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“जर्मनी “का उत्थान और पतन अब प्रजातांत्रिक गणराज्य

Vichar Manthan
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प्रधान मंत्री मोदी जी ने जर्मनी के हनोवर शहर में गाँधी जी की मूर्ति का अनावरण किया | जर्मनी एक ऐसा राष्ट्र हैं जो दो विश्व युद्धों का कारण बना किसी भी देश की नीति उस देश के राजनैतिक विचारकों से प्रभावित होती है |जर्मन विचारक हीगल की युवावस्था में फ़्रांस में राज्य क्रान्ति हुई थी जिससे योरोप में राजनितिक चेतना जाग्रत हुई , स्वतन्त्रता ,समानता बन्धुत्व का नारा बुलंद हुआ |हीगल ने भी इस क्रांति में योगदान दिया था जहाँ एक और प्रजातंत्र के पक्ष में वातावरण था दूसरी और जर्मनी के राजनेता सामंत , सैनिक ,पूंजीपति और नौकर शाह अपने देश को समृद्ध और सुसंगठित बनाना चाहते थे अत : वह एक ऐसी व्यवस्था के समर्थक थे जो प्रजातंत्र की भाषा बोले लेकिन अधिनायक वाद को न्याय संगत बताये अत : हीगल ने जर्मन राज्य के लिए उनकी विचारधारा के उनके अनुसार पहले कुटुम्ब थे कुछ समय बाद समाज का जन्म हुआ समाज को नियंत्रित करने के लिए राज्य का जन्म हुआ | राज्य में कुटुम्ब और समाज दोनों की विशेषताए समाई रहती है| प्राचीन काल में स्वेच्छाचारी राज्य थे जिनमें जनतंत्र का भी जन्म हुआ स्वेच्छाचारिता और जनतंत्र में निरंतर संघर्ष होता रहता था जिसके परिणाम स्वरूप संवैधानिक राजतन्त्र का उदय हुआ | उनके अनुसार जर्मन राज्य सर्व श्रेष्ठ है जहाँ संवैधानिक राजतन्त्र है जिसे उन्होंने उचित सिद्ध कर उसका समर्थन भी किया |उनके अनुसार राज्य एक दैवीय संस्था है, उसकी उत्पत्ति बाहुबल से होती है उसकी रक्षा के लिए युद्ध न्याय संगत होता है |
जर्मनी को मजबूत राज्य बनाने में सबसे बड़ा योगदान बिस्मार्क का है मैं उनको नमन करती हूँ विस्मार्क से पहले जर्मनी खंडित था विस्मार्क ने सदैव राज्य पक्ष का समर्थन किया जिससे उनका प्रभाव बढ़ता गया एक दिन वह पर्शिया के प्रधानमन्त्री बन गये |अब उन्होंने जर्मनी को एक सूत्र में बाँधने का प्रयत्न किया | वह उन प्रधानमंत्रियों में नहीं थे जो कार्यालय में बैठ कर राजकाज चलाते हें वह युद्ध की गतिविधियों पर भी ध्यान रखते थे अत :उन्हें लौह पुरुष कहा जाता हैं | जर्मनी का साम्राज्य विशाल हो गया अब वह मजबूत राष्ट्र बन गया |वह कहते थे ‘राजनीति में भावुकता का कोई स्थान नहीं है’ | तत्कालीन जर्मन |सम्राट विलियम प्रथम का देहांत हो गया |उनका पुत्र विलियम कौसर द्वितीय सम्राट बने, युवक सम्राट बहुत महत्वकांक्षी थे उन्हें विस्मार्क का नियन्त्रण पसंद नहीं था | विस्मार्क अपने पद से इस्तीफा देकर अपनी जमींदारी में लौट गये मृत्यु तक उनकी शान और तेज में कोई कमी नहीं आई | |विलियम कौसर की नजर यूरोप के देशों के उपनिवेशों पर थी अत: १९१४ के प्रथम विश्वयुद्ध की शुरुआत कौसर के द्वारा हुई | यह युद्ध पांच वर्ष तक चला मजबूत जर्मन साम्राज्य बर्बाद हो गया | प्रथम विश्व युद्ध के समय भारत ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था हम ब्रिटेन के गुलाम थे अत : भारतीय सेना को भी युद्ध में भाग लेना पड़ा जिसमें ७५ हजार भारतीय विदेशी भूमि में मारे गये |
जर्मनी को बड़ी ही शर्मनाक संधि जिसे बारसा पैक्ट कहते हैं हस्ताक्षर करने पड़े कहते हैं रेल के डिब्बे में जर्मनी के प्रतिनिधियों को फ्रांस के अधिकारियों ने अपमानजनक ढंग से हस्ताक्षर करने के लिए विवश किया |यह ऐसा अपमान था जिसे सहना आसान नहीं था |उस समय हिटलर एक सामान्य सैनिक के समान इस अपमानजनक व्यवहार देख रहा था उसके दिल में क्षोभ की आग धधकने लगी| हिटलर नें नाजी दल की स्थापना कर सत्ता की और कदम बढ़ाये तत्कालीन बूढ़े राष्ट्पति हिंडन बर्ग से सत्ता हथिया लीं |जितनी नफरत मित्र राष्ट्रों के अपमान जनक व्यवहार के लिए हिटलर के दिल में थी उतनी ही जर्मन की जनता के दिल में भी थी |हिटलर की विचार धारा उसकी लिखित पुस्तक “मीन काफ” में स्पष्ट है उसने जर्मन के आत्म सम्मान को जगाया उन्हें सर्व श्रेष्ठ रेस बताया |1929 की आर्थिक मंदी में लोग भूखे और बेघर थे उन्हें हिटलर में