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समाज सुधारक गांधी जी “महिला सशक्तिकरण ,स्वच्छता अभियान “

Vichar Manthan
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महिला सशक्तिकरण
राष्ट्रपति बराक ओबामा के सामने 26 जनवरी की परेड में तीनों सेनाओं जल ,थल और बायु सेना के महिला दस्ते ने परेड की|जिसके लिए महिलाएं गाँधी जी की सदैव ऋणी रहेंगी उन्होंने उन्हें पर्दे से बाहर निकाल कर आंदोलनों का हिस्सा बनाया |उनकी पत्नी कस्तूरबा उनकी सहचरी थी उन्होंने उन्हें भी स्वयं शिक्षित करने का प्रयत्न किया | गाँधी जी के समय में महिलाओं को वह आजादी नहीं थी जिस आजादी की वह हक दार है गाँधी जी कहते थे एक बेटी को पढाना पूरे कुल को पढ़ाने जैसा है | पढ़ी लिखी माँ आगे अपनी सन्तान की शिक्षा का भी ध्यान रखेगी तभी समाज में सुधार आयेगा|गाँधी जी ऐसे समाज की कल्पना करते थे जिसमें बालिका को समान अधिकार हों यदि स्त्रियाँ या बालिकायें अशिक्षित रहेंगी देश उन्नति नहीं कर सकेगा | वह पुत्र और पुत्री दोनों को समान मानते थे |गाँधी जी बालक बालिकाओं की सह शिक्षा के समर्थक थे |वह कहते थे मैं लड़कियों को सात तालों में बंद रखने का बिलकुल समर्थन नहीं करता |लड़के लडकियों को साथ पढने मिलने जुलने का मौका मिलना चाहिए आश्रम में यदि कभी कभार लड़के लड़कियों में कोई अनुचित व्यवहार की घटना हो जाती थी गाँधी जी प्रायश्चित में स्वयं उपवास करते थे | केवल शिक्षा ही नहीं उनकी स्थिति में सुधार कर उन्हें आर्थिक दृष्टि से भी मजबूत बनाना चाहिए |उनके अनुसार हमारे कुछ ग्रन्थ महिलाओं को पुरुष के मुकाबले हींन मानते हैं ऐसा सोचना गलत है स्त्री के लिए आजादी और स्वाधीनता जरूरी है | कई महिलाओं ने स्वतन्त्रता संग्राम में हिस्सा लिया वह विदेशी वस्तुओं की दुकानों में पिकेटिंग करती थी उनका बहिष्कार करने के लिए लोगों को समझाती थी |स्वतन्त्रता आन्दोलन में उनका योगदान कम नहीं था |उसमें पुरुष के मुकाबले बौद्धिक क्षमता कम नहीं होती | गाँधी जी दहेज प्रथा के विरोधी थे उनके अनुसार अपनी बेटी को पढने का अवसर दो यही सबसे बड़ा दहेज हैं |
उन्होंने कालेज के छात्रों को फटकारा वे स्त्रियों को घर की दासी समझते हैं उन्हें इस बात का बहुत दुःख था दहेज ने योग्य पुरुषों को बिकाऊ बना दिया है | वहकहते थे यदि मेरे कोइ लडकी होती में उसे जीवन भर कुवारी रख लेता लेकिन ऐसे पुरुष से विवाह नहीं करता जो दहेज में एक कोड़ी भी मांगे |वह विवाह में तड़क भड़क के विरोधी थे|वह बाल विवाह के विरोधी थे उनके अनुसार जब भी में किसी तेरह वर्ष के बालक को देखता हूँ मुझे अपने विवाह की याद आ जाती है गोद में बिठाने लायक बच्ची को पत्नी रूप में ग्रहण करने में मुझे कोइ धर्म नजर नहीं आता |विधवाओं के पुनर्विवाह का वह समर्थन करते थे कुछ परिस्थितियों में वह तलाक के भी पक्ष धर थे उन्होंने जेल से एक हिन्दू स्त्री को अपना आशीष भेजा जो अपने पहले पति क त्याग कर दूसरा विवाह करने जा रही थी | गाँधी जी कट्टर सनातनी थे परन्तु जाती संप्रदाय के बाहर विवाह का समर्थन करते थे| श्री जवाहरलाल नेहरु जी की पुत्री इंदिरा पारसी युवक फिरोज से विवाह करना चाहती थी नेहरु जी को स्वीकार नहीं था गाँधी जी ने फिरोज को अपना गांधी सरनेम दिया आज भी इस परिवार के साथा गाँधी सरनेम चल रहा हैं | देश आजाद हुआ भारत के संविधान में स्त्रियों को समान अधिकार दिये | हम महिलाये राजा राम मोहन राय की ऋणी हैं जिन्होंने हमारी पूर्वज महिला समाज को चिता से उठाया | इतिहास कार इबनबतूता भारत की यात्रा पर आये उन्होंने एक