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इरोम शर्मिला सामाजिक कार्यकर्ता से सक्रिय राजनीति की ओर ‘जागरण जंगशन फोरम’

Vichar Manthan
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भारत के नार्थ ईस्ट भाग को सेवेन सिस्टर्स के नाम से जाना जाते है इस प्रदेश की सीमा चीन ,भूटान मयनमार और बंगलादेश से मिलती है| इन्ही सात बहनों में एक प्रदेश है मणिपुर , स्वतन्त्रता प्राप्ति से पूर्व यह पहाड़ी प्रदेश रियासत था बाद में इसका भारत में विलय कर इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था इसकी राजधानी इंफाल है| यह प्रदेश नागालैंड मिजोरम आसाम से घिरा है पूर्व में इसकी सीमा मयनमार से जुड़ी है| यहाँ के मूल निवासी मेईती हैं यह घाटी में रहते है ,इसके अलावा नागा तथा कुकी जाति की लगभग 60 जनजातियाँ हैं जो मणिपुर की पहाड़ियों में रहती है| यहाँ बोली जाने वाली भाषा 1992  में भारत की आठवीं अनुसूची में शामिल की गयी इसे मणिपुरी भाषा कहते हैं इसे राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है |अपनी खूबसूरती के कारण मणिपुर पूर्व का स्विट्जरलैंड कहलाता है नाम से ही मणियों का प्रदेश प्राकृतिक खूबसूरती में बेमिसाल है | नृत्य कला की दृष्टि से मणिपुरी नृत्य ,श्री कृष्ण राधा और गोपिकाओं की आकर्षक वेशभूषा मनोहारी भाव भंगिमाओं से सभी परिचित है, संगीत अत्यंत कर्णप्रिय है| लेकिन दुर्भाग्य से मणिपुर अब अशांत प्रदेश है| 21 जनवरी 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ 60 सदस्यों वाली विधान सभा का गठन किया गया जिनमें अनुसूचित जनजाति और और अनुसूचित जाति के लिए 19 आरक्षित सीटें है राज्यपाल राज्य कार्यपालिका अध्यक्ष है जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं | इसी वर्ष 14 मार्च 1972 को मानवाधिकार वादी समाजसेवी ईरोम शर्मिला का जन्म हुआ जिनके कारण मणिपुर विश्व में सुर्ख़ियों में आया इन्होने पूर्वोत्तर में लागू सशस्त्र बल बिशेष शक्ति अधिनियम का विरोध किया | वह 4 नवम्बर 2000 से भूख हड़ताल पर थी 9 अगस्त 2016 को अपने मित्र के अनुरोध पर लगभग 16 वर्ष बाद भूख हड़ताल को शहद चाट कर तोड़ा|

मणिपुर प्रदेश वर्षों से अशांत है यहाँ की जनजातियाँ पहाड़ी क्षेत्रों पर अपना अधिकार जमा कर अपने लिए अलग प्रदेश की मांग करती रही हैं | अनेक आतंकवादी गुट हैं किसी भी आतंकवादी घटना को अंजाम दे कर मयनमार के बार्डर पर भाग जाते हैं यहाँ उनके आतंकवादी अड्डे हैं | सुरक्षा बलों को हर वक्त चौकन्ना रहना पड़ता है| यहाँ फिरौती और हत्याओं का सिलसिला कभी थमता नहीं है देखा जाये आतंकवाद रोजगार बन गया है | 1958 से नागाओं के निरंतर विद्रोह चल रहें है इसे दबाने के लिए केंद्र सरकार नें सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून लागू किया गया जिसने सेना को अनेक अधिकार दिये किसी को भी सर्च वारंट के बिना गिरफ्तार करना ,अनिश्चित काल तक गिरफ्तार रखने की छूट मिली | मणिपुर की राजधानी इम्फाल में 2 नवम्बर को असम राईफल के जवानों के हाथों 10 बेगुनाह मारे गये इससे दुखी ही कर इरोम ने 4 नवम्बर 2000 ने अपना अनशन शुरू किया वह चाहती थी 1958 से अरुणाचल प्रदेश, मेघालय ,मणिपुर, आसाम, नागालैंड, मिजोरम में  लागू कानून और 1990 में जम्मू कश्मीर में भी आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने के बाद एक्ट को लागू किया गया| इसे महात्मा गांधी के सत्याग्रह के हथियार से इस एक्ट को हटवाने में सफल होंगी उन्हें मणिपुर और भारत के बुद्धिजीवियों का  व्यापक जन समर्थन मिलेगा | लेकिन 1980 से यह कानून पूरे मणिपुर में लागू है | कहते हैं एक युवती को असम रायफल के जवान जबरदस्ती उसके घर से उठा कर पूछताछ के लिए ले गये अगले दिन उसका शव जिस हालत में मिला लगता था महिला को प्रताड़ित करने के बाद बलात्कार किया गया था |दोनों पक्षों के ब्यान अलग-अलग थे |इसका मणिपुर में व्यापक विरोध हुआ एक दर्जन महिलाओं ने निर्वस्त्र हो कर असम रायफल के मुख्यालय के सामने विरोध जताया |सेना और पुलिस का अपने घर पर आना किसी को पसंद नहीं है सेना भी क्या करे मजबूर है वह अपने अधिकारियों के आदेश का पालन कर समाज को सुरक्षित करती है |मणिपुर में अनेक आतंकवादी संगठन हैं हक और  की लड़ाई के नाम पर अनेक काम करते हैं| सरकार से आने वाली ऐड का बड़ा हिस्सा वह ले लेते हैं दुकानदारों की कमाई पर रंगदारी वसूली जाती है आये दिन बिना किसी कारण के बंद की घोषणा करना आम बात है यदि सेना हटा दी जाये फिर क्या होगा |

