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भारत में अभिब्यक्ति की स्वतन्त्रता और प्रजातंत्र मजाक है करण जौहर ?

Vichar Manthan
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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने अपने देश पर विचार व्यक्त करते हुए कहा हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है प्रजातंत्र दूसरा मजाक है। फेस्टिवल के 9 वें संस्करण में निर्माता-निर्देशक और अभिनेता करण जौहर ने अभिव्यक्ति की आजादी पर अपना बयान दे कर फिर से पुराने विवाद को नया रंग दिया है बिहार चुनाव से पहले अख़लाक़ की बीफ की बात उड़ने पर उग्र भीड़ ने उसकी हत्या कर दी थी | तीन साहित्यकारों की हत्या भी तत्कालीन प्रश्न नहीं था फिर भी साहित्यकारों ने अपने पुरूस्कार लौटाने शुरू किये इसके बाद कुछ फिल्म निर्माताओं ने भी उनका अनुकरण किया |विवादों को आमन्त्रण देने का उन्हें यही उचित अवसर जान पड़ा |संसद में भी कोई काम नहीं हुआ संसद के दो सत्र नहीं चल सके |
शाहरुख खान ने अपनी फिल्म माई नेम इज खान के प्रमोशन से पहले उसे सफल बनाने के लिए मुस्लिम कार्ड खेला |इसके बाद अपने जन्म दिन के अवसर पर फिर से विवादास्पद बयान दिया देश में असहिष्णुता बढ़ रही है मैं भी प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर अवार्ड लौटा सकता हूँ |देश में कट्टरता तेजी से बढ़ी है देश का ऐसा कलाकार जिसे लोग प्यार से किंग खान कहते हैं जिसकी फिल्मों को उनके चाहने वाले पहले दिन पहले शो में देखते हैं उनका बहुत दिल टूटा उनकी काजल के साथ आई फिल्म दिलवाले बाक्स आफिस पर सुपर हिट रहती परन्तु उन्हें प्रतीकात्मक तौर पर अहिष्णुता क्या होती है दर्शकों ने सबक सिखाया फिर भी बहुत लिहाज के साथ | आमिर खान ने भी अपना कार्ड खेला वह भी अपनी पढ़ी लिखी फिल्म जगत से जुड़ी हिन्दू पत्नी के नाम पर ’उनकी पत्नी अपने बच्चे की सुरक्षा से चिंतित है देश छोड़ने की बात कर रही है ‘ यह बात उनकी पत्नी भी कह सकती थी पहले समझ नहीं आया आमिर जी क्या कह रहे हैं जब समझ आया बहुत हैरानी हुई ?
करण जौहर के जीवन पर आधारित पूनम सक्सेना द्वारा लिखित पुस्तक ‘एन अनसुटेबल ब्वॉय’ पर चर्चा के दौरान करण जौहर ने अपना दर्द बयान किया। हमारे देश में बोलने की स्वतंत्रता नहीं है और वह मंच से बोल रहे हैं यहां व्यक्तिगत बातचीत पर ही जेल भेज दिया जाता है। आप किसी के व्यक्तिगत जीवन पर कुछ बोल नहीं सकते। निजी बातचीत पर जेल हो सकती | बड़ी हैरानी हुई इसमें दो राय नहीं फिल्म उद्योग से जुड़े लोग सेंसर बोर्ड को हटाने की बात करते हैं जिसमें वह जैसे चाहे फ़िल्में बनाएं 125 करोड़ का देश है यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं | सबकी भावनायें और अधिकार हैं | फिल्मों को ए सर्टिफिकेट दे दिया जाता है जिससे 18 वर्ष से कम आयु के लोग फिल्में न देखें परन्तु उन फिल्मों के एड पूरा दिन टीवी में आते रहते हें गानों के बोल बच्चों तक के मुहं पर चढ़ जाते हैं क्या माता पिता का अधिकार नहीं है उनके बच्चों को अशोभनीय एड और गानों के बोलों से बचाया जाये | फिल्मों में नृत्य की भद्दी मुद्राएँ कम से कमतर होते कपड़े या इन्हें कमाने के लिए पोर्न फिल्मों की आजादी दे दी जाए | पाश्चात्य संस्कृति के लोग अब पीछे लौटना चाहते हैं कुछ लोग चाहते हैं हमारा देश वहीं पहुंच जाये |
