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सबको अपना-अपना धर्म मुबारक

Vichar Manthan
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सबको अपना-अपना धर्म मुबारक
कपिलवस्तु का राजकुमार सिद्धार्थ सब सुख वैभव छोड़ कर परिव्राजक बन कर दुःख, दुखों का कारण ,दुःख कैसे दूर हों ? ढूंढने निकला इतिहास में वह भगवान गौतम बुद्ध कहलाये उनकी वाणी ने विश्व को अहिंसा का पाठ पढाया |सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र पुत्री संघमित्रा ने बौद्ध भिक्षुओं के साथ उस जमाने की नावों के सहारे बुद्ध के विचारों का प्रचार प्रसार करने के लिए भिक्षु बन कर अनेक यात्रायें की हर खतरे को पार कर बौद्ध भिक्षुक साउथ ईस्ट एशिया ,मिडिल ईस्ट चीन जापान मंगोलिया तक गये कई राह में ही मर गये लेकिन विश्व के बहुत बड़े हिस्से को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया| भिक्षुक नागार्जुन ने चीन के रास्ते जापान में प्रवेश कर भगवान बुद्ध का संदेश दिया| भारत से दूर गौतम बुद्ध की वाणी और संदेश गूंजे लेकिन उस समय ईसाई मिशनरियाँ पिछड़ गई |भारत देश आजाद हुआ भारत की विदेश नीति में बुद्ध के सिद्धांत से पंचशील को स्वीकार किया जिसे तटस्थ राष्ट्रों ने भी माना|
सिंधू नदी के तट पर ऋषियों ने वेदों की रचना की वेद ज्ञान का संग्रह ,वैदिक धर्म भारत का प्राचीन धर्म और गीता वेदों का सार| भारत की शस्य श्यामला धरती से आकर्षित हो कर हमलावर आते यहीं के हो कर रह जाते |विश्व में एक समय ऐसा आया इस्लाम का डंका बजा, धर्म युद्ध हुए| धर्मांतरण किसी रूप में उचित नहीं है लेकिन फिर भी विश्व में धर्म परिवर्तन हुए हैं इतिहास इसका गवाह है| विश्व का कौन सा देश है जिसने इसका दंश नहीं झेला, घर्म के नाम पर कई युद्ध हुए कई देशों में राजा ने धर्म बदला नागरिकों का वही धर्म हो गया और वही राष्ट्र धर्म बन गया | पूरे भारत में धर्म के नाम पर क्या नहीं हुआ लेकिन हिन्दू धर्म कैसे बचा हैरानी की बात है ? धर्म को बचाने के लिए कितनी कुरबानियां दी गई इतिहास इसका गवाह है दिल्ली की उस समय की सड़कों पर कितनी बार खून बहा क्या इसका हिसाब है ? देश अंग्रेजों का गुलाम हुआ उसके साथ धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से क्रिश्चन मिशनरियाँ आई प्यार से ,डरा कर अंग्रेजी पढ़ा कर और प्रलोभन दे कर धर्मान्तरण किया गया | भारत से मजदूर के रूप में भारतीय अंग्रेज ठेकेदारों द्वारा खेती के लिए कई द्वीपों में ले जाए गये रोजी रोटी कमाने गये यह लोग अपने साथ राम चरित्र मानस और हनुमान चलीसा ले गये परदेस में उनकी जात प्रथा खत्म हो गई परन्तु ईसाई मिशनरियों के दबाब में भी अपना धर्म नहीं छोड़ा आज भी वह हिन्दू हैं |
देश ने धर्म के नाम पर बहुत कुछ झेला धर्म के नाम पर देश के दो टुकड़े हो गये और पाकिस्तान की स्थापना हुई |आजादी के बाद देश के संविधान ने धर्मनिर्पेक्षता को स्वीकार किया गया ,हिन्दू एक सहिष्णु संस्कृति हैं| देश में आज कल कुछ मुस्लिमों को हिन्दू बनाने पर संसद से लेकर राजनीतिक गलियारों में शोर मचा हैं क्या धर्म परिवर्तन नई बात है| रोम के वैटिकन चर्च की भारत पर सदैव निगाह रही है खुले रूप में गरीबों और आदिवासियों में खास कर संथालों में ईसाई मिशनरियों की जबर्दस्त पैंठ है उन्हें लालच दे कर बदला जा रहा है उनकी गरीबी का भरपूर फायदा उठाया| इसके लिए विदेशों से प्राप्त कई संस्थाए काम कर रही हैं कई स्थानों पर विदेशी किसी भारतीय के साथ मिल कर कुटीर उद्योग शुरू करते हैं उनमें केवल ईसाईयों को काम पर रखा जाता हे गरीबी से मजबूर लोग काम के लालच में अपना धर्म बदल लेते हैं उनके फोटो खीच कर और धर्म परिवर्तन के आंकड़े चंदा देने वाली संस्थाओं को दिए जाते हैं ,ईसाई धर्म में दीक्षित लोगों को क्रिसमस आदि के मौके पर छोटे मोटे उपहार दे कर उसके बदले विदेशों में मोटी रकमें वसूल की जाती हैं यू कहिये गरीबी जम के बेचीं जाती हैं ,किसी राजनेता के कान पर जूं नहीं रेंगती | बिमारी पूरी तरह ठीक हो जायेगी जैसे मिर्गी , विकलांगता और मंदबुद्धि के बच्चों को धर्म बदलने पर ठीक करने की गारंटी दे कर माता पिता का भी धर्म परिवर्तन कर दिया है | हमारे भारतीय भी धन के इस स्तोत्र को सीख गये हैं पुरे जोश से इस काम में लगे हैं | किसी भी गरीब के बच्चे को देख कर उसमें धन नजर आता हैं मुहँ में पानी आ जाता है उसके माता पिता को आश्वासन दिया जाता है आपके बच्चे को हम मिशनरी स्कूल में दाखिल करवा देंगे आपके घर में अंग्रेजी का मौहौल नहीं है बच्चा हौस्टल में रहेगा उसकी जिन्दगी बन जाएगी कुछ दिन चर्च में बुला कर पूरे परिवार का धर्म बदल दिया जाता है |अनाथों के नाम से सस्ती जगह खरीद कर अनाथालय बनाना जमीन की खरीद से लेकर भवन बनने तक का पूरा खर्चा विदेश से आता है फिर उसमें अनाथ बच्चों के नाम पर भी खर्चा आता है परन्तु सबकी आखें बंद रहती हैं अंदर ही अंदर देश को कुतरा जा रहा कोइ शोर नहीं सभी सरकारें इस गोरख़ धंधे को जानती हैं
मुस्लिम समाज -यदि कोई व्यक्ति या दूसरे धर्म का दोस्त मिल जाए उसके कानों में लगातार धर्म का रस घोला जाता है |स्वर्ग की गारंटी का सर्टिफिकेट दिया जाता हैं |आजकल लड़के नाम बदल कर राजू सोनू बिट्टू पप्पू आदि नाम से घूमते हैं हाथ में लाल रंग का कलावा बाँध लेते हैं | प्रेम करने का सबको अधिकार है आपका अपना जीवन हैं लेकिन यदि विवाह बंधन में बंधना है तो क्या विवाह कोर्ट में नहीं होना चाहिए? इससे लड़की को देश के कानून के अनुसार सुरक्षा मिले निकाह में वह तीन बार तलाक – तलाक कह कर घर से बाहर की जा सकती है या लड़के का दूसरा विवाह हो जाता हैं इस विवाह से उत्पन्न बच्चे भी इस्लाम हैं | हिन्दू माता पिता अपनी बेटी को बुरे वक्त में अपनाने से गुरेज करते हैं, बिचारी लडकी कहाँ जाए ? एक बार फंस जाने पर लडकी को तलाक देने