Menu
blogid : 15986 postid : 1184890

रिजल्ट का सीजन है , पढाई का रास्ता लम्बा लेकिन सीधा सच्चा है |

Vichar Manthan
Vichar Manthan
  • 297 Posts
  • 3128 Comments

रिजल्ट का सीजन चल रहा है| पेपर देने के बाद रिजल्ट का ही इंतजार होता है| एक के बाद एक नतीजे आ रहे हैं उनमें कुछ टापर है जब समाचार पत्रों या चैनलों के माध्यम से उन्हें दर्शकों या पाठकों से मिलाया जाता है| उनकी चमकती आँखे मुस्कराते चेहरे उनकी ख़ुशी का ब्यान करते हैं | बिहार का रिजल्ट निकला दो टापरों के दर्शन हुए एक को पोलिटिकल साईंस का उच्चारण नहीं आता था विषय में क्या पढ़ाया जाता हैं उसका उत्तर था खाना पकाना आदि सिखाते हैं | चलिए अच्छा सा लड़का देख कर टौपर के लेबल से अच्छी शादी हो जाएगी लेकिन साइंस टापर जो डाक्टर बनना चाहता है उसे कैमिस्ट्री का मामूली सा सवाल नहीं आता था | हैरानी हुई सभी चकित है पास हो जाते नकल जम कर चल रही थी लेकिन टौप करना बड़ी बात है यदि नकल भी कराई जाये तब भी टौप करना सम्भव नहीं है जो सही बोल नहीं सकते जिन्हें अपने विषय का पता नहीं वह सही नकल कर लिख कैसे सकते हैं इसका अर्थ पेपर ही किसी दूसरे के द्वारा किया गया है |बिहार का शिक्षा विभाग भी हैरान है वह दुबारा टौपरों की कापी की जाँच करेगा उनके प्रदेश की भी साख जाती है चाहे ऐसे टौपर दो चार ही हों अब कुछ टौपर तो नकली हो ही गये हैं | बिहार के साथ पूरे देश की बदनामी है | ,अनगिनत युवा विश्व में नौकरी करने जाते हैं वहाँ उनका नाम है उस देश की तरक्की में भी उनका हाथ है ,अपने देश में विदेशी मुद्रा भेजते हैं | विश्व में देश का क्या सम्मान रहता है जब बड़े पैमाने पर नकल होती है |
बच्चे की शिक्षा नींव प्राइमरी क्लास में पडती है | सरकारों ने यह सिद्ध करने के लिये हम रोजगार दे रहे हैं जल्दी-जल्दी शिक्षकों की भर्ती कर चुनावी वायदे पूरे किये यह सोचा ही नहीं इनपर उनके क्षेत्र के बच्चों के भविष्य की नीव है उनका क्या होगा |आज कल बच्चों की अंग्रेजी अच्छी हो पब्लिक स्कूल में पढ़ाने का चलन बढ़ गया है कई स्कूलों की सज्जा देखने लायक होती है कहीं कमी नहीं की जाती लेकिन कंजूसी भी होती है तो जिनके द्वारा बच्चों के भविष्य की नींव रखी जानी है सस्ते अध्यापक उन पर भी कई क्लासों का बोझ डाला जाता है उनकी नियुक्ति भी टेम्परेरी होती है अत : वह शोषण सहते रहते हैं | अच्छे टीचर पूरा ग्रेड मांगते हैं | जो स्वयं नहीं पढ़े वह बच्चों को क्या पढ़ाएंगे जिन्हें स्वयं जोड़ना घटाना और पहाड़ा नहीं जानते जिनकी स्वयं की मात्राओं में गलतियाँ है वह बच्चों को क्या सिखायेंगे फिर ट्यूशन का धंधा उसमें भी केवल होमवर्क कराया जाता है |
एक या दो बच्चे हैं माता पिता को लगता है उन्हें उनके माता पिता ने सही ढंग से नहीं पाला वह अपने बच्चों को पाल कर दिखायेंगे उनका बच्चा क्लास में भी अव्वल हो खेल और कल्चरल प्रोग्रामों में भी आगे रहे उनकी कांच की आलमारी को पुरुस्कारों से सजा दे | उनकी हर जरूरत पूरा करते है सब कुछ हमारे बच्चों का है हम जो कमाते हैं इन्हीं के लिए है बच्चों में हमारी जान बस्ती है |बच्चे की जब हर मांग पूरी करना समाज में अपनी कोख धन्य करने के लिए सन्तान के माथे पर टौपर का लेबल लगवाने से भी कुछ माता पिता नहीं चूकते | मनचाही डिग्री के लिए कैपिटेशन से चलने वाले इंजीनियरिंग या डाक्टरी की पढ़ाई के लिए पैसे से एडमिशन कराना ,मोटा जेब खर्च देना बच्चा किसी भी अभाव में न रहे | हाँ आगे की पढ़ाई अब छात्र को स्वयं करनी है फाल औउट होना एक ही क्लास में कई वर्ष बैठे रहना पढ़ाई समझ में न आने पर क्लास बंक करना गलत संगत में पड़ कर नशे का आदी हो जाना कभी कभी डिप्रेशन में चले जाना आत्म हत्या कर लेना माता पिता के दुःख का कारण बन जाता है उनकी भी बाकी बची जिन्दगी दुःख के अँधेरे में घिर जाती है |
