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जाट आरक्षण की मांग की आड़ में राजनीति का भयंकर खेल

Vichar Manthan
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कैप्टन पवन कुमार हरियाणा राज्य में जींद के निवासी अपने शिक्षक माता पिता की इकलौती सन्तान जिनकी उम्र केवल 23 वर्ष थी देश के लिये उस समय कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गये जिस समय हरियाणा आरक्षण की आग में जल रहा था | जाट समुदाय की मांग है ओबीसी कोटे में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में उन्हें आरक्षण दिया जाये | आरक्षण की मांग नई नहीं है हुड्डा सरकार ने 2012 में स्पेशल बैकवर्ड क्लास में जाट ,जट ,सिख रोड विश्नोई और त्यागियों को आरक्षण दिया था लेकिन सुप्रीमकोर्ट नें जाटों को पिछड़ा मानने से इंकार कर दिया |यही नहीं खट्टर सरकार को भी जाटों सहित पांच जातियों को आरक्षण देने की सूचना वापिस लेनी पड़ीं | अबकी बार जाटों ने ऐसा विरोध किया जिससे अपने प्रांत की व्यवस्था ही ठप्प कर दी गयी | ऐसा कैसे हो गया ? लोगों का विचार है इसके पीछे अपने प्रांत में गैर जाट का मुख्यमंत्री होना हैं कुछ इसे हरियाणा में उपद्रव फैलाने की साजिश भी मान रहे हैं जिनके हाथ से सत्ता जाती है वह नई सरकार को चैन नहीं लेने देते | आरक्षण की मांग के साथ यह आन्दोलन खतरनाक मोड़ पर आ सकता है किसी ने सोचा भी नहीं था | विरोधी दल इसे खट्टर सरकार की विफलता मानते हैं देखते देखते रेलें रोकी, सडकों पर चलने वाले वाहन रोके , लोगों के समझ में नहीं आ रहा था इतना बड़ा जाम क्यों लग रहा है | सरकारी सम्पत्ति को नुक्सान पहुचाना हरियाणा परिवहन सेवा की बसों में आग लगाना यहाँ तक मालगाड़ी में आग लगा दी| हाई वे पर चलने वाली बसों ट्रकों को रोक कर जला देना सवारियों को बेहाल सडक पर उतरने के लिए विवश करना जिनमें महिलाएं बच्चे और वृद्ध भी होते हैं ऐसे विदेशी भी थे जिनकी दिल्ली से फ्लाईट थी कम से कम 12 रेलवे स्टेशनों , पुलिस स्टेशन ,में आग लगाई यह कैसी अराजकता ?
माल, बाजार में दुकानें लूट कर उनमें भी आग लगा दी ऐसा लग रहा है जैसे हरियाणा न होकर उपद्रवियों का स्थल हो समय के साथ लूटमार बढती गयी यही नहीं सोनीपत में बने जौरासिक पार्क को तहस नहस कर डाला हरियाणा का वीटा मिल्क प्लांट भी उपद्रवियों की भेंट चढ़ गया देश में दूधमुहें बच्चे दूध को तरसते हैं यहाँ दूध जल रहा था | आरक्षण की मांग करते जाट थे या लुटेरे | फसल कटने में अभी समय हैं बुजुर्ग जाट ताऊ और ताई रेलवे ट्रेक पर बैठ गये वहीं खाना पक रहा था हुक्के गुड़गुड़ाये जा रहे थे यह आन्दोलन रोहतक के सांपला से शुरू हो कर लगभग सारे हरियाणा में फैल गया इनके पीछे मुख्य नेतृत्व सामने नहीं आया | दिल्ली को जल सप्लाई करने वाली मनकनहर रोक दी गयी जिसके चलते राजधानीं में जल का संकट खड़ा हो गया स्कूली बच्चों की छुट्टी करनी पड़ी | दिल्ली का पानी रोका जब हरियाणा में अति वृष्टि होती है बाढ़ की स्थिति आ जाती हैं यमुना नदी में बाँध खोल कर पानी छोड़ा जाता है जिससे दिल्ली में यमुना उफनती है राजधानी के कुछ इलाकों में डूबने की हालत हो जाती है |
दोआब का प्रदेश बहुत उपजाऊ होता हैं पहली बार मुहम्मद तुगलक ने खेतिहरों से मोटी मालगुजारी बसूल करने की कोशिश की थी |इतिहास गवाह रहा हैं दिल्ली या आगरा में शासकों की अच्छी पकड़ होती है जाट शान्ति पूर्वक खेती करते थे सेना में भी भर्ती होते थे और टैक्स देते थे | अंग्रेज भी दोआब की उपजाऊ जमीन के बाशिंदों को जानते थे उनसे सख्ती से माल गुजारी वसूल की जाती थी | जाट प्रकृति के बारे में कहावत है जाट जितना कटेगा उतना बढ़ेगा | अत: नेता ज्यादातर इनसे बच कर चलने की कोशिश करते है |हरियाणा राज्य का जन्म 1966 में हुआ था शुरू की राजनीतिक उथल पुथल के बाद भी जाट बाहुल्य बहुत सम्पन्न प्रदेश ने बहुत तरक्की की| जैसे ही हरियाणा की सीमा प्रारम्भ होती है | बड़े-बड़े खेतों की हरियाली मन को मोह लेती है शानदार सडकें लहलहाते खेत धरती से पानी निकाल कर चावल की खेती करते देख सकते हैं | जाट समुदाय पूरी तरह खेतिहर हैं खेती के आधुनिक तरीकों से खेतों से सोना बरसा है | दिल्ली लगभग हरियाण की गोद में बसा है जिसका हरियाणा वासियों को बहुत लाभ भी हुआ है | दिल्ली के पास होने के कारण फ़ार्म हाउसों को बारात घरों में बदल दिया गया है दिल्ली पुलिस के लम्बे ऊंचे जवान अधिकतर हरियाणवी हैं | गुड़गावँ का विकास इस तेजी से हुआ है यह आधुनिक शहर नजर आता है ऊंची अट्टालिकायें मल्टीनेशन कम्पनियों के दफ्तर मॉलों ने शहर की तकदीर बदल दी जिससे रोजगार के अवसर बढ़े | हरियाणा में कई इंजीनिरिंग कालेज हैं यहाँ दिल्ली और पूरे भारत तक के विद्यार्थी एडमिशन लेते हैं | दिल्ली सोनी पत और पानीपत तक पहुंच गयी है | जाट रेजिमेंट के जवानों के पैरों की धमक गणतन्त्र दिवस पर राज पथ पर सुनी जा सकती है जाट नौजवान आर्मी की शोभा बढ़ाते हैं | दिल्ली पुलिस में भी लम्बे स्वस्थ जाट अपने बोलने के लहजे से अलग पहचाने जाते हैं | जात कई प्रशासनिक अधिकारी हैं |खेलों में भी अग्रणी है | राजनीति में जाट परिवारों की बहुत रूचि है | राजनीति में वंशवाद का भी बोलबाला है |
हालत खराब होने के बाद सेना बुलानी पड़ी सेना देश के दुश्मनों के लिए मोर्चे पर लड़ने के लिए है अपने लोगों से लड़ने के लिए नहीं है लेकिन मजबूरी में अराजकता मचने पर उनका फ्लैग मार्च कराना पड़ता है आदोलनकारी तर्क देते हैं ,जाटों के लडके बेरोजगार हैं उनकी शादी नही हो रही हैं | खुद ही भ्रूण परिक्षण करा कर लडकियाँ कोख में ही मार दीं अब बाहर से लडकियाँ लानी पड़ रही हैं |यह भी तर्क है खेती घाटे का सौदा हो गया है गांवों मे बेरोजगारी बढ़ रही है जाट एक प्रगतिशील कौम है इन्होने विधवा विवाह सम्बन्धित आधुनिक विचार अपनायें है यह उत्सव प्रिय कौम है इनकी पंचायतें भीं हैं खाप पंचायतों का जिक्र होता रहता है |आरक्षण मांग रहें जाट समुदाय का आन्दोलन इतना उग्र और हिंसक हो जाएगा इसका अंदाज खट्टर सरकार को भी नहीं होगा सरकारी खुफिया तन्त्र पता लगाने में असफल रहा इतने बड़े पैमाने पर आन्दोलन की तैयारी हो रही हैं यह एक दो दिन का काम नहीं है काफी समय से अंदर ही अंदर चल रहा होगा लुटरों की भीड़ अपने ही प्रदेश को दस वर्ष पीछे ले जायेगी कोई सोच भी नहीं सकता | सरकारें काफी समय से अपने अपने क्षेत्र में विदेशी निवेश लाने की कोशिश कर रहीं हैं जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं सरकारी नौकरियां कम रह गयी हैं | हरियाणा को शांत और अच्छा प्रदेश माना जाता था अब इसकी प्रसिद्धी विश्व के समाचारों में हो रही है इन सब के पीछे कौन हैं इतने बड़े आन्दोलन की तैयारी एक या दो दिन में नहीं हो सकती गावों में जाट नेताओं ने बैठके की होंगी आरक्षण के नाम पर उनको मर मिटने की के लिए उत्तेजित किया गया होगा | कहते है उपद्रवियों की भीड़ में गाँवों से आये लोग थे जो लूटपाट कर रहे थे पूरे विश्व में ऐसे उदाहरण मिलते हैं वंचितों ने अवसर का लाभ उठा कर खाते पीतों को लूटा है | काफी समय से देखा जा रहा है नेतागिरी चमकानी है कोई जबर्दस्त नारा लगाओ जिसमें आरक्षण का नारा खूब चलता है |सरकारी नौकरी का आकर्षण बहुत बढ़ गया है मोटी तनखा समय – समय पर बढने वाले महंगाई भत्ते फिर बुढापे में पेंशन बढिया इलाज सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है आरक्षण के नारे पर बेरोजगारों की भीड़ जमा हो जाती है | नये उभरते नेता भीड़ इकठ्ठी कर रेल रोकना सरकार सम्पत्ति को नुक्सान पहुंचाना पुलिस स्टेशनों पर हमला कर अपनी उपस्थिति दर्शाते हैं नेता गिरी चमकाते हैं गुजरात के पटेलों का आन्दोलन जिसका मुखिया हार्दिक पटेल तो पुलिस को भी चुनौती देता नजर आया |
केंद्र सरकार के आश्वासन के बाद धीरे-धीरे आन्दोलन थम गया है लेकिन अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया है |इन हालतों में निवेश कहाँ से आयेगा ? हरियाणा के शहीद के पार्थिव शरीर के जींद पहुंचने से पहले जिन्होंने रास्ते रोके थे उन्होंने ही स्वयं रोक हटा कर रास्ता बनाया और शहीद को नारों और आंसुओं से भावभीनी श्रद्धान्जली दी |
डॉ शोभा भारद्वाज

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