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पाकिस्तानी मीडिया के हीरो भारतीय नेता , कमांडो कार्यवाही पर प्रश्न ?

Vichar Manthan
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पाकिस्तान में चुनी सरकार है लेकिन आर्मी का वर्चस्व है सर्जिकल अटैक के बाद आतंकियों के शव ट्रकों में ले जाकर कब्रिस्तानों में दफना दिये| हर निशान मिटा दिये लेकिन पीओके के प्रत्यक्षदर्शियों की जुबान बंद नहीं कर सके | जिन्होंने चार घंटे तक अल हावी ब्रिज के पास तेज धमाकों की आवाज सुनी |सर्जिकल स्ट्राईक के लिए 150 जांबाज कमांडो अमावस्या की काली रात में नियन्त्रण रेखा के समीप उतारे गये यहाँ से उन्होंने नियन्त्रण रेखा गुपचुप ढंग से पार करनी थी | भारतीय सेनाओं ने भी कवर फायर कर पाकिस्तानी सैनिकों को उलझाए रखा | कमांडो काम आने वाले हथियारों से लैस थे इनका टारगेट सीमा से साढ़े तीन मील दूर आतंकी कैंप थे उन्होंने लगभग आठ मीटर रास्ता घूम कर कभी रेंग कर कभी चल कर पार किया |गन्तव्य तक पहुँच कर बिना रुके एक साथ छ: लक्षों पर हमला किया |पाक सैनिकों को आतंकियों की मदद करने का मौका ही नहीं दिया दो पाक सैनिकों को भी मार गिराया | कितने आतंकी मारे गये? उनकी संख्या लगभग 45 या और कितनी थी सबूत जमीन में गाड़ दिये | इस्लामाबाद के विदेश मंत्रालय ने भारत के राजदूत से इंक्वारी भी की थी |पूरी कार्यवाही में एक कमांडो लैंड माइन पर पैर पड़ने वह घायल हुआ उसे लेकर सभी कमांडो अपने स्थान पर वापिस आ गये| मिशन सफल रहा तब डीजीएमओ ने समस्त कार्यवाही की मीडिया में सूचना दी ‘प्राप्त हुई विशिष्ट और विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर घुसपैठ करने और जम्मू-कश्मीर व अन्य राज्यों में विभिन्न बड़े शहरों पर आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए कुछ आतंकी दलों ने नियंत्रण रेखा के पास लांच पैडों पर अपने ठिकाने बना लिए थे, इसलिए आतंवादियों द्वारा घुसपैठ की कोशिश को पहले ही रोकने के लिए भारतीय सेना ने इन लांच पैडों में से कई पर सर्जिकल स्ट्राइक (योजना बनाकर हमला करना) किए। कार्यवाही का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ये आतंकवादी अपनी विध्वंसकारी योजनाओं और हमारे नागरिकों के जीवन को खतरे में डालने में सफ़ल ना हो पायें।‘

देश बहुत गर्व महसूस कर रहा था उरी में आत्मघाती हमले के बाद दुःख में डूबे देश के मनोबल को  मिशन ने ऊंचा किया |पाकिस्तान के नीतिज्ञों की समझ में नहीं आरहा था कैसे इस सदमें से उबरे अपनी जनता के सामने अपना चेहरा बचायें ?आतंकियों का मनोबल कैसे बचायें? जिनकी भारत के कमांडों कमर तोड़ कर चले गये थे सेना कुछ नहीं कर सकी हाफिज सईद भी चिंगाढ़ा| बैठकों का दौर चला | नवाज सरकार की किरकिरी हुई |

