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मुस्लिम महिला का काम बच्चे पैदा करना है ‘ मुस्लिम धर्म गुरु ‘

Vichar Manthan
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मुस्लिम महिला का काम बच्चे पैदा करना हैं ?
आल इंडिया सुन्नी जमीयत उल उलेमा के प्रमुख मुसलियार (मुस्लिम धर्मगुरु )ने कहा महिलायें बच्चा पैदा करने के लिए हैं वह पुरुषों की बराबरी नहीं कर सकती | मुझे कुछ भी अजीब नहीं लगा क्योंकि अगस्त 1981 में हम परिवार सहित तेहरान की धरती पर उतरे | एयरपोर्ट से बाहर आने पर मुझे सबसे पहले जो होर्डिंग दिखा उस पर लिखा था ‘हम क्रान्ति निर्यात करते हैं’ क्रान्ति का अर्थ था इस्लामिक क्रान्ति |अगला होर्डिंग उससे भी बड़ा था एक महिला ख़ास पोजीशन में बैठी है वह इस्लामिक लिवास पहने हैं बच्चों को जन्म दे रही है यह बच्चे सैनिकों के वेश में शहादत देने जा रहे हैं | मैं प्रजातंत्र से आई थी मुझमें महिला होने का गर्व था सोच थी महिला क्या नहीं कर सकती ?कभी सोचा नहीं था महिला का काम बच्चे पैदा करना है जिससे इस्लाम को फैलाने में मदद मिले |यह होर्डिंग तेहरान के हर मुख्य चौराहों पर लगे थे | जब हम लोग 1993 में स्वदेश लौटे होर्डिंग वहीं थे |ईरान इराक युद्ध में एक मिलियन लोग मारे गये दो मिलियन अपंग हो गये देश का इस्लामीकरण करने में कितने मारे गये उसका अंदाजा लगाना मुश्किल है लेकिन जनसंख्या में ऐसी वृद्धि हुई सरकार सोचने पर विवश हो गई | लेकिन बच्चों पर दिया जाने वाला गुजारा भत्ता कभी कम नहीं किया गया |
ईरान के शाह आधुनिक विचारों के थे उन्होंने इस्लाम से पूर्व की ईरानी सभ्यता की श्रेष्ठता पर उन्हें गर्व था | ईरान को आधुनिक राष्ट्र बनाने के लिए कई कदम उठाये |महिलायें आजाद थी उच्च शिक्षा के दरवाजे उनके लिये खुले थे विदेशों में भी वह तकनीके शिक्षा के लिये जाती थीं | वह योरोपियन लिवास पहनती थी दफ्तरों आफिसों में मर्दों के समान काम करती थी| तेहरान की सडकों पर चहल पहल कभी कम नहीं होती थी उत्सव का माहौल रहता था शाह को पता ही नहीं चला अमीरी गरीबी की खाई बढती जा रही हैं | मुल्ले उनके विरुद्ध प्रचार कर रहे थे | आयतुल्ला खुमैनी फ्रांस में रह कर वहीं से शाह का विरोध कर थे | राजतन्त्र और शाह के खिलाफ विरोध बढ़ता गया अंत में शाह देश की जमीन को चूम कर स्वदेश छोड़ने के लिए मजबूर हो गये |आयतुल्ला इमाम खुमैनी का ईरान में आगमन हुआ | ईरान का नया नाम जम्हूरिये इस्लामिये ईरान हो गया | इस्लामिक कानून का सहारा लेकर जनता को दबाया गया सबसे बुरा हाल महिलाओं का था | |इमाम खुमैनी सत्ता के भय से इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसेन ने ईरान पर हमला कर दिया इराक में शिया बहुसंख्यक थे उन पर सुन्नी सद्दाम की हकुमत थी |
ईरान में शिया सरकार थी परन्तु मेरे पति खुर्दिस्तान की राजधानी सननंदाज में डाक्टर थे | खुर्दिस्तान के खुर्द सुन्नी हैं | तेहरान पहुंचते ही अनुमान लग गया अब महिलायें किन हालातों से गुजर रहीं हैं | उन्हें सिर से पैर तक अपने आप को काली चादर से ढक कर रहना पड़ता था पूर्णतया हिजाब |शाह के समय में महिलाएं आजादी का जीवन जी रहीं थी अत : इस तरह नियन्त्रण से अधिकतर पुरुष खुश थे |आफिस में काम करने वाली महिलाओं पर अनेक बंदिशें लाद दी गई वह पीछे के दरवाजे से कार्यालय जाने पर मजबूर थीं |इस्लामिक देशों के समान महिलाओं को हिजाब में रहने की सख्त हिदायत दी गई |उस समय के राष्ट्रपति रफसंजानी ने जुम्मे नमाज के लेक्चर में कहा ‘महिला के बालों की एक लट का हिजाब से बाहर निकलना इस्लाम के दिल में खंजर तानने के बराबर है |’ एक खूबसूरत प्रदेश के बाशिदों को इस्लाम के हथियार से दबाया गया पहले लड़कियाँ शादी से पहले अपने नामजद (जिससे सगाई हुई है ) के साथ एक दूसरे को समझने के इरादे से साथ घूमती थी अब यदि कोंई जोड़ा पासदारों की ( इस्लामिक क्रांति के अग्रदूत ) नजर में आता था उनसे शादी का प्रमाण पत्र दिखलाने के लिए कहा जाता था नहीं तो अपशब्द कह कर जेल भेज दिया जाता वहाँ मार दिया जाता या चेहरे बिगाड़ दिये जाते |विवाहित विवाह का प्रमाणपत्र साथ रखते थे यदि भूल गये पति घर लेने गया वापिस आने तक पत्नी दुनिया से रुखसत कर दी जाती थी |
बहुविवाह ईरान में नये नहीं थे परन्तु प्रोग्रेसिव जोड़े एक ही पत्नी के साथ जीवन बिताना चाहते थे अब फिजा बदल चुकी थी तलाक बेहद आसान था काजी के पास पहुचते ही काजी कहता जाओ खानम आजाद हो गई|तलाक से महिलाओं के अहम पर चोट पहुचती थी वह रोती नहीं थी चुपचाप अपने माता पिता के घर आ जाती थी| मेहर में चांदी के सिक्कों का चलन है , ज्यादातर शादी के समय ही ले ली जाती है |
मैं एक बार ईरानी सहेली के साथ उसके आफिस गई उसके साथ काम करने वाली सभी मेरी परिचित थी |अचानक सड़क पर एक आदमी के चीखने की आवाज आई देखा औरत पर उसका शौहर चीख रहा था तलाक की धमकी भी दे रहा था | साथ में तीन बच्चे थे महिला गर्भवती थी सब महिलायें नीचे उतर आयीं वह गुस्से से भर गई मैं भी उनके साथ उतर आई थी सबके बीच में जा कर खानम का हाथ पकड़ कर खड़ी हो गयी मैं एक ही बात कह रही थी खानम कुचक – कुचक बच्चा दारे रहम कुन ( महिला के छोटे छोटे बच्चे हैं रहम करो )सब चोंक गये कभी किसी ने बच्चों का नही सोचा ही नहीं था | आगा अड़ गया उसकी बीबी उससे माफ़ी मांगे | सभी महिलायें कह रहीं थी खानम का कसूर क्या है क्यों माफ़ी मांगे ? मेरे चीखने पर भी उन्हें बच्चे छोटे- छोटे मासूम बच्चों का ध्यान नहीं था | मैने उन्हें शांत कराया | तलाक की स्थिति में बच्चे बाप के पास जाते हैं यह बच्चे यदि उनका पिता नयी बीबी से निकाह करता है आने वाली खानम को बच्चे पिदर जन (बाप की ओरत उससे पैदा बच्चों को पिदर जन बच्चा )कहते हैं | पासदारों का नारा था न मादर न पिदर सिर्फ बिरादर | टूटे घरों के बच्चे यही जेहाद का पहला पायदान है जबकि हमारे यहाँ भारतीय संस्कृति का असर हैं ज्यादातर माँ अपना बच्चा खुद पालना चाहती है | पिता की बीबी माँ होती है | मैं एक प्रश्न करती थी सब उस पर हंसती थी लड़की बड़े अरमानों से शादी करती है प्यार से घर बसाती है तलाक से उसके दिल पर एक घाव लग जाता है सहेलियाँ हंसती थी हम मुह्ब्ब्त के लफड़े में नहीं पड़ती शौहर कभी भी दूसरी बीबी ला सकता है विरोध पर तीन बार तलाक – तलाक कहेगा काजी भी निर्णय में कहेगा खानम तुम आजाद हो गई मियां बीबी का रिश्ता खत्म | रेप की स्थिति में महिला की हालत और भी दयनीय थी रेप तब मन जायेगा काजी के सामने आरोपी अपना गुनाह कबूल कर ले या चार पुरुष गवाही दे कर कहें महिला के साथ अत्याचार हुआ है |यही शरीयत में वर्णित नियम हैं |रेप क्या पब्लिक में होते हैं ? महिला को बदचलनी का आरोप लगा कर संगसार किया जाता है | ईरान के कर्मनशा शहर में एक लड़की को संगसार किया था | महिला को जमीन में आधा गाड़ कर तब तक पत्थर बरसाते हैं जब तक उसकी मृत्यु न हो जाये | शीरीन एबादी ब्रिटेन में शरणार्थी हैं उनके अनुसार दो महिलाओं की गवाही एक पुरुष के बराबर मानी जाती है सऊदी अरब में मानवाधिकार की स्थिति ईरान के मुकाबले और भी बदतर है |एक महिला को पुरुषों के मुकाबले आधा समझा जाता है | ईरान की प्रसिद्ध गायिका गौगुश निजाम बदलने के बाद विदेश निकल जाना चाहती थी पकड़ी गई उस पर बहुत रहम किया मारा नहीं पासदार से निकाह पढ़वा कर हिजाब में जकड़ दी गई |
कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जिन्हें भूलना आसान नहीं होता| शाह के विरुद्ध क्रान्ति प्रजातंत्र की स्थापना के लिए की गई थी इन युवा मुजाहिदीनों को जेलों में बंद कर दिया उनका विरोध इस्लामिक सरकार से भी था उनके अनुसार हमारी क्रांति को मुल्लों ने चुरा लिया | अनेक जो छुप गये थे उन्हें भी पकड़ लिया पकड़ लिया गया | कई लडकियाँ जेल में बंद थीं |मेरी एक ईरानी सहेली के परिचित परिवार की बेटी जेल में बंद थी | क्रांति के बाद सत्ता प्रवर्तन कैसे होता है यह ईरान के इतिहास का ऐसा चेप्टर था जो मुझे देखने को मिला | मैं रोज उस परिवार के घर दोपहर के समय जाती थी| एक दिन जिस के लिये वह परिवार बेचैन था आ गया दोपहर को सरकारी तोप गाड़ी रुकी दो पासदार आये उनके हाथ में एक डिब्बा शिरीनी और लिफाफा था जिसमें एक चादर उनकी बेटी की आखिरी निशानी उन्हें दी |घर के मुखिया से साईन ले कर चले गये मिठाई बच्ची की माँ ने उनके सामने फेक दी| सब लोग चुप चाप बिलखने लगी मुखिया का मुहं सफेद पड़ गया लडकी की माँ ने चादर को टटोल कर सीवन के कोने में छुपाया गया कागज निकाल कर पढ़ा उनकी बच्ची ने लिखा था आज मरने से पहले एक पासदार से मेरा निकाह पढ़वाया गया काजी के अनुसार यदि मैं बिन ब्याही मरूंगी मुझे दोजख मिलेगा | उस निकाह वाले के साथ दो घंटे बीतने के बाद |– मुझसे पूछा गया किस तरीके से मरना कबूल है मारने के दो तरीके हैं गोलीया फांसी गोली एक ही मारी जाती है | कई बार ठीक से न लगने पर बड़ी कष्टदायी मौत होती है अत : मैने फांसी की मौत को बेहतर समझा |”मादर पिदर खुदा हाफिज हमेश “| मेरी जान निकल गई मेरे पैरों की ताकत खत्म हो गई वहाँ का घुट घुट कर बिलखना सह नहीं सकी | बड़ी मुश्किल से घर पहुंचाई गई | रोज रात को जेल में गोली की रुक रुक कर आवाज आती थी मेरे बच्चे गिनते थे पहली बार समझ में आया वह जानें थी न जाने कितनें लोगों को फांसी लगती थी पता नहीं | इन्हें निजाम की नजर में काफिर ,इस्लाम का दुश्मन माना जाता है | सुबह कफिरस्तान में दफना दिए जाते थे परन्तु बिना निकाह के कोंई भी लड़की मारी नहीं जाती थी|
इस्लाम के नाम पर शहादत देने वालों को जन्नत मिलती है वहाँ 72 हूरें इंतजार करती हैं क्या जन्नत की हूरे भी हिजाब में रहती हैं पता नहीं ?|अरब देशों में हिजाब लाजिम है अरब धनवान हैं कई पत्नियाँ रखना शौक है जिनमें अन्य समाज की लड़कियाँ भी हैं लेकिन निकाह ही होता है यह महिलाएं कैसा जीवन गुजारती हैं लिखना मुश्किल है | मुस्लिम कानून के हिसाब से मेहर और तलाक का नियम है | मुस्लिम समाज में औरत का काम बच्चे पैदा करना है | इंडोनेशिया में मुस्लिम बाहुल्य हैं परन्तु कम बच्चे हैं| मलेशिया प्रोग्रेसिव मुल्क माना जाता हैं वहाँ की औरतें काम करती हें लेकिन पूरे हिजाब में रहती हैं बच्चे भी कई पैदा करती हैं उनकी नजर पड़ोसी देश सिंगापूर में अधिक से अधिक नोकरी के अवसर पाना है | लडकी को जन्म लेते ही हिजाब ( रुजरी) पहना दिया जाता है अस्पताल में नवजात बच्ची को पहली बार हिजाब में देख कर हैरानी हुई थी | भारत में प्राचीन संस्कृति का प्रभाव समझ लीजिये मुस्लिम औरतों की हालत बेहतर हैं लेकिन आजकल ज्यादातर मुस्लिम महिलायें बुर्के या हिजाब में दिखाई देने लगीं है फिर भी कई परिवार सोच से प्रगतिशील हैं |
डॉ शोभा भारद्वाज

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