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जनता की चुनी देश की सरकार के प्रति हमारी सोच का दायरा कितना छोटा है

Vichar Manthan
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मेरे फेस बुक पर इन महानुभाव ने प्रश्न किया ? Naim Parvez with Salim Afridi and 24 others.
6 November at 11:10 मैने उसी समय जबाब दिया |
मूडीज की चिंता को पी एम मोदी के सामने उठाएगा इंग्लैंड।
बिर्टिश विदेश मंत्री का बयान।
अब योगी आदित्यनाथ प्राची साध्वी शाहनवाज हुसैन अनुपम खेर अरुण जेटली जिन्हें देश में कोई असहिष्णुता नहीं दिखती क्या ये लोग उसकी तुलना भी हाफिज सईद या अलकायदा संगठन से करेंगे और हमारे प्रधानमत्री मोदी जी इंग्लैंड से रिश्ते ख़त्म करेंगे या ये बात सिर्फ शाहरुख़ खान पर ही लागू होती है। अगर दोनों के लिए शर्तें अलग है तो फिर ये असहिष्णुता नहीं तो और क्या है। अब तो दुसरे देश भी बोलने लगे हैं। अब तो जागो मोदी जी।
आज कल कुछ भी कहने पूछने का रिवाज है और अपनी विचार धारा जिसका न किसी इतिहास से सम्बन्ध होता हैं न भूगोल से केवल दूसरों पर थोपने का अधिकार, शायद यही अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के अंतर्गत आता है क्या ?
आर्थिक मंदी को झेलने वाले ब्रिटेन को 125 करोड़ के देश के प्रधान मंत्री से क्या जबाब लेना ? उसे भारत से धंधा लेना है व्यापार करना है भारत बहुत बड़ा बाजार हैं पूरा विश्व इस और देख रहा है जबाब उन बड़े देशों से मांगना हैं पहले रूस के प्रभाव वाले अफगानिस्तान को पाकिस्तान की मदद से बर्बाद किया | पाकिस्तान का एजेंडा भारत को बर्बाद करने के लिए अपने आप को आर्थिक रूप से मजबूत करना रहा है | बी.बी. सी के समाचारों में खा गया इराक के राष्ट्रपति सद्दाम हुसेन ने कैमिकल हथियारों का जखीरा जमा किया है |इराक में पर्यवेक्षको ने जाँच भी की लेकिन कहीं कैमिकल हथियार नहीं मिले लेकिन बहाना बना कर इराक पर अपने हथियारों को चला कर उसको बर्बाद किया वहाँ के लोग चिल्ला – चिल्ला कर कह रहे थे हमारी बर्बादी की वजह सस्ता तेल पाना है | हथियारों को चला कर बकायदा उनकी मारक क्षमता की मार्किटिंग की गई| अमेरिका वियतनाम में मुंह की खाने के बाद अब विश्व में होने वाले झगड़ों से बचने लगा था क्योकी वहाँ प्रजातंत्र है एक – एक- लाश का हिसाब देना पड़ता है लेकिन उसने इराक पर कार्यवाही की सद्दाम हुसेन के छुपे ठिकाने से उसे निकाल कर क़ानूनी प्रक्रिया द्वारा फांसी दी गई | इराक में कैमिकल हथियारों का कहीं संग्रह नहीं मिला लेकिन मंझधार में ही इराक को छोड़ कर लौट गये इराक बर्बाद होने लगा सद्दाम सुन्नी मुस्लिम था लेकिन उसने शिया बहुमत वाली जनसंख्या को दबा कर देश चल रहा था |