लेकिन शीघ्र ही मिशन पर राजनीति शुरू हो गयी दिल्ली के मुख्य मंत्री केजरीवाल आजकल प्रेस के सवालों से बचने के लिए वीडियो रिकार्डिंग में अपना संदेश भेजते हैं | तीन मिनट के संदेश में 45 सेकेंड तक मिशन की सफलता पर सेना की तारीफ़ करते हुए प्रधानमन्त्री को हाथ उठा कर सैल्यूट किया |उसके बाद अपने ख़ास मतलब पर आ गये |अपने ख़ास अंदाज में कहा मोदी जी पाकिस्तान द्वारा फैलाए झूठ को बेनकाब कीजिये वह कह रहा है इस तरह का कोई सर्जिकल स्ट्राईक नहीं हुआ है हमले के बाद पाकिस्तान ‘काफी गुस्से में’ है और वो अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ नापाक अभियान चला कर  गंदी राजनीति का सहारा ले रहा है | दो दिन पहले संयुक्त राष्ट्र ने बयान दिया कि सीमा पर ऐसी कोई गतिविधि नहीं हुई |सीएनएन में पत्रकार कमेन्ट कर रही थी बस में पाकिस्तानी पत्रकारों और विदेशी मीडिया को उस स्थान पर जहाँ भारतीय सेना आतंकवादियों के विरुद्ध अभियान का दावा कर रही है ले गये वहाँ सब कुछ सामान्य दिखा रहे हैं बच्चे खेल रहे थे जीवन नार्मल चल रहा है | बीबीसी और न्यूयार्क टाईम्स के अनुसार ऐसी कोई कार्यवाही होने के सबूत नहीं मिले| जिसे देखकर उनका खून खौलने लगा मोदी जी आप उन्हें स्ट्राइक का सबूत दिखा कर उनका मुंह बंद कीजिये | श्री संजय निरुपम (कांग्रेस प्रवक्ता )ने पहले ट्वीट कर कहा हर भारतीय पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राईक चाहता है लेकिन भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए फर्जी स्ट्राईक का दम भर रही है | फिर बकायदा फ्रेस कांफ्रेंस बुला कर सर्जिकल स्ट्राईक पर प्रश्न उठाये उसे फर्जी करार दिया | दिग्विजय सिंह मिडिया में विवादित ब्यान दे कर अपनी साख गवाँ चुके हैं उन्होंने भी भारतीय सेना की कार्यवाही का प्रूफ मांगा यह वही महानुभाव हैं जिन्होंने 26/11 की कार्यवाही को आरएसएस की कार्यवाही कहा था बाटला हाउस पर सवाल उठा कर अपनी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था| जाकिर नाईक को शान्ति दूत कहने के बाद अपनी किरकिरी करवाई थी | चिदम्बरम पूर्व गृह मंत्री ने दावा किया है जनवरी 2013 में यूपीए सरकार के निर्देश पर कई सर्जिकल स्ट्राईक किये गये लेकिन सार्वजनिक नहीं किये कोई भी फैसला सार्वजनिक करने से पहले उसके असर सोचने चाहिये कोशिश करें सीमापार आतंकवाद खत्म हो | सस्ती लोकप्रियता के हथकंडे किसको खुश करने के लिए कर रहे हैं ?अब तो संसद में कांग्रेसी 44 रह गये हैं | शर्मनाक लगा और कितना गिरोगे ? 1.भारत और पाकिस्तान के लिए यू एन का मानिटरिंग ग्रुप जिसे भारत 2013 से मान्यता ही नहीं देता | 2.बीबीसी यह वही न्यूज चैनल है जिसने निर्भया केस (जिस पर केजरीवाल राजनीति में चढ़े थे )के अपराधियों का जेल में इंटरव्यू लेकर प्रसारित किया था | बीबीसी ? उसने प्रचारित किया था सद्दाम हुसेन ने कैमिकल हथियारों का जखीरा जमा किया है पर्यवेक्षकों की जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला था फिर भी अमेरिका ने ईराक को बर्बाद कर दिया वहाँ के लोग रो-रो कर कह रहे थे हमें सस्ता तेल पाने के लिए बर्बाद किया जा रहा है | देश में मोदी विरोधी असहिष्णुता की बात कर रहे थे एक भारत वंशी लेकिन ब्रिटेन में पला बढ़ा ब्रिटिश नागरिक अनीश प्रसिद्ध मूर्तिकार का गार्जियन में लेख छपा था ‘भारत में हिन्दू तालिबानों का राज्य है’ | इसी लिए थीसिस लिखने वाले जानते हैं अखबार की छपी खबर सेकेंडरी सोर्स मानी जाती है लेखों में स्पष्ट लिखा रहता है यह लेखक के अपने विचार हैं | फिर हम किसपर शक कर रहे हैं क्या मोर्चे पर हर बक्त तैनात बलिदान के लिए तत्पर सैनिको पर |एक तरफ सेना अलगाववादियों की पत्थर ब्रिगेड को सम्भालती है, आतंकियों को सीमा में घुसने से रोकती है कभी भी सीमा पर गोले दागे जाते हैं सैनिक बलों पर जबर्दस्त हमले बढ़ते जा रहे हैं |उरी के सैनिक कैंप हमले में 19 सैनिक शहीद हुए या डीजीएमओ के वक्तव्य पर शक है |

क्या सर्जिकल स्ट्राईक ऐसे होना चाहिए था कैमरा फिट किया जाता दर्शकों को पहले स्थल का व्यू दिखाया जाता हर किरदार अर्थात कमांडो अपना परिचय देकर अपने बारे में कुछ कहता | आतंकियों को हाई लाईट किया जाता उसके बाद स्टैंड बाई कह कर आपरेशन शुरू होता साथ- साथ कमेंट्री चलती | या हर राजनितिक दल का नुमाएंदा साथ ले जाया जाता |जान हथेली पर रख कर सीक्रेट मिशन चलाए जाते हैं | पहले भी  आपरेशन हुए हैं लेकिन यह तो देंखे उरी के बाद देश का मनोबल कितना आहत हुआ था | देश की स्मिता का सवाल हो ? ओसामा को पाकिस्तान में घुस कर अमेरिकन कमांडो ने मारा सबूतों और ओसामा के शव को कमांडो साथ ले गये उसकी अंतिम क्रिया भी समुद्र में डुबो कर की गयी थी| रिपब्लिकन या डेमोक्रेट किसी ने प्रश्न नहीं पूछा कैसे मारा क्या सचमुच मारा? सबूत दो सबने अपनी सरकार और कमांडो की हिम्मत की दाद दी विश्व ने इस कदम को सराहा| केजरीवाल अपने बयानों से पाकिस्तान में हीरो बन गये पाक मीडिया में हर और उनकी चर्चा रही यही नहीं संजय निरुपम और पूर्व गृह मंत्री चिदम्बरम भी सुर्ख़ियों में रहे| पाकिस्तान में सबको जम कर पब्लिसिटी मिली| प्रजातंत्र में आप कुछ भी कह सकते हैं पूछ सकते हैं | हमने आजादी के 70 वर्षों में यही सीखा है | हमारा पड़ोसी देश मीडिया का गला घोटना जानता है |

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