काफी समय से देखा जा रहा है बच्चे पढाई से उदासीन होते जा रहे हैं | साइंस पढने के इच्छुक छात्रों की संख्या भी कम हो रही है | कैरियर के प्रति भी सपनों की दुनिया में उड़ते हैं किसी भी युवाओं से पूछो वह माडलिंग , फैशन डिजाईनर एंकरिंग करना फिल्म या सीरियल में अभिनय या पत्रकारिता के व्यवसाय में जाना चाहते हैं |अच्छे नम्बर लेने वाले भी कौमर्स की पढाई कर मल्टीनेशनल कम्पनियों में मोटी पगार पाना चाहते हैं| प्रथम डिग्री डाक्टरी , या इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए कम्पीटीशन में न बैठना पड़े | कैपिटेशन से दाखिला मिल जाये तो वह माता पिता का सपना पूरा कर देंगे | आईएएस ,आईपीएस और आईएफएस अधिकारी या अच्छी सरकारी नौकरी चाहते हैं कम मेहनत में ऊचाँ पद जल्दी पदोन्नति |इस लिए नई नेतागिरी चमकाने के लिए नये नेता आरक्षण का नारा लगाते हैं हजारों की संख्या में युवा निकल आते हैं रेल रोकना ,सरकारी संपति की तोड़ फोड़ करना ,आगजनी कर सरकार को डराने के हथकंडे अपनाये जाते हैं | गुजरात में पटेलों की आरक्षण की मांग उठी हरियाणा में जाट आरक्षण के नाम पर ऐसी तोड़फोड़ मची प्रदेश कई वर्ष पीछे चला गया | यह प्रजातांत्रिक व्यवस्था के साथ खिलवाड़ है किस-किस को आरक्षण दिया जा सकता हैं |
ऐसी बात नहीं है कैरियर के प्रति छात्र जागरूक नहीं है बच्चों के माता पिता अच्छे कैरियर के प्रति रूचि पैदा करते हैं कुछ स्वय ही अपने उद्देश्य के पक्के बिलकुल अर्जुन हैं उनका केवल लक्ष्य ऊंची डिग्री हासिल करना है | उनके घर की दीवारों को अँधेरा नसीब नहीं होता अपने आपको हर तरफ से हटा केवल उज्ज्वल भविष्य की कामना होती है | कई विदेश में पढने के लिए उत्सुक हैं कुछ पढ़ने के बाद विदेश में नौकरी कर वहीं बसन चाहते हैं | इसलिए यह लग्न के धनी युवा लक्ष्य को सामने रखते हैं भारत में भी मल्टीनेशन कंपनियाँ बड़े –बड़े पे पैकेज दे कर इनकी सेवायें लेती हैं | आज कल के बच्चों को खुशगवार जिन्दगी लक्ष्य से भटकाती है टेलीविजन के मनोरंजक प्रोग्राम कम्प्यूटर में गेम , फेस बुक का बढ़ता आकर्षण ,बाहर घूमना शाम को डिस्को जाना रेव पार्टियाँ पता नहीं लगता कब समय बीत गया इम्तहान सिर पर आ गये किसी तरह नकल से काम चलाया जायेग इम्तहान के टाईम बिकने वाली गाईड भी अब सार्थक नहीं रहीं प्रश्न पत्र में कई प्रश्न होते हैं हाँ जबाब संक्षेप में देने हैं |पहले 10 प्रश्न में से से पांच या छह हल करने हैं गाईड के पन्ने फाड़ कर ले जाओ पास हो कर पढ़े लिखों की लाइन में लग जाओ |आज अगर किताब भी खुलवा कर सामने रख दो जब तक आपने पढ़ा नहीं है प्रश्न हल नहीं कर पाओगे |विदेशों की तर्ज पर कई रियलिटी शो का आकर्षण टीआरपी बढ़ाने के लिए आकर्षक माहौल बनाया जाता है इनमें बड़े-बड़े इनामों की घोषणा आज की जेनरेशन को भटकाने के लिए काफी है सोचते हैं पढ़ कर क्या मिलेगा| पढाई का रास्ता लम्बा है लेकिन सीधा सच्चा है |
डॉ शोभा भारद्वाज

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh