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बजट सम्बन्धित कुछ बातें

Vichar Manthan
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श्री जेटली जी ने 29 फरवरी को बजट जैसे शुष्क विषय की शुरुआत शेरो शायरी से की | बजट में हमें लोकलुभावन वादे सुनने की आदत थी वह सुनने को नहीं मिले | एक बात साफ़ थी विश्व आर्थिक मंदी से जूझ रहा है लेकिन भारत की जीडीपी की हालत खराब नहीं है |यह भी साफ़ है सरकार के पास अधिक नौकरियां नहीं है अत: शिक्षण संस्थाओं से शिक्षा पूरी करने के बाद नौजवान स्वरोजगार का प्रयत्न करें दूसरों को भी रोजगार दें तभी आर्थिक मंदी से उबर सकतें हैं | भारत से गये लोग विदेशों में काम कर रहे हैं लेकिन भारत में भी पैसा लगाने के इच्छुक हैं उनको आसान सिस्टम चाहिए कानून का शिकंजा हल्का किया जाये जिससे वह स्वदेश लौट सकें |
सरकार नें सबसे अधिक किसानों की हालत सुधारने का प्रयत्न किया है आये दिन किसान अपना जीवन समाप्त कर रहें हैं | समझा जा रहा है खेती लाभ का सौदा नहीं रहा है | हमारे यहाँ बड़े-बड़े- भूमि पति स्वयं खेती नहीं करते खेत बटाई पर दे देते हैं जब खेती अतिवृष्टि या अनावृष्टि से खराब होती हैं खेत जोतने वाला किसान बर्बाद हो जाता है |बजट में कृषि क्षेत्र में खर्च के लिए 35 .984 के बजट प्रावधान है | सरकार बिहार का चुनाव हार गयी थी इसका एक कारण दाल के बढ़ते दाम भी थे अब 621 जिलों में दाल की खेती को प्रोत्साहन दिया जायेगा इसके लिए 500 करोड़ का बजट है| सबसे सही काम पी एम् फसल सुरक्षा बीमा योजना की शुरुआत है| फसल पर दो लाख का बीमा 12 रूपये के प्रीमियम पर फसल का बीमा किया जाएगा | बड़े किसान चाहते थे बैंक से लिया किसान का कर्ज माफ़ कर दिया जाये |ज्यादातर गरीब किसान खेती के लिए साहूकारों से कर्ज लेते हैं उनकी जरूरत को देख कर उनसे मोटा ब्याज लिया जाता है | फसल नष्ट हो जाने पर सबका अन्नदाता भूखा भी सोता है वह निराश हो जाता है | बजट में पशुपालन पर जोर दिया गया है लेकिन शहद के उत्पादन पर ख़ास प्रकाश डाला है| किसान शहद को शहरों में बेचें आज कल विज्ञापनों में शहद की गुणवत्ता पर ख़ासा प्रकाश डाला जा रहा है |खेतो की मिटटी का परिक्षण करवाया जाए तीन सालों में सभी खेतों की मिट्टी का परिक्षण हो जाएगा किसान जान जाएगा उसकी भूमि किस खेती के लिए उपयुक्त है वही बीज बोये |पूर्वोत्तर प्रदेशों में जैविक खेती पर जोर दिया गया है यह अधिक लाभ करी होगी किसानों को सही समय पर फर्टिलाईजर मिलें | सिचाई की योजनाओं पर सरकार ने विशेष रूचि दिखाई है | मनरेगा का लाभ उठाने वालों से कुएं और तालाब खुदवाए जायें बरसात में पानी बेकार न बह कर इनमें इकट्ठा हो जाये पुराने तरीकों से भी खेत सींचे जा सकते हैं लेकिन यह तभी सम्भव हो सकेगा जब इच्छा शक्ति होगी अधिकारी कर्मठ होंगे | यदि गावों में ही किसानों की आर्थिक हालात सुधर गयी वह शहरों से अपने गांवों की और लौटेगा| एक महत्व पूर्ण काम करने का सरकार ने वादा किया हैं पक्की सडकों से गाँव को शहरों से जोड़ा जायेगा किसान को बिचौलियों के बजाय खुद शहरी बाजारों से जुड़ने का अवसर मिले | गावँ बिजली से प्रकाशित किये जायेंगे|