अलकायदा के भाई ISIS ने धर्म के नाम पर गले काट कर बकायदा वीडियो जारी किये काटने वाले ब्रिटेन के ईमान लाये ब्रिटिश नागरिक भी थे | मुस्लिम पायलट को जिन्दा जला कर जिन्दे को ही बुलडोजर से गाड़ दिया | सीरिया में झगड़े शुरू हुए अब वहाँ पर रूस अपने हथियारों का मुजाहिरा कर रहा हैं उसके हथियारों की मार्क क्षमता की मार्किटिंग हो रही हैं | सीरिया एक देश खत्म हो गया लाखो लोग योरोप के दरवाजे पर शरणार्थी बन कर खड़े दाने – दाने को तरस रहे है बच्चे, औरतें ज़िंदा इन्सान मर रहे हैं उनका सोने का देश खत्म हो गया उन्हें अपने मिडिल ईस्ट के मुस्लिम देश जो सम्पन्न हैं पनाह देने को तैयार नहीं हैं जबकि यह उनका पहला दायित्व है |एक हमारा गरीब मुल्क था जिसने एक करोड़ पूर्वी पकिस्तान ( अब बंगला देश ) से अपना सब कुछ गवाँ कर आये लोगों को बिना हिन्दू , मुस्लिम का भेद किये शरण दी | पूर्वी पाकिस्तान में 11 वर्ष से 50 साल तक की औरतों के सम्मान को रोंदा गया था वह भी उनके अपने पश्चिम पाकिस्तानी मुस्लिम हुक्मरानों ने , भारत में , देश की जनता और सरकार ने खुले दिल से शरण दी थी | शुक्र करों प्रश्न पूछने वालों दो वक्त की रोटी मिल रही हैं मैं तो माथे से लगा कर भगवान का शुक्र कर खाती हूँ |प्रजातंत्र और भारतीय सहिष्णुता की बलिहारी हैं हम सब कुछ भी पूछ सकते हैं कह सकते हैं देश के सम्मान की भी धज्जियां उड़ा सकते हैं | भारत का अपना संविधान हैं ,देश संविधान से चलाता है संविधान की किसी भी धारा में परिवर्तन करने का सख्त विधान है संविधान की रक्षा सर्वोच्च न्यायालय करता हैं तब यह हाल है |
आजकल सरकार विरोधी पक्ष असहिष्णुता की बात कर रहे हैं एक भारत वंशी लेकिन लेकिन ब्रिटेन में ही पले बढ़े ब्रिटिश नागरिक अनीश प्रसिद्ध “ मूर्तिकार “ गार्जियन में लेख लिख कर राजनीतिक प्रवचन दे रहे हैं भारत पर हिन्दू तालिबानों का राज्य है | पैरिस में निर्दोष लोगों की हत्या के बाद उनको तालिबान का तौर तरीका क्या है जबाब मिल गया होगा | क्या कभी किसी भी हिन्दू संगठन ने विदेश या अपने देश में तालिबानी घटनाओं को अंजाम दिया हैं ? विदेशों में बसे काम करने वाले भारतीय क्या आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते हैं ? हाँ किसी को भी सेक्युलर तमगा लेना हैं हिन्दुओं को कुछ भी कह लो बहुत सहिष्णु संस्कृति और धर्म है धर्म पर भी कटाक्ष कर लो बहुत प्राचीन धर्म है की आज भी अपने में महान है | हमारा मानना है “ हम हो समष्टि के हेतु व्यष्टि बलिदानी “ सब कुछ सह लेंगे लेकिन आपको सच्चे धर्मनिरपेक्ष का पदवी मिल जाये या आपका ब्रिटेन में कोई मतलब सिद्ध होता होगा ,लेकिन भारत वंशी हो बुरे समय में अपना देश ही काम आता है | यमन में झगड़े में फंसे एक – एक भारतीय को सरकार ने निकाला था | भारत में तो रोज की कहानी है यदि कोई हिन्दू साम्प्रदायिकता पर कुछ बोलता है उसका विरोध केवल मुस्लिम वोट बैंक की नीति से होता है | मुस्लिमों के कल्याण की बात कम होती है, हर राजनीतिक दल और राजनेता उनका वोट बैंक की तरह इस्लेमाल करते हैं और वह इस्तेमाल होते हैं | फ्रांस में बम्बई हमले जैसी ही घटना हुई सामान्य नागरिक जिनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं था उन पर सिर फिरे मुस्लिम आतंकियों नें हमला कर खुला कत्लेआम किया | आज आवश्यकता है धर्म के आधार पर आतंकवाद का विरोध करने की क्या सब राष्ट्र एक जुट हो पायेंगे | भारत में इस विषय पर भी राजनीति होगी और हो रही है |मुस्लिम इस कृत्य की मन से निंदा करेंगे लेकिन हमारे राजनीतिक शूरवीर इसमें भी लाभ ढूंढने की कोशिश करेंगे |

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