दो सीमावर्ती प्रदेश चीन और पाकिस्तान की भारत पर कुदृष्टि है चीन समूचे अरुणाचल प्रदेश को अपने कब्जे में कर सेवन सिस्टर पर प्रभाव बढ़ाना चाहता है आये दिन भारत की सीमा में घुस कर शक्ति प्रदर्शन करता है |पाकिस्तान कश्मीर पर नजर गड़ाये है सीमा से लगातार आतंकवादी प्रवेश करते हैं जिनकी सुरक्षा बलों से झड़पें होती रहती हैं| कश्मीर के कम उम्र के किशोर हाथ में पत्थर लेकर सुरक्षा दलों को मारने के लिए हर वक्त मुस्तैद हैं |पाकिस्तान की अपनी अर्थ व्यवस्था खराब है लेकिन कश्मीर में अशन्ति फैलाने के लिए खुला बजट अलगाव वादियों पर खर्च करता है | अब तो आतंकवाद विश्व के हर राष्ट्र के लिए खतरा बन चुका है इस्लामिक स्टेट की विचार धारा से सभी परेशान हैं जो नौजवानों को आकर्षित कर आतंकवाद की और ले जा रही है | विश्व शान्ति से जीना चाहता है लेकिन मजबूर हो कर सभी देशों की सरकारें अपने कानूनों में बदलाव कर सख्त बना रही है| फिर भारत की सीमा पर दो दुश्मन हैं |चीन के इरादे भारत के लिए कभी नेक नहीं रहे हैं |

इरोम के अनशन करने के बाद से नाक में नली लगा कर उसके सहारे पतला भोजन दिया जाता रहा है| वह चाहती रही हैं उनके समान अनशन पर न बैठ कर सभी एक जुट हो कर अफस्फा कानून का विरोध कर कानून हटाने के लिए सरकार पर दबाब डालें उनका अनशन द्वारा किया विरोध विश्व का सबसे लम्बा अनशन है इसलिए उन्हें आयरन लेडी कहते हैं| इरोम ने जब अनशन तोड़ा वह बहुत भावुक हो गयी उनकी आँख से आंसू बह रहे थे अनशन तोड़ने के बाद उन्होंने कहा में क्रान्ति का प्रतीक हूँ वह मणिपुर की राजनीति में आने के बाद मुख्य मंत्री बनना चाहती है ताकि पाने मुद्दों को राजनीति के माध्यम से उठा सकें |  यदि उन्हें अवसर मिला वह मुख्य मंत्री बनीं सबसे पहले अफस्पा कानून हटाएँगी उनके पास मुख्यमंत्री इबोबी की सरकार गिराने का फार्मूला भी है वह चाहती थी उनके साथ 20 निर्दलीय विधायक जुड़ जायें और सरकार को गिरा दें | वह आने वाला चुनाव भी लड़ेंगी पत्रकारों  ने कांग्रेस और भाजपा के प्रवक्ताओं से पूछा क्या वह इरोम का समर्थन करेंगें ?उन्हें अपने दल में सम्मलित करने के इच्छुक हैं उन्होंने कहा क्यों नहीं वह एक महान समाज सेवी महिला हैं वह चाहेंगे वह उनके दल में शामिल हो लेकिन विधायक का चुनाव कौन लड़ेगा इसका निर्णय हाई कमान करते हैं  | इरोम चाहती हैं नरेंद्र मोदी जी को गाँधी जी के अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिये | कुछ विचारक सलाह देते हैं कश्मीर को लश्कर के आतंकवादियों से खतरा है इसलिए वहाँ विशेष कानून की आवश्यकता अधिक हैं सेवन सिस्टर से हटा लेना चाहिए | क्या हम चीन की विस्तारवादी नीति को भूल जायें ? देश की सीमायें असुरक्षित हों आतंकवाद जेहाद के नाम पर विनाश के लिए तैयार हो ऐसे में गांधी वाद किसे सूझता है|

डॉ शोभा भारद्वाज

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