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मथुरा में जवाहर बाग काण्ड पर राजनीति

Vichar Manthan
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राजधानी दिल्ली में भू माफिया और राजनीतिक दलों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा कर झुग्गियां बनवा देना आम बात रही हैं | झुग्गियां बसाने वालों को एक मुश्त वोट मिलते हैं | झुग्गी बसाने से पहले वोटर कार्ड बनवाने के लिये एजेंट उन्हें यह कह कर लाते हैं झुग्गियों के फ़ार्म भरे जा रहे हैं |सरकारी जमीन पर बसी हुई झुग्गियों को हटाने के एवज में जमीन अलाट की जाती है अधिकतर झुग्गी वासी जमीनों को बेच कर चले जाते हैं जिन्होंने पावर आफ अटर्नी से उनसे जमीन खरीदी है ,आज कोई पहचान नहीं सकता यहाँ कभी झुग्गी बस्तियों के वासी बसाए गये थे | झुग्गियां बसवा कर वोट बैंक बनाना कोई नई बात नहीं है | दिल्ली से सडक मार्ग से 162 किलो मीटर दूर बसी मथुरा धार्मिक नगरी में हजारो तीर्थ यात्री बृज चौरासी कोस की यात्रा कर अपना जीवन धन्य समझते हैं | मथुरा का जवाहर बाग सबसे बड़े बाग के तौर पर यह जाना जाता है जो 253 एकड़ तक फैला है बाग के एक तरफ मथुरा एसपी का दफ्तर है जबकि दूसरी और तहसीलदार का कार्यालय है। इस महत्वपूर्ण सडक पर जिला मजिस्ट्रेतट, मथुरा जिला अदालत, पुलिस कंट्रोल रूम, रिजर्व पुलिस लाइन और मथुरा की जेल है।
ऐसे महत्वपूर्ण स्थान पर राम वृक्ष यादव ने लगभग डेढ़ दो ह्जार लोगों को इकठ्ठा कर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और सत्याग्रह के नाम पर जवाहर बाग़ में धरना देकर करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर लिया | उसे स्थानीय नेताओं और जमीन कब्जाने वाले भू माफिया का भी साथ था | बाग को घेर कर बंद चहारदीवारी में नगर बसा दिया गया जिसका वह स्वयं घोषित राजा था ,बाग उसका गढ़ | जिन लोगों को उसने बसाया वह कहते हैं गरीब हैं खाने को नहीं था वह उसके झांसें में आ गये कई अनाथ बच्चों की भी सेना बनाई जिन्हें बकायदा गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिग दी गयी उनकी परेड होती झंडे और डंडे लिए यह बच्चे गोल घेरे में घूमते बाहर तक आते परन्तु तुरंत उसी तरह परेड करते हुए वापस चले जाते| राम बृक्ष बकायदा सलामी लेता और भाषण देता | इन सब पर राम वृक्ष का स्वामित्व था जो एक बार आ गया वह फिर जा नहीं सका या जाने नहीं दिया गया यह भी कह सकते हैं रहने की जगह दो वक्त का खाना ऐसा स्थान छोड़ कर क्यों जाएँ ?स्वाधीन भारत सेना के महाराजा शानदार जीवन जीता था उसकी सरकार से कई अटपटी हास्यास्पद मांगें थी यह मांगे 1945 के काल में ले जाने वाली थी | हैरानी होती है ऐसी मांगें एक पागल कर सकता है या शातिर अपराधी |खुफिया विभाग ने कई बार चेतावनी दी लेकिन अखिलेश सरकार को अपना प्रोपगंडा करने से फुर्सत नहीं थी ,ध्यान ही नहीं दिया गया | बाग़ की गतिविधियाँ संदिग्ध थीं अंदर गोला बारूद और हथियार इकठ्ठा किये जा रहे थे संघर्ष की तैयारी थी यह समझ से बाहर है यह तैयारी राज्य की पुलिस से लड़ने के लिए थी या भविष्य में किसी बड़ी कार्यवाही को अंजाम देने की योजना थी|
