Menu
blogid : 15986 postid : 1146594

अखिलेश सरकार से मुस्लिम समाज का मोह भंग हो गया है क्या ?

Vichar Manthan
Vichar Manthan
  • 297 Posts
  • 3128 Comments

15 मार्च ,चार साल पूर्व उत्तर प्रदेश में समाज वादी दल को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ था | प्रदेश में युवा मुख्य मंत्री के रूप में अखिलेश यादव ने पद की शपथ ली | मुलायम सिंह यादव के उत्तरा धिकारी अखिलेश यादव को सत्ता आराम से नहीं मिली थी उन्होंने साईकिल रैलियां निकाल मायावती सरकार का विरोध कर दल को मजबूत बनाया था, अत: उन्हें उनके पिता के स्थान पर मुख्य मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी थी |सपा की जीत में मुस्लिम समाज का बहुत बड़ा हाथ था उन्होंने श्री मुलायम सिंह के वायदों पर विश्वास कर उत्तर प्रदेश के मतदान में जम कर वोटिंग का थी और सबसे अधिक वोट सपा की झोली में डाले गये थे उन्हें मुलायम सिंह जी के आश्वासनों पर पूरा भरोसा था किया था | मुस्लिम समाज को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया गया वह इस्तेमाल भी हुआ हें | आजम खान मुलायम सिंह के नजदीक आये और मुस्लिमों के हक में वादे कराए गये जैसे मुसलमानों को उनकी जनसंख्या के अनुसार आरक्षण दिया जाएगा |आरक्षण का मामला संवैधानिक मामला हए 50 %से अधिक नहीं दिया जा सकता |पिछले दिनों हरियाणा के जाटों ने आरक्षण के नाम पर अपने प्रदेश में हा- हा कार मचा कर कई वर्ष पीछे धकेल दिया | हर नया नेता आरक्षण के नाम पर अपनी नेतागिरी चमकान चाहता है | कई प्रदेशों में आरक्षण के लिए आवाज उठ रही है क्या सम्भव हुआ ? धर्म के आधार पर संविधान में आरक्षण का प्रावधान ही नहीं हैं | जाति के आधार पर हिन्दू समाज ने सदियों तक समाज के एक वर्ग को अछूत मान कर दुःख और दर्द ही दिया था | मुस्लिम धर्म मे सबको बराबर समझा जाता है अत : उन्हें आरक्षण पिछड़े वर्ग के कोटे में ही मिल सकता है मुस्लिम की भोली भली जनता उनके बहकावे में आ गयी |
सपा सरकार ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में मुस्लिम समाज को अपने पक्ष में करने के लिए लिखा रंगनाथ मिश्रा कमेटी और सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए केंद सरकार पर दबाब डालेंगे | सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार देश की आजादी के बाद भारतीय मुसलमानों की हालत में सुधार नहीं आया है। राष्ट्रीय साक्षरता अभियान में उनका औसत बहुत कम है | मुस्लिम बच्चे केवल 25 % बच्चे ही स्कूल जाते हैं या पढाई छोड़ देते हैं । प्रशासनिक नौकरियों में जैसे आईएएस आईएफएस और आईपीएस में भी उनका प्रतिशत बहुत कम हैं| रेलवे में भी 4 .5 % मुस्लिम नौकरी करते हैं इनमें बड़ी संख्या निचले पदों पर काम करने वालों की है| पुलिस में 6% कांस्टेबल हैं यही हाल स्वास्थ्य सेवा और यातायात सेवा में काम करने वालों का हैं |गरीब मुस्लिम परिवारों में बच्चों के पढने को अहमियत बहुत कम दी जाती हैं कोशिश की जाती हए वह जल्दी कोई काम सीख कर पैरों पर खड़े हो जायें हाँ स्किल के काम में इनका मुकाबला नहीं हैं| महिलाओं की शिक्षा के लिए गरीब मुस्लिम समाज पूरी तरह उदासीन रहा है यदि इच्छा शक्ति से कोशिश की जाये पढाई में पिछड़ने वाले बच्चों पर ख़ास ध्यान दिया जाये पढ़ाई छोड़ने वालों की संख्या घटेगी | मुस्लिम बच्चों के लिए चौदह पन्द्रह पौलीटेक्नीक और आई टीआई खोलने का वादा किया लेकिन जमीन ही आबंटित नहीं हो पाई जमीन उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में जैसे गाजियाबाद और नौएडा में हर प्रशासनिक अधिकारी और राजनेताओं को प्लाट या फ़ार्म हॉउस चाहिए| मेडिकल कालेजों में भी आरक्षण का वायदा किया गया ,यूनानी मैडिसन पद्धति के दवाखाने खोलने का वायदा किया क्या सम्भव हो सका केवल कुछ फंड ही दिया |