करिश्माई नेता नजर आया | पहले जर्मनी को शक्तिशाली बनाया फिर बारसा पैक्ट को रद्दी की टोकरी में डाल दिया| अब जर्मनी में एकतरफ दमन चक्र चल रहा था यहूदियों का ऐसा संहार किया गया उनकी गैस चेम्बरों में सामूहिक हत्या कर भट्टियों में डाल दिया |कम्युनिस्टों के साथ भी अमानवीय व्यवहार किया दूसरी और विश्व को ऐसा आभास हो रहा था हिटलर के नेतृत्व में जर्मन तरक्की कर रहा है आगे बढ़ रहा है | जर्मनी का चहुमुखी विकास हो रहा था टेक्नोलोजी के क्षेत्र में जर्मन अद्वितीय था |दो जर्मन वैज्ञानिक एटम की खोज कर रहे थे | अब हिटलर एकके बाद एक राष्ट्रों पर चालाकी से अधिकार जमाने लगा | उस समय के ब्रिटिश प्रधान मंत्री चेम्बर लेन शान्ति में विश्वास करते थे उन्हें हिटलर के मंसूबे समझ में आने लगी | एक सितम्बर १९३९ को पोलेंड पर हमला कर दिया गया जिसका विरोध करते है विश्व को फिर से भयानक विश्व युद्ध में धकेल दिया हिटलर को फ्रांस द्वारा किया गया अपमान याद था उसने फ्रांस को तहस नहस कर एफिल टावर को तोड़ने की योजना बनाई परन्तु बाद में उसे स्थगित कर दिया |इस युद्ध का अंत हिटलर के पतन से हुआ |जर्मनी में एक और सोवियत सेनायें खड़ी थी दूसरी तरफ एंग्लो अमेरिकन ब्लाक की सेनायें बर्लिन पर रशियन सेना ने अधिकार कर लिया अबकी बार जर्मनी को कमजोर करने के लिए उसके दो हिस्से कर दिए गये |जर्मनी पूरी तरह से हताश और निराश हो गया |
जर्मनी के बीचो बीच बर्लिन की दीवार खिच गई पूर्वी जर्मनी और पश्चिमी जर्मनी भाई से भाई अलग हो गया पिता से पुत्र लोग उस दीवार के पास खड़े हो कर रोते थे| 25 वर्ष बाद जर्मन दीवार टूटी जर्मन का फिर एकीकरण हुआ | अब जर्मनी प्रजातंत्र की राह पर चल कर फिर से मजबूत राष्ट्र बना | जर्मन गणराज्य में संसदीय प्रणाली है राष्ट्र का कार्यपालिका अध्यक्ष राष्ट्रपति हैं जिसके अधिकार सीमित हैं इनका चुनाव संसद के दोनों सदन करते है इनका कार्यकाल पांच वर्ष है |
संसद के दो सदन है निचला सदन जैसे हमारे यहाँ लोकसभा है 1 . वुंडेस्टाग कहलाता है जिसके प्रतिनिधि जनता द्वारा चुने जाते हैं जिसके सदस्यों की संख्या 600 हैं यह चार वर्ष के लिए चुने जाते हैं | जर्मन संसद को राइशटाग कहते हैं यह बेहद खूबसूरत भव्य बिल्डिंग है जो बर्लिन में स्थित है | 2 .वुंडेसराट यह ऊपरी सदन है जर्मनी के 16 राज्यों के प्रतिनिधि प्रतिनिधित्व करते है |इन दोनों सदनों में कानून प्रस्तुत किये जाते हैं उन पर बहस होती है |
प्रत्येक 18 वर्ष से ऊपर के नागरिक को वोट देने का अधिकार है प्रत्येक मत दाता को दो मतपत्र दिए जाते हैं एक में वह अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों को वोट देता है दूसरा मत राजनितिक पार्टी को दिया जाता है संसद में उसी राजनितिक दल को प्रतिनिधित्व दिया जाता है जिसको 5% से अधिक मत प्राप्त हुए हैं | अधिक मत प्राप्त दल सदन में ताकतवर दल बन जाता है |एंजिला मर्केल पहली महिला चांसलर हैं है जो अब तक के चांसलरों से कम उम्र की हैं यहाँ क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी यह रुढ़िवादी दल है और सोशल डेमोक्रेटिक दल की मिली जुली सरकार है और भी अनेक दल हैं जर्मनी में जल्दी ही चुनाव होने वाले हैं |चुनाव प्रचार बहुत महंगे हैं |
जर्मनी खुली अर्थ व्यवस्था का समर्थक देश है आर्थिक रूप से शक्तिशाली देश है योरोप की आर्थिक मंदी का उस पर कोई असर नहीं हुआ उलटा वह योरोपीय देशों को वित्तीय सहायता देता है नरेंद्र मोदी चाहते हैं मेक इन इंडिया के तहत जर्मनी भारत में निवेश करे लेकिन हर निवेशक की एक ही समस्या है हमारे देश के कानूनी अडंगे है |कानून को निवेशकों के अनुसार बनाया जाये पूर्ण विवेचना करने पर स्पष्ट होता है हीगल ने अपने समकालीन जर्मन राष्ट्र को शक्ति शाली बनाने के लिए लिए उग्र आदर्शवादी दर्शन प्रस्तुत किया था आज उसी देश में प्रजातांत्रिक व्यवस्था है वह आज भी शक्तिशाली अर्थव्यवस्था वाला राष्ट्र है |हिटलर के समकालीन महात्मा गाँधी के अहिंसा का संदेश भारत के प्रधान मंत्री ने जर्मन की जनता को दिया |
डॉ शोभा भारद्वाज

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