया जाता था  |कई किन्नर राजनीति में भी थे सुल्तान अलाउद्दीन का  सलाहकार  मलिक काफूर किन्नर था वह  सुल्तान का दाया हाथ था | अलाउद्दीन की मृत्यु के बाद वह किंग मेकर भी बना | मुगल काल में किन्नरों की पूरी फौज मुगल हरम की रखवाली करते थी |
कुछ किन्नर जन्म जात हैं वह  जन्म से ही अलग तरह से अपने आप को महसूस करते  हैंज्यों – ज्यों वह बड़े होते हैं उनकी चाल ढाल सब कुछ बदल जाती है लेकिन कुछ गरीबी के कारण अपने आप को आपरेशन करवा कर  बदलवा लेते है , भगवान ने उनको पुरूष की योनि दी थी |किन्नरों के साथ सहानुभूति से पेश आना चाहिए क्यों कि रोजी रोटी के लिए कई किन्नर अपराध करने लगें हैं अँधेरे में किसी कोने में रात के समय स्त्री वेश धारण कर यह खड़े दिखाई देते हैं लड़के उन्हें लड़की समझ कर पास आते हैं यह मोके का फायदा उठा करउन्हें  लूट लेते हैं | कई बार भीख मांगते हैं मन मर्जी के पैसे मांगते हैं आप जरा सा विरोध करके देखिये |आज कल यह गाड़ी में बैठ कर  किसी के घर बधाई देने आते हैं घर के लोग उन्हें देख कर सहम जाते हैं बड़ी ऊँची इनकी मांग होती हैं पूरी सौदे बाजी करते हैं |जिस घर में खुशी का माहोल होता हैं उसे वह ऐसा कर देते हैं पूछिये मत किसी गरीब घर में इनका नाटक देखने लायक होता हैं उसके पूरे महीने का बजट हिला देते हैं |पहले यह ऐसे नहीं करते थे जैसे समाज का मौरल खराब हुआ हैं वैसे ही इन पर प्रभाव पड़ा है |मेरी बेटी का जन्म हुआ हम मथुरा के रहने वाले हैं हमारे यहां किन्नर आये उनका मुखिया भी साथ था मेरी सास के साथ उनके मधुर संबंध थे |उनके मुखिया के लिए दरी और उस पर चादर बिछाई गई पीछे तकिया लगाया गया |पहले तो आम किन्नर नाचते गाते रहे लेकिन  अचानक उनके मुखिया को जोश आ गया उसने गजल की ऐसी तान छेड़ी मैं तो कूद कर उनकी बगल में बैठ गई मेरे पति भी अपने आप को रोक नहीं पाये वह भी उनके साथ बैठ गए |हमारे पूरे परिवार ने बेहतरीन संगीत का आनंद उठाया उन्होंने अमीर खुसरो का गीत’ छाप तिलक सब छीनी रे तोसे नेहा लगाय के’ गाया एक तान एक देता था दूसरी तान दूसरा उठाता था |वह थके नहीं दोपहर तक गाते रहे | अंत में उन्होंने एक भाव पूर्ण कथा सुनाई आमिर खुसरो जिग के लिए लश्कर के साथ लड़ाई में गए थे जब वह जंग से लौटे उनके गुरू निजामुदीन औलिया साहब का इंतकाल हो गया उनकी कब्र पर खुसरो साहब ने उदासी से यह दो पंक्तियाँ गाई        “”गोरी सोवे सेज पर , मुख पर डारे केश
चल खुसरो घर आपने रैन भी चहू देश ”    सारा वातावरण भावुक हो गया                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            हम  उन्हें  कभी भूल नहीं सके |अब तो इनके भी  गैंग बन गए हैं बकायदा लड़ाईयां होती हैं | फिल्मों और सीरियलों में यह बकायदा एक किरदार होते हैं जिसके चारो और कहानी बुनी जाती है|
मथुरा में पूरा सखीं सम्प्रदाय हैं जहां यह कृष्ण भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं |इनके साथ बहुत  न्यायालय नें बड़ा न्याय किया गया हैं अब बाल किन्नर  यह पढ़ लिख कर समान्य जीवन जी सकेंगे जरूरत है समाज की संवेदन शील व्यवहार की | इन्हें भी अपने आप को बदलना पड़ेगा कई किन्नरों ने तो चुनाव भी लड़ें हैं इनसे ज्यादा निष्पक्ष और कौन हो सकता हैं |             डॉ शोभा भरद्वाज

न्यायालय द्वारा किन्नर समाज को तीसरे दर्जे का नागरिक एवं आरक्षण दे कर समाज में उनके प्रति सद्भावना का संदेश दिया गया है किन्नर सदैव  समाज में चर्चा का विषय रहें हैं | आज कल इनकी मानसिक स्थिति और सोच पर कई शोध हुए हैं |

