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‘अलगाव वादी’ रहना खाना भारत में ,मामूरियत ( हुक्म बजाना ) पाकिस्तान की

Vichar Manthan
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जम्मू कश्मीर और लद्दाख केवल मुस्लिम धर्मावलम्बियों का प्रदेश नहीं है यहाँ शिया सुन्नी सूफी परम्परा को मानने वालों के अलावा बौद्ध ,हिन्दू और सरदारों का भी निवास स्थान रहा है| सूफी परम्परा से जुड़ा प्रदेश सहिष्णु था कश्मीरियत इसकी विशेषता थी |यहाँ कश्मीरी पंडितों का भी अपना महत्व है पंडित हमेशा नौकरी पेशा रहे हैं | पंडितों का आदर किया जाता था कई मुस्लिम पहले कश्मीरी पंडित थे बाद में इस्लाम धर्म अपनाया था |कश्मीर में पकिस्तान ने भारत विरोध को सदैव हवा दी हैं लेकिन अफगानिस्तान से सोवियत सैनिकों को हटाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले मुजाहिदीनों का अब क्या करें ? उनका रुख कश्मीर की तरफ मोड़ दिया| पीओके में आतंक वाद के ट्रेनिग कैंप बन गये | नौजवानों को जेहाद के लिए प्रेरित कर आतंकवाद को धर्म युद्ध का नाम दे दिया | कश्मीर को केवल सुन्नी मुसलमानों से जोड़ दिया|

कश्मीर की स्वाधीनता की मांग करने वाले अनेक अलगाव वादी संगठन है जिनका झुकाव पाकिस्तान की तरफ है लेकिन उनके बच्चे भारत के अन्य राज्यों में या विदेशों में पढ़ते बसते हैं |जैसे यासीन मलिक शुरुआत में यह आतंकी था उसने पकिस्तान में हथियार चलाने की ट्रेनिग ली थी |1989 से 1994 में आतंक वाद बढ़ा उसमें इसने निहत्थे वायुसेना के जवानों को मारा था जब वह अपने घर जा रहे थे | 26/11 आतंकी हमले के प्रमुख लश्करे तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के साथ इस्लामाबाद में होने वाली रैली में उसके साथ बैठा दिखाई दिया| इसकी आस्था पकिस्तान से जुडी हुई है पाकिस्तानी  लड़की मुशहाला हुसैन मलिक से निकाह किया , मुशहाला न्यूड पेंटिंग्स की जानीमानी चित्रकार हैं । इनकी बेटी विदेश में पढ़ती है|

आल पार्टीज हुरियत कांफ्रेंस का महासचिव मसर्रत आलम, श्री नगर में भारत विरोधी रैली में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगवाये 2010 में भारतीय सेना पर पथराव करवाया उस पर 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं| इसके दोनों बेटे श्री नगर में पढ़ते हैं लेकिन कभी पत्थर बाजी करते या प्रदर्शन में शामिल होते नजर नहीं आये | आसिया दुक्तरान मिल्लत की संस्थापक है वह अपने घर पर महिलाओं के साथ 25 मार्च पकिस्तान डे और 14 अगस्त पाकिस्तानी स्वतन्त्रता दिवस पाक झंडा फहराती है| वह कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानती | मोहम्मद कासिम की पत्नी है। उसे  मानवाधिकार कार्यकर्ता एचएन वांचू की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा मिली है। वह 22 साल से श्रीनगर जेल में है इसके दो बेटों में बड़ा मलेशिया में और छोटा श्री नगर के प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ता है इनके लगभग सभी रिश्तेदार विदेश में रहते हैं | हुरियत नेता मुहम्मद अशरफ सहराई का बेटा दुबई में कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की पढाई करता है |

सैयद अली शाह गिलानी इसने तहरीक हुरियत नाम से अपनी पार्टी बनाई है , पाकिस्तान के समर्थन में नारे और रैली निकालता है | वह आतंकी अफजल गुरु ,हाफिज सईद , ओसामा बिन लादेन का समर्थक है रहता भारत में है पर इसे अपना देश नहीं मानता कहता है जबकि दिल्ली मालवीयनगर में घर हैं सर्दियों में तीन महीना यहाँ रहता है |पासपोर्ट पर भारत का नागरिक लिखा है कहता है मजबूरी है जन्म लेने के कारण भारत लिखना पड़ता है | इसका डॉ बेटा बहू रावलपिंडी में रहते हैं |गिलानी का पोता एक भारतीय प्राइवेट एयरलाइन में क्रू मेंबर है। छोटी बेटी फरह्त जेद्दाह में रहती है।  अवामी एक्शन कमेटी के नेता मीरवाइज उमर फारूक को हुर्रियत कांफ्रेस के उदारवादी धड़े का नेता माना जाता है। मीरवाइज की छवि एक कश्मीरी धार्मिक मुस्लिम नेता की है।उसने अमेरिकन मूल की मुस्लिम शीबा मसूदी से शादी की है और बहन डॉ रबिया अमेरिका में बसी है | इसके पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड है | साबिर अहमद शाह जम्मू कश्मीर डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी का संस्थापक है वह कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला ही नहीं मानता |

अलगाव वादी पाकिस्तान के सम्पर्क रहते हैं उसके आदेश का पालन करते हैं, पहले अलग थे अब एक साथ मिल कर कश्मीर में आतंकी बुरहान बानी की मृत्यु को भुनाने में लगे हैं इसी लिए मामला शांत नहीं हो रहा क्योकि कमान पूरी तरह पाकिस्तान के हाथ में है| पहले कश्मीर पर नवाज शरीफ ने अपना हक जमाया उसके बाद आतंकी सरगना ने जेहाद का नारा दिया ‘अल्लाह के हुक्म से कश्मीर की आजादी और भारत की बर्बादी तक जेहाद करते रहेंगे’ | पाकिस्तान आर्मी चीफ राहिल शरीफ ने पाकिस्तान आर्मी डे पर सेना मुख्यालय रावल पिंडी में तकरीर देते कहा भारत के आधीन कश्मीर हमारे जीवन मरण का प्रश्न है ,पकिस्तान के गले की नस है वह कश्मीर अलगाव वादियों की मदद करते रहेंगे उन्हें कूटनीतिक और नैतिक समर्थन देना जारी रखेंगे| आत्म निर्णय के अधिकार के लिए लड़ रही कश्मीरी जनता भारत में हिंसा का शिकार बन रही है जिसे वह सलाम करते हैं , कश्मीर समस्या का अंतिम समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के ज़रिए ही संभव है|  भारत का नाम नहीं लिया परन्तु कहा पाकिस्तान और अफगानिस्तान के सम्बन्धों में भी वह बाधक हैं चीन हमारा दोस्त है उससे हमारे आर्थिक हित जुड़े हैं|

स्पष्ट है कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित भेजे गये आतंकवादियों द्वारा हथियारों के बल पर फैलाया आतंकवाद पाकिस्तान के निर्देश पर चल रहा है आतंकी कश्मीर की घाटियों में हर और फैले हैं | अलगाववादी नेताओं का संगठन हुर्रियत कांफ़्रेंस  के सफेद पोश नेताओं का गुट आतंक को उचित ठहराने की कोशिश करता हैं |अलगाव वादी और आतंक वादी एक हो चुके हैं| रैलियों में आगे-आगे पत्थर ब्रिगेड चलती है पीछे अलगाव वादी नेता और आतंकवादी अपने साथ आम लोगों को भी शामिल करते हैं आतंकवादियों का कश्मीर घाटी में दबदबा है | कच्ची उम्र के बहकाए गये बच्चे पढने की उम्र, कैरियर बनाने की सोचने के बजाय हाथ में पत्थर लेकर सुरक्षा बलों को मारते हैं यदि रोकने के लिए सैनिक पेलेट  गन चलाते हैं उससे होने वाले नुक्सान का विरोध विरोधी दल भी कर रहे हैं जबकि पत्थरों से लगातार सुरक्षा बल को जख्मी किया जा रहा है | सीएम महबूबा मुक्ति कश्मीरियों को समझाने की कोशिश कर रही है उन पर दबाब डाल रहीं हैं अपने बच्चों को पत्थर बाज बनने से रोकें | चार सितंबर को संसद में 20 दलों के 26 प्रतिनिधियों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर आया 300 विभिन्न लोग वार्ता करने आये |पांच नेताओं ने अपने तौर पर अलगाव वादियों से मिलने की कोशिश की लेकिन उन्होंने उनसे मिलने से इंकार कर दिया| कुछ ने मामूली शिष्टाचार भी नहीं निभाया जबकि सीएम पहले ही हुरियत के नेताओं को भी बातचीत में शामिल होने का न्योता दे चुकी थीं| गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हमारे सबसे बातचीत के लिए दरवाजे ही नही रोशनदान भी खुले हैं| यह भी विदित है अब आतंकवाद का संचालन भी युवा पीढ़ी के हाथ में जा रहा है जो बंदूक की नोक पर कश्मीर को भारत से तोड़ना चाहते हैं|

दिल्ली में तीन घंटे चलने वाली सर्व दलीय बैठक में एक स्वर से सभी राजनेताओं ने सर्व सम्मति से कहा कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है भारत की सम्प्रभुता से कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएगा हाँ अलगाव वादियों को भी वार्ता वार्ता में शामिल किया जाये ? विचार अलग है | अलगाव वादियों को अनेक सुविधायें राज्य और केंद्र सरकार से दी जाती है| हर वर्ष 100 करोड़ रुपया उन पर खर्च किया जाता है| खर्च का १०% राज्य सरकार 90% केंद्र सरकार वहन करती है |जिसमें जब यह बाहर जाते हैं होटल के बिल हैरानी की बात हैं पकिस्तान समर्थक नेताओं के दिल्ली में घर हैं, पेट्रोल का खर्च, बिमारी में इलाज की सुविधाएं और अन्य खर्च शामिल हैं | इनकी सुरक्षा पर मोटा खर्च होता है सुरक्षा दल इन्हें सुरक्षा देते हैं उन्हीं पर इनकी रैलियों में पत्थर मारे जाते हैं| कुछ अलगाव वादियों ने वर्ष 2000 में केंद्र सरकार से बातचीत की इच्छा जताई थी उनको आतंकवादियों से बचाने के लिए सुरक्षा दी गयी थी |कश्मीर में आतंकवाद इनलोगों के लिए फायदे मंद सौदा ही नहीं अर्थव्यवस्था बन गया है | पाकिस्तान भारत और कश्मीर में बदअमनी फैलाने के लिए धन बल दोनों देता है जिससे यह शानदार जीवन जीते हैं पत्थर मारने वाले किशोरों को भी पैसा दिया जाता है |कश्मीर समस्या का हल करने के लिए पहले अलगाव वादियों को मिलने वाली सुविधायें खत्म होनी चाहिये | आतंकवादियों के साथ रैलियां करने वालों की किससे सुरक्षा ? काश पाकिस्तान और मुस्लिम देशों  ( सउदी अरब बहावी इज्म फैलाने के लिए मदरसों और मस्जिदों के निर्माण  )द्वारा हवाले से भेजी जाने वाली मदद पर रोक लग सके बिना पैसे के आतंकवाद चल नहीं सकता | टैक्स पेयर के पैसे से मिलने वाली सुविधाओं का पैसा इन नाशनास ( नाशुक्रे )अलगाव वादियों पर क्यों खर्च किया जाता है ? काश गरीब कश्मीरियों के बच्चों की पढाई पर खर्च करते  उनका भविष्य बनता  अहसान मानते | कश्मीर में डल झील में  सजे शिकारे सैलानियों का इंतजार कर रहें हैं | आतंकवाद से ग्रस्त जन्नत में आम कश्मीरी क्या करे ?

डॉ शोभा भारद्वाज

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