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आमिर खान के विचार से भारत में बढ़ती ” असहिष्णुता “

Vichar Manthan
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विभिन्नता में भी एकता , सहिष्णुता भारतीय संस्कृति की पहचान है लेकिन प्रसिद्ध एक्टर श्री आमिर खान नें दिल्ली के प्रतिष्ठित राम नाथ अवार्ड समारोह के दौरान अपने विचारों को रखते हुए कहा “ उनकी पत्नी किरन मुझसे देश छोड़ने की बात की वह बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं उनके अनुसार छह आठ महीनों से देश में असुरक्षा की भावना बढ़ी है |” पहले विश्वास नहीं हो रहा था यह कौन बोल रहे है |आमिर खान देश की ऐसी हस्ती हैं जिन्हें जनता ने प्यार दिया दिल में बिठाया उनको प्रसिद्धी के चरमोत्कर्ष पर पहुंचाया |
देश के दो टुकड़े हुए मुहम्मद अली जिन्ना ने कहा भारत में दो राष्ट्रीयतायें हैं हिन्दू और मुस्लिम जो साथ नहीं रह सकती |14 अगस्त 1947 को विश्व पटल पर भारत से कट कर मुस्लिम देश पकिस्तान का उदय हुआ दोनों हिस्सों में मारधाड़ मची थी, उस मारकाट के माहौल में आमिर के परिवार नें भारत में बसना उचित समझा |आमिर ने फ़िल्मी दुनियाँ में बड़ी संघर्ष से अपना स्थान बनाया | वह लगभग पचास वर्ष के हैं उन्होंने 12 मार्च 1993 में मुम्बई में एक के बाद एक पकिस्तान समर्थित आतंक वाद के द्वारा किये बम धमाके सुने थे| किरन बंगलुरु में जन्मी अपनी आखिरी जर्नलिज्म की डिग्री जामिया मिलिया से ली |आमिर ने 22 वर्ष तक बम धमाकों को क्रियान्वित करने वाले याकूब मेनन पर केस चलते देखा फांसी की सजा रोकने संबंधित याचिका के लिए रात को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चलते देखा| मुम्बई ने 26 /11 का तांडव देखा पूरा देश स्तब्ध था यही नहीं पार्लियामेंट पर देश की अस्मिता पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी हमला होते देखा | आमिर के मन में देश छोड़ने का विचार नहीं आया | अनेक दंगे हुए 1984 के दंगों में सिखों का नरसंहार सबके लिए यहाँ तक साहित्यकारों के लिए भी बीते दिनों की बात है |
आमिर उनकी पत्नी को प्रतिदिन अखबार खोलने से डर लगता हाँ क्या उन दिनों अजीब नही लगता था जब प्रतिदिन एक से बढ़ कर एक घोटालों की खबर आती थी ?धीरे धीरे देश का नौजवान निराश होता जा रहा था सरकार बदली बहुमत की सरकार आई सबके दिलों में आशा बंधी | आज भी अखबार में अनेक खबरें होती है सम्पादकीय लेख होते हैं करोड़ों की आय का रिकार्ड बनाती फ़िल्में यहाँ तक इनकी फिल्म की प्रशंसा की खबरें होती हैं इन्हें अखबार के समाचारों में और कुछ अच्छा होता दिखाई नहीं दे रहा | देश छोड़ कर जाने की बात आमिर की पत्नी ने की लेकिन चरमोत्कर्ष पर पहुचें किंग शाहरुख़ खान को भी देश में असहिष्णुता नजर आई उन्होंने अपनी फिल्म माई नेम इज खान में भी मुस्लिम कार्ड खेला परन्तु देश छोड़ने की बात नहीं की क्योंकि वह समझदार हैं जानते हैं उनकी फिल्मों और चाहने वालों का यही बड़ा बाजार है यहीं धन है |
मैं सोच कर परेशान हूँ आमिर देश छोड़ कर कहाँ जायेंगे क्या अबुधाबी ?वहाँ इस्लामिक स्टेट का खतरा मंडरा रहा है | वहाँ की आर्थिक सम्पन्नता पर बगदादी की नजर हैं |मोदी जी के दौरे के दौरान उनका वहाँ जम कर स्वागत हुआ सबसे बड़ी बात बिना लाग लपेट के आतंकवाद के खिलाफ एकता का स्वर इस धरती से उठा | क्राउन प्रिंस ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया निवेश के लिए भी कई समझौते हुये| क्या किरन योरोप जाना चाहती हैं ?वहाँ लगभग सभी शांति प्रिय देश है जैसे ग्रीस वहां की आथिक व्यवस्था का बुरा हाल है बड़ी मुस्किल से योरोपीय संघ ने देश को खड़ा किया है |हाँ वहाँ उन्हें रहने के लिए सस्ते विला मिल जायेंगे | इटली, स्पेन में बुरी तरह बेरोजगारी से नोजवान तंग हैं | इंग्लेंड भी आर्थिक मंदी से परेशान है वहाँ के मीडिया ने जरुर मोदी जी को धार पर लिया अजीब प्रश्न पूछे एक भारत वंशी अनीश कपूर ने अखबार गार्जियन में यहाँ तक लिखा “ भारत में हिन्दू तालिबानों का राज हैं “ जैसे बहुसंख्यक वोटरों ने तालिबानी ( हिन्दू ) की सरकार चुनी हो एक निर्जीव मूर्तियों का सृजन करने वाला मूर्ति कार राजनीति की बात करेगा ऐसे ही विचार रखेगा लेकिन मोदी जी ने सबका करार जबाब दिया | ब्रिटेन में वहाँ की सरकार ने उनका जम कर स्वागत किया |
पैरिस लिबरल विचारों वाल बहुत अच्छा शहर था ईरान में जब शाह की सरकार बदल कर इस्लामिक सरकार आई वहाँ के आगा- ए इमाम खुमैनी विरोधी अभिजात्य ईरानी वर्ग के लोग हर प्रकार के कष्ट उठा कर फ्रांस गये वहीं बस गये वहाँ के लोगों में धर्म की आस्था कम है परन्तु अब क्या हाल है अखबारों में इतना तो पढ़ा होगा ? जर्मनी अच्छा था वहाँ बस कर जर्मनी सीख कर बच्चे का भविष्य किरन जी बना सकती हैं लेकिन उनके दरवाजे पर बेहाल शरणार्थी खड़े हैं |योरोप अन्य देश अब वहाँ धीरे धीरे इस्लामिक स्टेट के विरोध में दक्षिणी पंथी विचार धारा जोर मार रही है नार्वे स्वीडन और आस्ट्रिया में पहले रहा जाए सकता था परन्तु अब सीरिया अफगानिस्तान और ईराक के शर्णार्थियो के आने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है | सीरिया एक देश खत्म हो रहा है|
सलमान खुर्शीद विदेश मंत्री काल थे चीन गये थे उन्हें बीजिंग रहने के लिए बहुत पसंद आया था |वहाँ पर जरा जिन्गियान का इतिहास पढ़ लें मुस्लिम को सिर नहीं उठाने देतें | कनाडा भी अब सशंकित हो गया है , यू .एस का अनुभव आमिर जी जानते हैं परन्तु बस भी गये वहाँ भी रंग भेद की खबरें पीछा नही छोड़ेंगी |’ कुछ नेता जिनकी जुबान पर लगाम नहीं है’ ईरान इराक जाने की सलाह दे रहे हैं | उन्हें नहीं पता इराक का बुरा हाल है हाँ ईरान में फ़ारसी में डब की फ़िल्में बहुत चलती हैं आमिर को लोग जानते हैं | वहाँ इस्लामिक कानून है सुरक्षा की गारंटी है परन्तु देश की धरती पर पैर रखते ही हिजाब या काली चादर पड़ेगी जिससे पूरा शरीर ढका रहता है | ईरानी सरकार महिलाओं के मामले अब थोड़ी लिबरल हो गयी हैं | वहाँ सात साल की अवस्था में बच्चेमदरसे जाते हैं पहली क्लास में दाखिला होता है फ़ारसी मीडियम है| स्लेबस में आधिकतर इस्लामिक शिक्षा दी जाती है | रोज जम कर बच्चों से नारे लगवाये जाते हैं| इनका बच्चा और कुछ बने न बने पक्का मुस्लिम बन जायेगा शायद धर्म युद्ध में भी हिस्सा लेने योग्य हो जायेगा वैसे तेहरान में भारतीय एम्बेसी का स्कूल है जिसकी क्लासें गुरूद्वारे में लगती है लेकिन बिलकुल सुरक्षित मुल्क | बाकी और भी देश हैं | सिंघापुर सुरक्षित अच्छा देश लेकिन कोंई भी देश आपको उस देश की निंदा करने की इजाजत नहीं देगा वहीं के होकर रहना पड़ता है | भारत ही ऐसा देश है अभिव्यक्ति के नाम पर कुछ भी कहो | आस्ट्रेलिया भी अब आतंकवाद के डर से सशंकित हो गया है |
सबसे बड़ी बात आप कहीं भी रह सकते हैं लेकिन कमाने के लिए यहीं आना पड़ेगा |यही प्रसिद्धी है यहाँ करोड़ो की आय है ,यहीं फिल्म हिट या फ्लाप होती हैं |यहाँ फ़िल्मी बाजार के लिए हालीवुड तक लालायित रहता है| चीन के राष्ट्रपति ने यहाँ फिल्मों के निर्माण के लिए समझौता किया चीन भी भारतीय फिल्मों का बहुत बड़ा बाजार है| फिल्मों का इतना बड़ा बाजार यहाँ कहानियों की कमी नहीं है यदि हिन्दू धर्म के विषयों का मजाक उडाओ आप सैक्युलर माने जायेंगे ,पूरे बुद्धिजीवी वर्ग का समर्थन मिलेगा अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता की दुहाई दी जायेगी यदि हिन्दू धर्म की प्रशंसा कर दी कट्टरता का तगमा भी लग सकता है लेकिन यदि आस्कर विजेता श्री रहमान ने ईरान की धार्मिक फिल्म पर संगीत दे दिया उस पर भारत की इस्लामिक संस्था ने फतवा जारी कर दिया उनके समर्थन में बुद्धिजीवी वर्ग कुछ नहीं बोला था| हाँ आप ईसाई समाज और हिन्दू समाज के विरुद्ध कुछ भी कह सकते हैं आप आजाद है|
रही घेर कर मारने की बात अनेक घटनायें हुई है परन्तु वोट बैंक का लाभ नहीं था उन पर प्रश्न ही नहीं उठा | दादरी कांड की निंदा करती हूँ | इक्का दुक्का अपवाद को छोड़ दीजिये सबने इस कांड की निंदा की है |
आमिर खान ने आज तक देश को रहने लायक समझा अचानक क्या हो गया ?पिछले दिनों साहित्यकारों, फ़िल्मी लोगों ने पुरूस्कार लौटाये बिहार चुनाव खत्म होते ही भाजपा की पराजय के बाद अब कोंई पुरूस्कार लौटाने की बात नहीं कर रहा आमिर द्वारा अब उनका समर्थन ही रह गया हैं| लोकसभा चुनाव होने में अभी साढ़े तीन वर्ष है |बहुमत की सरकार है संसद में अल्प मत होने पर ही अविश्वास प्रस्ताव के पास होने के बाद ही सरकार हट सकती है | देश संविधान से चलता हैं प्रजातांत्रिक देश है न्याय व्यवस्था का अपना एक नियम है |हम सभी उसी के अंतर्गत आते है |प्रजातंत्र में अपनी कमियां है तानाशाही में अपनी कमियां हैं |तानाशाह देश लीबिया सीरिया इराक बर्बाद हो चुके हैं इतिहास में हिटलर को भी देखा है| राजनीतिज्ञ कुछ भी करें लेकिन जनता उन्हें जब उखाड़ फेकती है वह शून्य हो जाते है |प्रजातंत्रिक व्यवस्था में एक झटके से किसी की गर्दन नहीं पकड़ी जा सकती |आतंक वादी आतंक का सामान लेकर आता है निर्दोष लोगों की हत्या करता है उसके सामने कोंई दाद या फरियाद नहीं चलती कभी कभी आतंक की कार्यवाही कर अपने आप को खत्म कर लेता है |देश किसको पकड़े हाँ स्लीपर सेल ढूंढे जाते हैं उनको भी न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत उठाया जाता तब भी विरोध होता है |हिंसा के कृत्य में अपराधी दिखाई देता है उसकी निंदा भी होती है कानून उसे सजा देता है लेकिन क़ानूनी प्रक्रिया लम्बी हैं
क्या आपने सलमान के पिता सलीम खान जी का इंटरव्यू नहीं देखा ? विश्व किस दौर से गुजर रहा है यह भी अनुभव नहीं किया आपने जो देखा अपनी नजर से देखा | हो सकता है जो आमिर बोल रहे हैं उनकी किसी नयी फिल्म की कहानी का विषय हो जिस पर किरन जी के निर्देशन में फिल्म बन रही हो क्योंकि आमिर खान अपनी फिल्म का विज्ञापन अलग ढंग से करने के लिए मशहूर हैं |हाँ अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के अंतर्गत वह कुछ भी कह सकते हैं कर सकते हैं | आलोचकों का काम है आलोचना करना यह देश विभिन्नता के बाद भी एक है| दुःख होता है परन्तु हमारी सहिष्णुता की प्रवृति सब कुछ भुला देती है |
पुनश्च:- आमिर कहते हैं उन्होंने देश छोड़ने की बात नहीं की अपनी असहिष्णुता की बात पर अडिग हैं अपनी बात के समर्थन में वह रविन्द्र नाथ की कविता का सहारा ले रहे हैं फिल्मों में स्क्रिप्ट मे लिखे डायलोग पढ़ते रहे हैं किसी लेखक से मनचाहा लिखवा कर आप अपनी ही बात का समर्थन कर सकते हैं लेकिन सिंगापुर में भारतीय समाज को सम्बोधित करते समय मोदी जी ने बहुत अच्छी बात कही थी सिद्धि और प्रसिद्धी आमिर खान ने सिद्धि पाने के लिए बहुत मेहनत की है मिस्टर परफेक्ट के नाम से जाने जाते हैं उनकी एक फिल्म का गाना ‘ पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा ‘ वाकई बहुत नाम कमाया उसके लिए अकथ मेहनत की अब आमिर प्रसिद्ध होते हुए भी उसे बचाने के लिए हल्की बातों पर उतर आयें हैं जबकि आप ऊंचा मुकाम हासिल कर चुके हैं उसी पायदान पर खड़े हैं जिस देश में आप कहाँ से कहाँ पहुंच गये वही की सहिष्णुता पर आप प्रश्न लगा रहें हैं बड़ा दुःख हुआ दुःख क्या आत्मिक कष्ट हुआ |व कहते
डॉ शोभा भारद्वाज

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