प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा मैं एक क्षेत्र से गुजर रहा था मैने देखा एक लडकी उसकी उम्र मुझे अधिक नहीं लगी वह पूरी तरह दुल्हन की तरह सजी हुई थी लेकिन लडखडा कर सहारे से चल रही थी आगे -आगे एक अर्थी जा रही थी एक श्मशान के पास जलूस रुक गया वहाँ एक चिता चुनी गई चिता मृत शरीर के साथ उस लड़की को बिठाया गया चारो तरफ लाठियाँ लेकर कुछ लोग खड़े थे और तेज बाजे बज रहे थे उस लडकी ने भागने की कोशिश की उसे वहीं चिता में दबा कर ज़िंदा जला दिया वह यह नजारा में सह नहीं सका बेहोश हो गया | राजाराम मोहन राय की बहन विधवा हुई वह छोटी थी उसके पति की मृत्यु के बाद उसे सती कर दिया गया वह छोटे थे कुछ नहीं कर सके इसका उनके दिल पर बहुत असर पड़ा उन्होंने इस कुरीति को जड़ से उखाड़ फेकने की प्रतिज्ञा की उनके और अंग्रेज वायसराय लार्ड बैटिंक के प्रयत्नों के परिणाम स्वरूप सती प्रथा पर रोक लगी |उनके समकालीन अनेक समाज सुधारकों ने बाल विवाह , पर रोक लगाने की कोशिश की विधवाओं की दशा सुधारने का उनके दुबारा विवाह का प्रयत्न किया | महात्मा गाँधी ने महिलाओं को सम्मान से जीने का हक एवं अधिकार देने की वकालत की |
गाँधी जी स्वस्थ शरीर पर बल देते थे उनके अनुसार स्वस्थ शरीर के लिए हृदय और मस्तिष्क से गंदे अशुद्ध और निकम्मे विचार निकाल देने चाहिए | यदि मन चंगा होगा शरीर भी स्वस्थ होगा शरीर और मन में तालमेल जरूरी है |सभी को प्रात: कल उठ कर ताज़ी हवा का सेवन करना चाहिए अपने परिवेश को साफ़ सुथरा रखें सदैव चुस्त रहें सीधे बैठें और खड़े भी रहें | भोजन उतना करें जितना शरीर की जरूरत है ठूस- ठूंस कर कभी न खायें |हर कौर को चबा – चबा कर खायें | खाना इसलिए खाना चाहिए शरीर में ताकत रहे मानव बंधुओ की सेवा कर सकें |जैसा भोजन करेंगे वैसा ही मन बनता हैं | वह शाकाहारी भोजन के पक्षधर थे उनकी पत्नी और बेटा बीमार था डाक्टर ने उन्हें मास का शोरबा देने की सलाह दी उन्होंने डाक्टर की बात नहीं मानी|
स्वच्छता अभियान “गांधी जी “
गाँधी जी बचपन से ही तर्क शील थे उनके घर राजकोट में ऊका नाम का सफाई कर्मचारी था उस समय के अनुसार उसका स्पर्श होने पर नहाना पड़ता था गाँधी जी को यह पसंद नहीं था वह माँ से तर्क करने लगे एक व्यक्ति घर की गंदगी साफ़ कर हमारी सेवा करता हे हम उससे दूर रहें लेकिन स्वयं सफाई करना उन्होंने दक्षिणी अफ्रिका में सीखा | गोरे भारतीयों को उनकी कई गंदी आदतों के कारण बहुत नफरत से देखते थे गाँधी जी जब भी भारतियों के घर जाते उन्हें अपने परिवेश को साफ रखने की सलाह देते |डरबन में गांधी जी का घर गोरे लोगों के घरों की तरह था गुसलखाने में पानी के निकास के लिए कोइ नाली नहीं थी कमोड और पेशाब के लिए बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता वह कभी कभी स्वयं उन बर्तनों को साफ़ करते| लेकिन यह अभ्यास उन्हें तब हुआ जब वह अपने बीबी बच्चों को लेने भारत आये | इस बीच बम्बई में प्लेग का प्रकोप हुआ. प्लेग एक खतरनाक छूत की बीमारी है, यह बड़ी बड़ी बस्तियों को अपनी चपेट में ले लेती है. और देखते देखते हजारों हजारों व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है. यह बीमारी विशेष रूप से पाखाने की गंदगी से फैलती है. सरकार ने स्वच्छता अभियान चलने के लिय एक समिति बनाई गाँधी जी ने अपने आपको इस समिति के लिये प्रस्तुत किया और उन्हें इसमें ले लिया गया. गाँधी जी के सुझाव पर घर घर जाकर पाखानो के निरीक्षण कर उन्हें साफ़ रखने के लिये लोगों को शिक्षित करने का कार्यक्रम बना. समिति ने देखा कि बड़े लोगों के घरों के पाखाने ज्यादा बदबूदार, गंदे थे जिसमें कीड़ों कुलबुलाते थे | समिति ने सुधार के बहुत से उपाय सुझाए कुछ ही लोगों ने उनका पालन किया. हरिजन बस्तियों में जाने के नाम पर समिति के एक के अतिरिक्त कोई समिति सदस्य वहां चलने के लिये तैयार नहीं हुआ. भंगी बस्ती में जाने पर गाँधी जी को हर्ष मिश्रित आश्चर्य हुआ वह बड़े साफ़ सुथरे थे पूछने पर पता लगा उनके पाखाने तो जंगल में हैं. इसलिए वहां गंदगी का नाम ही नहीं था | राजकोट में भी प्लेग फैलने की आशंका थी वह तत्काल राजकोट की सफाई में जुट गये घर – घर जा कर उन्होंने संडासों को साफ़ रखने की जरूरत समझाई गाँधी जी का परिवार बहुत प्रतिष्ठित था गांधी जी जैसा बिरला ही यह साहस कर सकता था |
गाँधी जी ने की बार पूरे भारत का दौरा किया जहाँ भी गये उन्होंने वहाँ गंदगी देखी रेलवे स्टेशनों और धर्मशालाओ में गंदगी और बू के कारण बुरा हाल देखा | गांवों की कच्ची सडकों का और भी बुरा हाल था |वह जहाँ भी जाते लोगों को समझाते जब तक आप अपने हाथ में झाड़ू और बाल्टी नहीं उठाओगे तब तक आपके आसपास की गंदगी इसी तरह बढ़ती रहेगी |वह कहते थे विक्टोरिया क्रास पाने में जितने साहस की जरूरत है सफाई रखने के लिए उतने ही साहस की जरूरत है | गांधी जी ने अपने जीवन का बहुत बड़ा भाग हरिजनों के हित के लिए समर्पित किया उन्होंने उनके लिए सत्याग्रह किया उन्हें हरिजन नाम उन्हीं ने दिया था , उनकी बस्तियों में वह उन्हें स्वच्छता का पाठ पढाते थे बस्तियों की सफाई करवाते| उनके आश्रम में विभिन्न जातियों धर्मों के लोग रहते थे सफाई का पूरा कम आश्रम वासी खुद करते थे कहीं भी गंदगी या कूड़ा दिखाई नहीं देता था |सब्जियों के छिलकों और जूठन को खाद बनाने वाले गढ़े में साल दिया जाता उसे मिट्टी से ढक दिया जाता जिससे खाद बनाई जाती इस्तेमाल किये गये पानी से बाग़ की सिचाई होती |मल मूत्र दोनों के लिए अलग व्यवस्था थी गाँधी जी के आश्रम वासियों स्त्री और पुरुष के मन से गंदगी के प्रति घृणा समाप्त हो चुकी थी |७६ वर्ष की आयु में वह बड़े गर्व से कहते थे मुझे सफाई से कोई परहेज नहीं हैं मैं स्वयं साफ़ सफाई करता हूँ चाहो तो मेरा भी हरिजनों के साथ बहिष्कार कर दो|एक बार गाँधी जी खादी के प्रचार के दौरा कर रहे थे उन्हें जिस सभा में बोलना था वहाँ हरिजनों को नहीं आने दिया गया जब गांधी जी को पता चला उन्होंने संयोजकों से कहा अपना अभिनन्दन पत्र अपने पास रखो में हरिजनों के पास जा कर भाषण दूंगा जिसे मेरी बात सुननी हैं वहीं आ जाये |अपनी मृत्यु से दो वर्ष पहले वह दिल्ली की हरिजन बस्तियों में ठहरे वह उनके साथ भोजन भी करना चाहते थे लेकिन इस आयु में वह प्रयोग के लायक नहीं रह गये थे |किसी हरिजन को सिर पर मेला ढोते देख कर उनकी आत्मा रो देती थी एक बार एक विदेशी ने उनसे पूछा यदि एक दिन के लिए आपको वायसराय बना दिया जाए आप क्या करेंगे उन्होंने कहा राजभवन के आस पास की हरिजन बस्तियों को साफ़ करुगा | जहाँ गाँधी जी उस समय कोढियों को समाज से दूर कर दिया जाता था वह अपने हाथों से उनकी सेवा करते|गाँधी जी की महानता का एक और उदाहरण है दक्षिण अफ्रिका की जेल में एक बार उन्होंने अपनी मर्जी से संडास साफ़ करने का काम लिया अगली बार जेल अधिकारियों ने उन्हें यही काम सौप दिया | अब भारत में सिर पर मेला ढोने की प्रथा लगभग खत्म हो चुकी है सस्ते सुलभ शौचालयों का चलन बढ़ रहा हैं यह गांधी जी के प्रयत्नों का परिणाम हैं मोदी जी ने उनके इसी स्वप्न को पूरा करने के लिए स्वच्छता को अभियान का रूप दिया है |
डॉ शोभा भरद्वाज

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