उन्होंने कहा कि वह जयपुर आए हैं, पता नहीं कोई उनके खिलाफ लीगल नोटिस भेज दे। करण जोहर को कौन नहीं जानता वह एक प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक उत्पादक कौस्टयूम डिज़ाइनर ,एक्टर और टी वी होस्ट करते हैं वह किससे नाराज हैं क्या अपने आप से ? इस दौरान उन्होंने खुद के जीवन, फिल्मी दुनिया के हालात, समलैंगिकता और देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि फिल्मों के संवाद और कहानी को जब कानूनी विशेषज्ञों को दिखाते हैं, तो आपत्तियों का ढेर लग जाता है। हम हर जगह लड़ रहे हैं और हम हमेशा सेंसर बोर्ड से लड़ते रहते हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में दिया बयान गले से उतारना मुश्किल है | इस दौरान करण जौहर ने अपनी फिल्मों के अनुभव भी साहित्य प्रेमियों के साथ शेयर किये । लिटरेचर फेस्टिवल में देश -विदेश के ख्यातिनाम साहित्यकार लेखक, फिल्म और राजनीति से जुडी हस्तियां हिस्सा ले रही हैं। फेस्टिवल के पहले दिन विभिन्न विषयों पर 32 सत्र आयोजित हुए।
2013 में एआईबी नोक आउट यह इवेंट हुआ था जिसमें गाली गलौच से पूर्ण अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था जिस पर बम्बई पुलिस ने समन जारी कर करण जौहर से बयान दर्ज कराने को कहा था | बंद कमरों में आपसी बातचीत में कुछ लोग गंदी भाषा का उपयोग करते हैं | कुछ लोग गाली गलौच को दैनिक जीवन में बोलना तो दूर को बात हैं सुनना भी पसंद नहीं करते | आप स्टेज पर ऐसे प्रोग्राम करोगे जबकि आप सेलिब्रिटी लोग आपको आपकी अच्छी फिल्मों की वजह से दर्शक जानते हैं प्यार करते है उन्हें आप क्या सिखाना चाहते हैं? बड़े हंस कर भूल गये होंगे आपने क्या प्रोग्राम दिया था लेकिन बच्चे भी उसी भाषा का प्रयोग करे माता पिता सह नहीं सकते किशोर अवस्था के बच्चों को यह प्रोग्राम बहुत पसंद आया था | टीवी घर-घर चलते हैं उन पर पहरा कैसे लगायें फिर भी सरकार ने आपको न्यायालय में नहीं घसीटा समाज के एक वर्ग ने घसीटा है क्या करें आप ऐसे देश में पैदा हो गये जहाँ सर्वे भवन्तु सुखिन की बात कही जाती हैं मजबूत संस्कृति है यहाँ सिधु नदी के तट वेदों की रचना की गयी थी मुस्लिम समाज हिजाब का पाबन्द है अन्य भारतीय संस्कृतियां इसकी इजाजत नहीं देती | हाँ अमेरिका की अपनी संस्कृति नहीं हैं वहाँ अनेक संस्कृतियों का जमावड़ा हैं वहाँ आप कुछ भी बना सकते हैं लेकिन आपको तो बाजार भी चाहिए बड़ा बाजार भारत है कई फिल्मकार पोर्न फिल्मों के हिमायती हैं वह तर्क देते हैं पोर्न फ़िल्में स्मगल होकर आती हैं उन्हें खुला बनाने की इजाजत क्यों नहीं दे देते क्या वह नहीं जानते देश में बच्चियों तक सुरक्षित नहीं हैं पोर्न फ़िल्में सिनेमाघरों लगा कर आप 125 करोड़ के देश में हा-हा कार मचाना चाहते हैं महेश भट्ट ने करण जोहर की बेबाकी पर उसकी पीठ ठोकी यदि आप को पूर्ण अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता चाहिए हालीवुड चले जाएँ उन्हीं के समाज के लिए फिल्में बनाएं भारत के बाजार को बख्श दें कलात्मक फिल्में पैसा नहीं देती आप सब को खुली कमाई चाहिये भारत का बाजार चाहिए यदि सेंसर बोर्ड इजाजत दे तो आप लोग आतंकवादियों का भी महिमा मंडन करें | रहा सवाल गे के अधिकारों का कई स्थानों पर लडके लडकियाँ ऐसे व्यवहार करते हैं जो हमारे समाज को मान्य नहीं हैं बच्चे माता पिता से प्रश्न पूछते हैं दीदी भैया क्या कर रहे हैं उसके बाद दूसरा प्रश्न पूछेंगे मम्मा भैया- भैया क्या कर रहे हैं उनको क्या जबाब देंगे ?
प्रजातंत्र पर भी करण ने प्रश्न उठाये हैं जबकि प्रजातंत्र सबके लिए है न कि केवल कुछ लोगों के अधिकारों के लिए |प्रजातंत्र व्यवस्था कानून से चलती हैं | देश में पहली पाकिस्तान के द्वारा करवाई गयी आतंकवादी घटना बम्बई बम ब्लास्ट जिसके मास्टर माईंड याकूब मेनन को सर्वोच्च न्यायालय ने फांसी की सजा दी थी उसके विरोध में हैदराबाद के कुछ विद्यार्थियों ने वकायदा प्रदर्शन किया |बम्बई में याकूब के जनाजे पर भारी भीड़ थी यह भी प्रजातंत्र में अधिकारों का एक हिस्सा है क्या ? कुछ विश्व विद्यालयों की दुनिया ही अलग है वहाँ देश विरोधी नारे दीवारों पर लिखे हैं और हिन्दू ब्राह्मणवाद ,को नष्ट कर देना चाहिए क्या ब्राह्मण होना प्रजातंत्र के विरुद्ध है | मोदी देश के प्रधान मंत्री हैं उन्हें कायर मनोरोगी कहा गया किसी को बुरा लगा जन हित में याचिका दायर की गयी यह अधिकार हैं परन्तु सरकार ने कुछ नहीं कहा क्या किसी की गिरफ्तारी हुई ?आये दिन विद्यार्थी जलूस ले कर निकलते हैं पुलिस दल पर हमला करते हैं उन्हें घायल कर दिया जाता है |पुलिस को हिदायत है आप इनको समझायें नई सरकार के विरोध में क्या नहीं किया गया साहित्यकारों ने पुरूस्कार वापिस किये उन एजेंसियों का अपमान किया जिन्होंने उन्हें पुरूस्कार दिए थे क्या सरकार की तरफ से उन्हें सजा दी गयी | आप किसी पर अभियोग लगाते हैं उसके सम्मान को चोट पहुचाते हैं कितने भी उच्च पद पर आसीन क्यों न हो उसे न्यायालय की शरण लेनी पडती है वहीं निर्णय होते हैं | कुछ राजनेता हर वक्त मीडिया में बने रहने के लिए किसी को भी बेईमान होने का सर्टिफिकेट दे देते हैं तब भी न्यायालय में ही विरोध होता है | देश में एक सुदृढ़ न्यायव्यवस्था है संविधान की रक्षा करती हैं यदि पूर्ण प्रजातंत्र चाहिए उसके लिए कानून बदलना पड़ता हैं उसकी भी प्रक्रिया है पूर्ण आजादी की स्वीकृति कैसे मिल सकती हैं वह भी कुछ लोगों को |
डॉ शोभा भारद्वाज

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