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क्या कहूँ कुछ समझ नहीं आता

Vichar Manthan
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क्या कहूँ समझ नहीं आता
हाफिज सईद जमायते –उल दावा का अध्यक्ष बम्बई ब्लास्ट का मास्टर माइंड भारत के लिए हर वक्त जहर उगलने वाले आतंकी ने लाहौर में एक रैली की जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने उसका समर्थन किया| नवाज साहब ने भीड़ जुटाने के लिए दो रेलगाड़ियों की व्यवस्था की और विपक्षी दलों ने रैली के पक्ष में ब्यान दिए | दो दिन तक हुई कांफ्रेंस में जम कर भारत के खिलाफ जहर उगला गया| कश्मीर समस्या के हल के लिए नवाज साहब से कहा गया वह दहशतगर्दो की मदद करें | हाफिज सईद ने भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की धमकी दी | जितना जहर वह उगल सकता था उसने उगला |कश्मीर की जनता ने होने वाले कश्मीर विधान सभा के दो चुनावों में जम कर वोटिंग की लेकिन आगे के चुनाव में कश्मीर की जनता डर कर वोट न करे, उधर सईद भारत के खिलाफ जहर उगल रहा था इधर हमारे सैनिक कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ रहे थे और शहादत दे रहे थे | आतंकवादी मार गिराए गये पाकिस्तान के इस कृत्य का अमेरिकन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी विरोध किया | ओबामा भारत के गणतन्त्र दिवस में भारत आयेंगें , लेकिन पाकिस्तान तब तक नहीं जायेंगे जब तक पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को खत्म नही करता | विश्व जान चुका हैं पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र हैं | यह पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका हैं |
कश्मीर में १४ घंटे तक आतंकवादियों के साथ सेना की भिडंत हुई जान की बाजी लगा कर आतंकवादी मार दिए गये लेकिन हमारे ग्यारह सेना के जवान सेना और तीन काश्मीर पुलिस के जवान शहीद हुए हाफिज सईद लाहौर में दहाड़ रहा था, हमारी संसद एक साध्वी की चुनाव रैली पर दिए ब्यान पर लोकसभा और राज्य सभा में हंगामा कर रही थी |विपक्ष को एकजुट होकर जेहाद की धमकियों का खंडन करने के बजाय मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दा तलाशते –तलाशते एक मुद्दा मिल गया था |पूरा देश जानता हैं भारत ने कितना निराशा का समय देखा हैं यदि कोइ खबर आती थी तो किसी भी बड़े घोटाले की भ्रष्टाचार की तो पूछिए नहीं विदेशों में रहने वाले प्रवासी देश की बिगडती छवि से निराश थे | नौजवान यह सोचने के लिए विवश हो रहे थे उनका भविष्य क्या होगा |३० वर्ष के बाद बहुमत की सरकार आई है जनता को वोट देना समझ आया |मोदी जी के नेत्रत्व में लोग अच्छे भविष्य की कल्पना कर रहे हैं भ्रष्टाचार का ग्राफ भी गिरा है यही कारण हैं मोदी जी ने विदेश यात्रा की उनका जम कर स्वागत किया गया| भारत को निवेश की जरूरत है| कई राष्ट्राध्यक्ष हमारे देश में आये कई देशों में हमारे प्रधान मंत्री गये अमेरिका के राष्ट्रपति आने वाले हैं रूस से पूतिन भी आ रहे हैं |आज तक साध्वी के विवाद पर कितने समय और धन की हानि हुई है | कोई काली पट्टी बांध कर आ रहा है किसी को संविधान की चिंता है यदि चिंता नहीं है तो आतंकवाद से जूझते देश की | भद्दे बोल बोल कर चुनाव जीतना नई बात नहीं हैं किस-किस की बात की जाए ,मुख्य मंत्री ममता जी क्या बोलती हैं ?
जरूरत थी एक साथ खड़े होकर आतंकवाद के खिलाफ बोलने की | यह वह संसद हैं जिसमे महान दिग्गज नेता भाषण देते थे उन यह दिनों अखबार की सुर्खिया होते थे| अच्छी बहस होती थी अब कोई मेहनत करना नहीं चाहता | उन महान नेताओं को मेरा नमन है | रिसर्च करने वाले जानते हैं पार्लियामेंट की डिबेट में जो विचार दिए जाते हैं वह प्राइमरी सोर्स माना जाता था | अब पार्लियामेंट शुरू होती है किसी विषय को लेकर शोर मचाना शुरू कभी – कभी अध्यक्ष महोदय को घेर लिया जाता है ऐसा शोर मचता है क्या कहा जाये | यदि भाषण भी देते हैं तो अपने चुनाव क्षेत्र के लिए |मर्यादा का अंत हो चुका|अंत में एक दिन जल्दी – जल्दी कानून पास कर दिए जाते हैं या समितियों में भेज दिए जाते हैं | संसद की कार्यवाही को देखने विद्यार्थी आते थे दर्शक दीर्घा में बड़ी उत्सुकता से कार्यवाही सुनते थे नेताओं की अपनी पहचान थी उनको देखते ही खुश होते थे , पर अब संसद खाली हैं , कुछ ऊँघते सांसद या वाक आउट करते सांसद , या अन्नपूर्णा में बैठे सांसद
डॉ शोभा भारद्वाज

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