ग्रामीण महिलायें आज भी लकड़ी जला कर खाना पकाती हैं मोदी जी के अनुसार धुएं का उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ता है उनके लिए गैस का प्रबंध किया गया हैं कम से कम डेढ़ करोड़ महिलाओं को गैस की सब्सिडरी दी जाये |मर्द ज्यादातर कमाने शहरों में चले जाते हैं खेती का काम भी औरतें देखती हैं उनका जीवन आसान हो जायेगा | रेल में भी महिलाओं को 33 % रिजर्वेशन की व्यवस्था की गयी है | शहरी और मिडिल क्लास की महिलाएं जेटली जी से या यूँ कहिये मोदी जी से नाराज होंगी |घर में बैठ के अपनी सहेलियों से लम्बी से लम्बी गपशप कर लेती थी | मोबाईल में बातों पर भी सर्विस टैक्स लग गया और तो और ब्यूटी पार्लर महिलाओं की प्रिय जगह थी सजना सवंरना उनका शौक है यहाँ समय भी अच्छा कटता था उस पर भी सरकार की दृष्टि पड़ गयी | सोना हीरे पर टैक्स बढ़ गया अपनी सहेलियों को तरह तरह के सेट पहन कर नीचा दिखलाने के साथ उनकी अपनी सिक्योर्टी भी थी |सबसे बड़ी बात रेस्तरां के खानों पर भी सर्विस टैक्स लगा दिया आम घरेलू महिलायें कभी कभी किचन के झंझट से छुट्टी पाने के लिए परिवार सहित बाहर खाने के लिए जाती थी अब तो घर का बजट गड़बड़ा जायेगा महिलाओं की किट्टी पार्टियों का क्या होगा ? ब्रांडेड कपड़े पहन कर बताया जाता था हम आम नहीं ख़ास हैं उन पर भी टैक्स बढ़ा दिया बाकी तो पति की जेब से निकलने वाले खर्च हैं जैसे हवाई यात्रा पर सर्विस टैक्स लग गया | इलेक्ट्रोनिक सामान पर कस्टम ड्यूटी बढ़ गयी | एक काम मोदी जी ने बहुत ही अच्छा किया हैं बीड़ी पर टैक्स नहीं बढ़ाया वह तो गरीबों का शौक हैं हाँ तम्बाकू गुटका सिगरेट और सिगार पर टैक्स बढ़ा दिया इससे महिलाएं बहुत खुश हैं अब उनको अपने पति से कम लड़ना पड़ेगा जब जेब पर खर्चा बढ़ेगा अपने आप शौक कम होगा या बीड़ी पीनी पड़ेगी जिससे समाजवाद आयेगा | सरकार ने शराब पीने वालों को तंग नहीं किया उन पर बजट का असर नहीं पड़ा |
एक बात स्पष्ट हैं बजट में स्किल एजुकेशन पर जोर दिया है |हाथ में हुनर होगा काम आसानी से मिलेगा |निवेश करने वालों को भी आकर्षित किया जाएगा हमारे यहाँ जनसंख्या भी है प्रशिक्षित कारीगर भी है और बाजार भी | सरकार घरेलू क्षेत्र में कियेउत्पादन की खपत अपने ही बाजारों में बढ़ाना चाहती है यह तभी संभव होगा जब चीन से आने वाले सस्ते समान को रोका जा सके| अपने कारखानों के उत्पादन पर जोर दिया जाए | उच्च शिक्षा के लिए विश्व स्तर के दस कालेज खोलें जायेंगे जिससे अपने मेघावी छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में न जाकर अपने ही देश में शिक्षा ग्रहण करें |
बजट में बहुत कुछ है पर एक बात साफ़ है गरीबों की दशा सुधारने पर जोर दिया गया है | बजट में बहस करने के लिए ख़ास नहीं है राज्य सभा में बजट बस 14 दिन के लिए जाता है पास करें या न करें राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए चला जाता है |लोकसभा में सरकार के पास बहुमत की कमी नहीं है पास हो गायेगा |अब जम कर संसद की कार्यवाही को सांसद बाधित करते रहें जरूरी बिल लटके हुए हैं उन पर बहस न कर गैर जरूरी बातों पर बहस कर संसद की कार्यवाही ठप्प करें पहले की तरह संसद का कार्यकाल समाप्त करें उनकी इच्छा परन्तु मतदाता जागरूक है | डॉ शोभा भारद्वाज

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