का अधिकार नहीं है यदि हिन्दू लड़का मुस्लिम लड़की से विवाह कर लेता है उसकी ख़ैर नहीं लड़की का पूरा परिवार लड़के पर दबाब देने जुट जाता हैं उसे कुफ्र लगता है |’ बड़े लोगों की बात छोड़ दीजिये’ उनका अपना समाज है यदि कोई प्रतिष्ठित या प्रतिष्ठित घर की लड़की किसी मुस्लिम समाज में विवाह कर लेती है उसकी राजनैतिक हलकों में और इज्जत बढ़ जाती है उसके लिए राजनीति के दरवाजे भी खुल जाते हैं |आम घरों में सबसे बुरा हाल है हिन्दू मुस्लिम शादी से उत्पन्न बच्चों का भविष्य है |यदि लडकियाँ हैं हिन्दू अपनाते नहीं हैं मुस्लिम धर्म बदलने की शर्त रखते हैं |एक और बात है इस्लाम में जात पात की बात न होने की बात की जाती हैं परन्तु जिस पूर्वज ने धर्म बदला था उस समय जो उनकी जाति थी उसका सरनेम भी नाम के साथ जुड़ा रहता है और शादी विवाह के मौके पर इसका ध्यान रखा जाता हैं |
आज कल कई गुरु कबीर दास जी इस दोहे का सहारे- गुरु गोविन्द दोऊ खड़े ,काको लागू पाव,
बलिहारी गुरु आपने , जिन गोविन्द दियो बताय , स्वयं पहले गुरु ,फिर भगवान बन जाते हैं ,वैसे वह सभी धर्मों का अपने मत में आने का आह्वान करते हैं परन्तु हिन्दू सहिष्णु हैं “ ना जाने किस वेश में बाबा मिल जाए भगवान रे “ उनके चक्कर में सबसे अधिक आते हैं | यह गुरु सामाजिक सेवा का कार्य कर प्रसिद्धी पाने लगते हैं धीरे – धीरे माला माल भी होते जाते हैं फिर अपने आप को भगवान, मोक्ष का दाता घोषित करते हैं | पिछले दिनों इस प्रकार के कई गुरु जेल की हवा खा रहे हैं | कई ऐसे धाम हैं जहाँ प्रचार के लिए स्पेशल डिपार्टमेंट बनाये गये हैं, जम कर मार्किटिंग की जाती है इस दरबार में हर मनोकामना पूरी होगी जो दान करोगे दुगना या तिगुना हो कर मिलेगा लोग बढ़ चढ़ कर चढ़ावे चढ़ाते हैं ,यह धाम माला माल हो जाते हैं ,नुकसान हिन्दू धर्म का होता है|
आगरा में कुछ मुस्लिम परिवारों का धर्मांतरण किया गया जिसे घर वापसी का नाम दिया गया |लेकिन मुस्लिम संगठनों के विरोध के कारण वह कलमा पढ़ कर फिर मुस्लिम हो गये | जिस आदमी का जिस धर्म में जन्म हुआ है वही माता पिता द्वारा दिया धर्म बच्चे का धर्म होता हैं उसी में वह संस्कारित होता है, उसका नाम करण संस्कार किया जाता है
हमारे संविधान में धार्मिक स्वतन्त्रता के अधिकार में धर्म के प्रसार का अधिकार केवल अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए दिया गया था जिससे अल्पसंख्यकों के NGO जम कर धर्मांतरण कर रहे हैं यह पूरा व्यवसाय बन गया है यदि यह काम हिन्दुओं द्वारा किया जाता है बेशक यह जबरदस्ती न हो इस पर हंगामा हो जाता है संसद के गलियारों से लेकर सडकों पर हंगामा होता सबको अपना वोट बैंक हिलता नजर आता है| क्या जरूरत नहीं है इस विषय पर बहस हो और २५ (१ ) में दिए प्रसार के अधिकार पर लगाम लगे इसे खत्म किया जाए ? डॉ शोभा भारद्वाज

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