महाभारत में शिखंडी की कथा प्रसिद्ध है वह एक किन्नर थे  उन्हें अबध्य माना जाता था भीष्म पितामह पर अर्जुन ने शिखंडी की आड़ में खींच- खींच कर तीर मारे पर पितामह नें प्रतिकार नहीं किया | पांडवों को अपने बनवास का आखिरी वर्ष अज्ञात वास से काटना था सब चुप सकते थे पर धनुर्धर अर्जुन ,पूरे आर्यावर्त  में प्रसिद्ध था उसने ब्रह्नल्ला के नाम को   धारण कर किन्नर के रूप में राजा विराट की नृत्य शाला में राजा की पुत्री उत्तरा को नृत्य सिखा कर सुरक्षा से बिताये | मुस्लिम काल में हरमों की रक्षा के लिए इनको बनाया जाता था मजबूत कद काठी के युवकों को किन्नर बनाया जाता था  |कई किन्नर राजनीति में भी थे सुल्तान अलाउद्दीन का  सलाहकार  मलिक काफूर किन्नर था वह  सुल्तान का दाया हाथ था | अलाउद्दीन की मृत्यु के बाद वह किंग मेकर भी बना | मुगल काल में किन्नरों की पूरी फौज मुगल हरम की रखवाली करते थी |

कुछ किन्नर जन्म जात हैं वह  जन्म से ही अलग तरह से अपने आप को महसूस करते  हैंज्यों – ज्यों वह बड़े होते हैं उनकी चाल ढाल सब कुछ बदल जाती है लेकिन कुछ गरीबी के कारण अपने आप को आपरेशन करवा कर  बदलवा लेते है , भगवान ने उनको पुरूष की योनि दी थी |किन्नरों के साथ सहानुभूति से पेश आना चाहिए क्यों कि रोजी रोटी के लिए कई किन्नर अपराध करने लगें हैं अँधेरे में किसी कोने में रात के समय स्त्री वेश धारण कर यह खड़े दिखाई देते हैं लड़के उन्हें लड़की समझ कर पास आते हैं यह मोके का फायदा उठा करउन्हें  लूट लेते हैं | कई बार भीख मांगते हैं मन मर्जी के पैसे मांगते हैं आप जरा सा विरोध करके देखिये |आज कल यह गाड़ी में बैठ कर  किसी के घर बधाई देने आते हैं घर के लोग उन्हें देख कर सहम जाते हैं बड़ी ऊँची इनकी मांग होती हैं पूरी सौदे बाजी करते हैं |जिस घर में खुशी का माहोल होता हैं उसे वह ऐसा कर देते हैं पूछिये मत किसी गरीब घर में इनका नाटक देखने लायक होता हैं उसके पूरे महीने का बजट हिला देते हैं |पहले यह ऐसे नहीं करते थे जैसे समाज का मौरल खराब हुआ हैं वैसे ही इन पर प्रभाव पड़ा है |मेरी बेटी का जन्म हुआ हम मथुरा के रहने वाले हैं हमारे यहां किन्नर आये उनका मुखिया भी साथ था मेरी सास के साथ उनके मधुर संबंध थे |उनके मुखिया के लिए दरी और उस पर चादर बिछाई गई पीछे तकिया लगाया गया |पहले तो आम किन्नर नाचते गाते रहे लेकिन  अचानक उनके मुखिया को जोश आ गया उसने गजल की ऐसी तान छेड़ी मैं तो कूद कर उनकी बगल में बैठ गई मेरे पति भी अपने आप को रोक नहीं पाये वह भी उनके साथ बैठ गए |हमारे पूरे परिवार ने बेहतरीन संगीत का आनंद उठाया उन्होंने अमीर खुसरो का गीत’ छाप तिलक सब छीनी रे तोसे नेहा लगाय के’ गाया एक तान एक देता था दूसरी तान दूसरा उठाता था |वह थके नहीं दोपहर तक गाते रहे | अंत में उन्होंने एक भाव पूर्ण कथा सुनाई आमिर खुसरो जिग के लिए लश्कर के साथ लड़ाई में गए थे जब वह जंग से लौटे उनके गुरू निजामुदीन औलिया साहब का इंतकाल हो गया उनकी कब्र पर खुसरो साहब ने उदासी से यह दो पंक्तियाँ गाई        “”गोरी सोवे सेज पर , मुख पर डारे केश

चल खुसरो घर आपने रैन भी चहू देश ”    सारा वातावरण भावुक हो गया                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                            हम  उन्हें  कभी भूल नहीं सके |अब तो इनके भी  गैंग बन गए हैं बकायदा लड़ाईयां होती हैं | फिल्मों और सीरियलों में यह बकायदा एक किरदार होते हैं जिसके चारो और कहानी बुनी जाती है|

मथुरा में पूरा सखीं सम्प्रदाय हैं जहां यह कृष्ण भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं |इनके साथ बहुत  न्यायालय नें बड़ा न्याय किया गया हैं अब बाल किन्नर  यह पढ़ लिख कर समान्य जीवन जी सकेंगे जरूरत है समाज की संवेदन शील व्यवहार की | इन्हें भी अपने आप को बदलना पड़ेगा कई किन्नरों ने तो चुनाव भी लड़ें हैं इनसे ज्यादा निष्पक्ष और कौन हो सकता हैं |             डॉ शोभा भरद्वाज

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh