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जीवन जरूरी हैं या सिगरेट ,गुटका और तम्बाकू

Vichar Manthan
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जीवन जरूरी है या तम्बाकू का किसी भी रूप में सेवन 31 मई विश्व तम्बाकू निषेध दिवस है| मैने कुछ तम्बाकू सेवन करने वालों का हश्र देखा हैं मेरे घर एक परिचिता काम मांगने आई पहले मेरी समझ में नहीं आया इसे काम की क्या जरूरत पड़ गई इस परिवार को मैं जानती थी बहुत खाता पीता परिवार था पति अपना ट्रक चलाता था पूछने पर पता चला ससुर सिगरेट के शौकीन थे समझाने पर भी नहीं मानते थे उन्हें कैंसर हो गया जीना चाहते थे बेटों ने इलाज कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी पहले घर बिका फिर ट्रक एक दिन ससुर की जुबान गल कर गिर गई पूरी कोशिश की मृत्यु आये तो शान्ति से परन्तु ऐसी मौत वह बताते बताते कांपने लगी | उसने कहा आपके परिवार को जानती हूँ इस लिए सोचा आप के घर से काम शुरू करूं रिश्तेदार कहते हैं तुम्हारे ससुर का इतना नाम हैं क्या घर –घर बर्तन रगड़ोगी वह यह भी नहीं चाहती थी लोगों को पता चले अमुक की बहू काम कर रही हैं | वह अधिक पढ़ी भी नहीं है |
हमारे पास के रिश्तेदार थे बहुत बड़ी हस्ती थे पढाई में नाम था सम्मानित बहुत ऊचे पद पर काम कर रहे थे उन्होंने अपने बेटे के ब्याह के लिए हमें बुलाया उनकी उम्र ज्यादा नहीं थी बेटा विदेश में अति प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में पढ़ने जा रहा था | वह सिगरेट और तम्बाकू वाले पान के बहुत शौकीन थे मेरे पति उन्हें इसके लिए बहुत टोकते थे | हम उनके यहाँ पहुंचे वह दिखाई नहीं दिये अजीब लगा जब सब लोग पहुँच गये उन्हें व्हील चेयर पर लाया गया उनके विभाग नें उनके लिए हर समय साथ रहने वाला अटेंडेंट नियुक्त किया था उन्हें कैंसर हो चुका था उनका हर तरह से इलाज किया जा चुका था बहुत मन भारी हुआ | विवाह भी धूमधाम से किया गया | विवाह के बीस दिन बाद उनके लड़के के विदेश रवाना होने से पहले परिवार का फोन आया उनकी मृत्यु हो चुकी थी |मेरे पति पर उनकी मौत का इतना असर पड़ा वह कैंसर के मुख्य कारण तम्बाकू को छुड़ाने में लग गये | दूर – दूर से उनके पास लोग आते कुछ तो ऐसे थे जिनके गाल पर तम्बाकू सेवन से पहला पैच पड़ जाता है वह उसे इतना समझाते हैं अभागा ही होगा जो इसके बाद तम्बाकू की तरफ देखेगा फिर भी कुछ पर ही असर होता हैं |
हमारे एक और रिश्तेदार जिनका नाम नहीं लिखूंगी हम –दादा कहते थे बहुत बड़ी कम्पनी के कम उम्र के सीओ तम्बाकू मिश्रित पान मसाला खाने की आदत पड़ गई कम्पनी के काम से बाहर जाते पूरे सफर में वह मसाला चबाते रहते थे उनकी पत्नी भी इंजीनियर थी जल्दी ही कैंसर रोग से वह दुनिया को छोड़ गये यह दुःख सहना बहुत मुश्किल हो रहा था| माता पिता बहुत सम्मानीय समाज में माननीय थे बूढ़े थे अकेले रह गये |काश जरा सा मन को मार लिया होता |
एक बार मैं कहीं जा रही थी एक महोदय मुझसे पता पूछने लगे वह क्या बोल रहे थे बस कुछ ध्वनियाँ हीं थी मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था वह क्या कह रहे हैं उन्होंने एक कागज निकाला उस पर लिख कर पता पूछा मैने उनसे पूछा वह ठीक से बोल क्यों नहीं पाते उन्होंने लिखा गुटके का प्रताप उनका आपरेशन किया गया था अब अक्सर गले में सिकाई होती हैं |
अनगिनत उदाहरण हैं परन्तु फिर भी तम्बाकू सेवन करने वाले बचने का रास्ता निकाल लेते हैं अरे हमारे दादा ने जम कर तम्बाकू खाया कुछ नहीं हुआ क्या जरुरी है आप भी दादा की तरह भाग्यवान हों? पहले तम्बाकू का पान खाने पान की दुकान पर जाना पड़ता था कुछ घरों में पानदान रहता था पान का पत्ता लाना उसे ढक कर रखना पान बनाना पड़ता था अब पुड़िया निकालो मुहं में डाल लो और चबाना शुरू कर दो एक बात मेरे समझ में आज तक नहीं आई यदि तम्बाकू इतनी अच्छी चीज हैं उसको थूकने के लिए बेचैन क्यों हो जाते हैं निगल क्यों नहीं लेते | जरा सी सुस्ती आई तम्बाकू या गुटका मुहं में डाल लेते हैं यह तो कोड़े मार कर शरीर को चलाना है | किसी कम उम्र के लडके के मुहं से लगी सिगरेट या मुहं से आती गुटके की बू मुझे बहुत परेशान करती है मैं समझाने की कोशिश करती हूँ समझाना और समझना दोनों में अंतर है|

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