बाग में भ्रमण करने वालों को अंदर जाने से रोकने लगे |रामवृक्ष पर कई मामले दर्ज थे फिर भी इसके कब्जे को हटाने की कोशिश नहीं की गयी अंत में मथुरा के लोगों ने अदालत में गुहार लगाई |अदालत का आदेश था अतिक्रमण हटाया जाये| 2 जून को एक बड़ी टीम जवाहर बाग पहुंची। एसपी सिटी मुकुल दिव्वेदी के नेतृत्व में 500 पीएसी के ट्रेंड जवान और पुलिस दल था |बुलडोजर से बाग की दीवार तोड़ डालीं ताकि अगर कुछ लोग निकल कर भागना चाहें तो भाग सकें।पुलिस जानती थी जवाहर बाग में जनहानि का भय है अत: पुलिस प्लान बना रही थी पहले बातचीत से हल निकाला जाये लेकिन राम बृक्ष की तरफ से हमले की तैयारी थी | पेड़ों पर मोर्चा लगाये बंदूक लिए लोग तैनात थे पुलिस पार्टी पर पथराव करने का पूरा इंतजाम था | बाग़ में जाने की कोशिश करते ही जबाब में थानेदार संतोष यादव को गोली लगी मारने वाले का निशाना अचूक था |एसपी मुकुल द्विवेदी को भीड़ में खींच कर उन पर हमला कर उनका सिर फोड़ कर पीट कर हत्या कर दी पूरा दिन खबर आती रही वह सीरियस हैं अंत में खबर आई वह शहीद हो गये |ऐसे उपद्रवी तत्वों से सख्ती से निपटना चाहिए था |रामवृक्ष के लोग भारी पड़ने लगे सिपाही जख्मी होने लगे तब भी पुलिस को गोली चलाने की इजाजत नहीं थी केवल लाठियों से लड़ना पड़ रहा था | बाद में गोली चलाने का आदेश हुआ |राम वृक्ष समझ गया था अब बचना मुश्किल है उसने सबूत नष्ट करने के लिए गोला बारूद के जखीरे में आग लगा दी भीषण आग में वह और उसके गुर्गे जल कर मर गये है| हैरानी होती है इतना बड़ा कृत्य हो रहा था उत्तरप्रदेश सरकार इतनी उदासीन क्यों थी अंत में लीपापोती कर प्रशासन के ऊपर सुस्ती का आरोप लगा कर सीबीआई जाँच की मांग का विरोध किया जा रहा है |
मथुरा कांड यूपी में चुनाव का विषय बनेगा विपक्ष के अनुसार राम बृक्ष पर अखिलेश यादव परिवार के केबिनेट मंत्री का वरद हस्त था |यह मामला मथुरा के जय गुरुदेव के 12 हजार करोड़ की सम्पत्ति पर अधिकार करने से भी जुड़ा है| राम बृक्ष जय गुरु देव का चेला था | अखिलेश यादव की सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भेजी रिपोर्ट में विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुये कहा अतिक्रमणकारियों को किसी प्रकार का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त नहीं था।
राजनीति में सक्रिय साधू संतों ने सपा सरकार पर प्रश्न उठाये | कुछ मीडिया रिपोर्टों ने नक्सिलयों के साथ संबंध की और भी इशारा किया गया | राम बृक्ष की तैयारी ,गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिग और गोलाबारूद हथियार इकठ्ठे करना आशंकित करता है | मथुरा कांड को लेकर भाजपा के निशाने पर आई सत्तारूढ़ सपा ने भाजपा पर तीखे पलट वार कर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का इस्तीफा मांग लिया है। सपा ने आरोप लगाया कि जवाहर बाग में कथित रूप से नक्सलाईट की मौजूदगी की सूचना उन्हें नहीं दी गयी | सपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा लाशों पर राजनीति कर रही है। यदि जवाहरबाग में झारखंड, छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश और उड़ीसा से आये नक्सलवादी रह रहे थे और केन्द्र के खुफिया तंत्र को भी यह मालूम होगा। बावजूद उन्होंने यह जानकारी राज्य सरकार के साथ साझा क्यों नहीं की। हैरानी है सपा सरकार क्या सो रही थी |आंधी निकल गयी कई प्रश्न उठा गयी इतने लोगों का खाना हथियारों का जखीरा इकठ्ठा हुआ पीछे कौन वित्तीय सहायता दे रहे हैं |27 लोगों की मौत हुई जिनमें दो अफसर शहीद हुये समस्या की जड़ में जाने के बजाय राजनीतिक बयानबाजी सरकार की तरफ से लीपापोती हो रही है अभी से यूपी चुनाव का बिगुल बज गया है |
डॉ शोभा भारद्वाज

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