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लाल किले से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश को सम्बोधित किया और वास्तविकता से परिपूर्ण समस्याओं पर प्रकाश डाला| भ्रूण हत्या की बात की, बेटी को वेटे की चाह में गर्भ में ही समाप्त कर दिया जाता है| मैने एक बहुत शिक्षित माँ को गर्भावस्था में बिलकुल तडपते देखा उसने कहा मुझे बेटी नहीं चाहिए यदि दुनिया में आ गई मैं उसे बहुत प्यार से पालूंगी पर कभी चैन से सो नहीं पाउगी | जब तक वह मेरे पेट में है सुरक्षित है उसके बाद किस –किस से बचाऊगी घर में हम उसकी रक्षा कर लेंगे रिश्तेदारों की कुदृष्टि से बचा लेंगे परन्तु स्कूल तो भेजूंगी महंगे से महंगे स्कूल में भेजेंगे क्या स्कूल कैब या बस में बच्ची सुरक्षित हैं ?रोज हम उसे खुद छोड़ने जायेंगे ले भी आयेंगे पर स्कूल में कैसे बचेगी बेंगलोर के स्कूल परिसर में नन्ही बच्ची के साथ क्या हुआ अब तो किसी की बच्ची सुरक्षित नहीं है चाहे वह कितना ही बड़ा पुलिस अधिकारी क्यों न हो| बच्ची को हवस का शिकार बनाना और फिर गला घोट कर मार देना कितना आसान है उसमें जान ही कितनी होती है और कितनी समझ |इन सब खतरों से बच गई बड़ी हो गई कालेज भी जाने लगी आसमान की उचाईयों को छूने के सपने देखने लगी क्या पता उसके सहपाठी को उससे इक तरफा प्रेम हो जाये एसिड खुले आम मिलता है जितना चाहे खरीद लो किसी पर भी डाल कर उसका रूप रंग तबाह कर दो जीते जी मार दो, कानून क्या सजा देगा ?
बेटी का किसी सहपाठी से मन मिल जाये उससे प्रेम हो गया उसके साथ जीवन बिताने के सपने देखने लगे | क्या जरूरी हैं मेरी बेटी का चुनाव सही हो वह मेरी बेटी से पीछा छुड़ाने के लिए विश्वास में बुला कर अपने मित्रों में नहीं बाँट देगा? उसका वीडियो बना कर उसे ब्लैक मेल नहीं करेगा , उसे आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं करेगा ?यदि हर मुश्किल को मेरी बेटी लाघं गई मैने उसका विवाह किया हर प्रकार से इंक्वारी भी कर ली या बेटी की पसंद का लड़का भी देख लिया क्या जरूरी है वह उसके साथ सुखी जीवन व्यतीत करेगा वह या उसके माता पिता उसे दहेज के लिए प्रताड़ित नहीं करेगे| आज कल अपने साथ ले जाकर किराये के गुंडों से मरवा देते है सात फेरे सात वचन कितनी देर याद रहते हैं | पुलिस दरोगा भी हत्या के अपराधी के मुहं पर प्यार से हाथ फेरते है अपराधी रसूख वाला या धनवान होना चाहिए वह साफ छुड़ा लिया जायेगा पत्नी को मारना या मरवा देना बाएं हाथ का काम हो गया है |बसी बसाई ग्रहस्थी भी कहाँ सुरक्षित है किसी लडकी की उस पर नजर पड़ गई उसे किसी का पति पसंद आ गया या लडके को कोई दूसरी लड़की पसंद आ गई , अब जिसके साथ जीने मरने की कसम खा ली उसी के हो गये वाली बात नहीं रही |इसमें कोई क्या कर सकता है | काश प्रधान मंत्री जी साथ में एक मजबूत कानून और महिला सुरक्षा के लिये सख्त कदम उठाने की बात करते हैं क्या नन्हीं सी शिशु से अपराध करने पर कभी – कभी बच्ची का गला दबा कूड़े की तरह फेक देने पर जज साहब
नें आज कल किसी को फांसी की सजा दी है | पूरे देश निर्भया केस में कोहराम मचा क्या अभी तक उसके अपराधियों को फांसी मिली | कुकर्मी की नजर में गरीब की बच्ची और अमीर की बच्ची सब एक हैं बस जरा सा अवसर मिलना चाहिए | माता पिता सोच कर परेशान है अपनी बच्ची को कैसे बचाये एक महानुभाव नेता ने यहाँ तक कह दिया लडकों से गलती हो जाती है है पर नन्ही शिशु का क्या दोष , दोष तो उस विधाता का था जिसने उसे लड़की बना कर दुनिया में भेजा |बेटियां अपने को श्रेष्ट सिद्ध करने के लिए क्या नहीं करती अपने कैरियर के लिए जान मारती हैं हर क्षेत्र में मर्दों से टक्कर लेने का प्रयत्न करती है परन्तु “उस “ समाजिक प्राणी का क्या करें जिसकी उन पर कुद्रष्टि पड़ जाती है |
डॉ शोभा भारद्वाज
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