मुस्लिम समाज को शिकायत रहती है उनके अनेक युवकों को आतंकवाद के झूठे आरोपों में बंद किया गया है सपा ने वादा किया था जिनको झूठे आरोपों में बंद किया गया है उन्हें छोड़ दिया जाएगा और उनको आर्थिक सहायता देकर जीवन धारा से जोड़ा जायेगा लेकिन जिन्हें न्यायालयों ने बरी कर दिया हैं उनका भी पुनर्वास नहीं किया गया| देश में विधि का शासन है पकड़े जाने पर प्रत्येक व्यक्ति अपने को निर्दोष कहता है| देश की एक न्यायिक प्रक्रिया है उसे सरकारें नजर अंदाज नहीं कर सकती| यह न्यायालय का विषय था वही बरी कर सकती हैं या अपराधी को दंडित कर सकती हैं सजा के बाद सुप्रीम कोर्ट तक अपील करने का अधिकार हैं | मुस्लिम समाज में असुरक्षा की भावना जगायी जाती हैं | उन्हें आश्वासन दिया पुलिस तुम्हें इस लिए परेशान करती है तुम मुसलमान हो विशेष रूप से मुस्लिम सिपाही भर्ती किये जायेंगे यह विशेष प्रावधान संवैधानिक रुप से मुमकिन नहीं है, यह सिर्फ प्रलोभन देकर वोट हासिल करने का हथकंडा था । मुस्लिम नेताओं को इस बात का बहुत दुःख है हिन्दुस्तान की राजनीति में मुस्लिम का जिक्र साम्प्रदायिकता और आतंकवाद के सन्दर्भ में किया जाता राजनितिक दल जानते हैं जब तक उनमें असुरक्षा की भावना रहेगी वह वोट बैंक बने रहेंगे जिस दिन वह समझ जायेंगे वह देश के नागरिक हैं न कि वोट बैंक उनका हित किसमें है यह सोच कर वोट देंगे झूठे वादों से उनका इस्तेमाल न राजनितिक दल कर सकेंगे न उनके नेता | वह केंद्र की मदद से चलने वाली योजनाओं को समझेगे उनका लाभ उठाने की कोशिश करेंगे | वायदे कागजी बन कर रह गये बस एक काम किया गया कब्रिस्तानों की दीवारें बनवा दी उर्दू के कुछ टीचर भर्ती किये और मुस्लिम बुद्धिजीवियों को सम्मानित करने का काम किया गया है| मुस्लिम समाज को दुःख है सरकार उर्दू भाषा को लेकर भी संजीदा नहीं है चुनाव के समय बस जुबानी जुमले बोले गये थे|
मुजफ्फर नगर में भीषण दंगे हुए क्यों हुये ?कारण पर ध्यान नहीं दिया गया सर्वोच्च न्यायालय ने अखिलेश सरकार को फटकारते हुए सख्त टिप्पणी की लेकिन विष्णु सहाय जांच आयोग ने काफी निचले स्तर पर छोटे पुलिस वा प्रशासनिक अधिकारियों पर दोष मढ़ दिया एक तरह से बड़े सुनियोजित ढ़ंग से उत्तर प्रदेश सरकार को क्लीन चिट दे दी |क्या जरूरत कारण जान कर दोषियों को दंड देना नहीं था | हाँ एक काम बखूबी निभाया जाता हए जैसे ही दंगा होता है हर राजनीतिक दल अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने पहुंच जाते हैं राज्य सरकार मुआवजा देकर वाह वाही लूट लेती है समस्या वहीं बनी रहती है |समाज वादी दल के सत्ता में आते ही दंगे क्यों बढ़ गये दल ने सोचने की कोशिश भी नहीं की |
मुस्लिम नेता अपने पीछे वोट इकट्ठे करने के लिए मुस्लिम समाज के दुःख दर्दों पर शोर मचाते हैं उन्हें भारतीय मुसलमान न कह कर भारत में रहने वाले मुसलमान कहते हैं, धर्म के नाम पर भड़काते हैं उन्हें रोजगार ,शिक्षा ,स्वास्थ्य सेवा चाहिए उन्हें इस्लाम खतरे में है का नारा देते हैं |इस तरह वह अपना राजनीतिक कद बढ़ा कर मुस्लिम समाज के लीडर बन कर उभरते हैं सत्तारूढ़ दलों के समीप पहुंच कर सत्ता में हिस्सेदारी बढ़ा लेते हैं| मुस्लिम समाज को भी समझना हैं देश का एक संविधान है धर्म निरपेक्षता मौलिक अधिकार उसकी विशेषता है उसमें संशोधन की प्रक्रिया हैं देश संविधान के अनुसार चलता है संविधान की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय है| देश की सामाजिक व्यवस्था भी ऐसी है हिन्दू मुस्लिम मिल जुल कर आपस में प्रेम से रहते हैं एक दूसरे के दुःख दर्द के साथी हैं बस नेता उनसे दूर रहें| अखिलेश सरकार में महत्वपूर्ण स्थान पर आसीन मुस्लिम नेता ने अपने समाज के लिए क्या किया? बस अजीबो गरीब ब्यान देकर सुर्खियों में रहते हैं कभी मुलायम सिंह के चहेते लाड़ले बने दिखते हैं कभी उन्हें आँख दिखाते हैं| दिल्ली के इमाम बुखारी भी वोट देने के लिए फतवे देते हैं |आज कल एक और हैदराबादी नेता उत्तर प्रदेश के मुसलमानों में अपनी लीडरी चमकाने की फिराक में हैं| मुस्लिम समाज ने अपने इन नेताओं की बात अवश्य सुनी, जोशीले उद्गारों पर ताली भी बजाई है परन्तु वोट बैंक वह बड़े दलों के ही बनें हैं | लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समाज ने मुलायम सिंह जी को अपनी नाराजगी दिखा दी थी वह लोकसभा में बस 5 सांसद हैं |मोदी जी के बनारस के चुनाव अभियान में मुस्लिम महिलाएं भी बच्चों सहित फूल लेकर उनके स्वागत में खड़ी थी | मोदी जी ने उनको प्रणाम किया था |मोदी जी को लोकसभा में बहुमत देकर सबने जिताया था जबकि मुस्लिम समाज को मोदी जी का भय दिखा डराने की कोशिश भी की गयी थी क्या मुस्लिम डरे थे ? नहीं |
डॉ शोभा भारद्वाज

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh