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दशहरा’ प्रधान मंत्री का पुतला फूकना सस्ती लोकप्रियता, नेता गिरी का शौर्टकट

Vichar Manthan
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‘भीड़ इकट्ठी कर या रैलियों में प्रधान मंत्री के पुतले जलाना आम बात है इसे विरोध प्रदर्शन का ढंग माना जाता है| जेएनयू विख्यात शिक्षण संस्थान है यहाँ दशहरा पर्व के नाम पर एनएसयूआई(कांग्रेस स्टूडेंट विंग ) ने पुतला फूका जिस पर प्रधान मंत्री मोदी जी, के साथ अमित शाह, योगी आदित्यनाथ ,रामदेव, नाथूराम गोडसे, आशाराम, साक्षी महाराज ,साध्वी प्रज्ञा और वाईस चांसलर के चित्र लगे थे | दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है | देश की संसद लोकसभा में बहुमत दल के नेता प्रधान मंत्री हैं बुराई का प्रतीक कब से हो गये ?यही नहीं आपत्ति जनक नारे भी लगाये गये | जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी नई दिल्ली के साऊथ क्षेत्र में स्थित केंदीय विश्वविद्यालय है यह सामाजिक विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय विषयों के अध्ययन और उच्च कोटि के रिसर्च का सेंटर माना जाता है यही नहीं सर्वे के अनुसार यह भारत के सबसे अच्छे विश्वविद्यालयों की श्रेणी में आता है| यहाँ पढ़ना गौरव की बात है  यहाँ से पढ़ कर अनेक बुद्धिजीवी ,राजनेता और सिविल सर्वेंट उच्च पदों पर आसीन रहे हैं ,सैनिक अफसरों को भी यहाँ की डिग्री दी जाती है |पूरे भारत से यहाँ शिक्षा गृहण करने के लिए विद्यार्थी आते हैं कई तो बहुत गरीब परिवारों से सम्बन्धित होते हैं सस्ता खाना ,हास्टल का कमरा और बहुत सस्ते में शिक्षा दी जाती है यूनिवर्सिटी को बहुत बड़ी ग्रांट सरकार की तरफ से दी जाती है |यूँ भी कह सकते हैं टैक्स पेयर का पैसा शिक्षा के काम में लगाया जाता हैं |

अक्सर हर विषयों पर यहाँ बहस के कार्यक्रम होते रहते हैं |यह बामपंथियों का गढ़ भी माना जाता है| मोदी सरकार आने के बाद यहाँ होने वाली कई गतिविधियाँ प्रकाश में आयीं हैं | आपत्तिजनक नारों से उत्तेजना पैदा करने की कोशिश की जाती रही है अफ़सोस काफी समय से कुछ विद्यार्थी देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने लगे है |शर्म की बात थी संसद प्रजातंत्र का मन्दिर माना जाता है यहाँ जनता के चुने प्रतिनिधि कानून बनाते हैं संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु को महिमा मंडन किया गया| काफी समय से हमारे यहाँ बहस का मुद्दा बना हुआ है भारत में असहिष्णुता बढ़ रही है और अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता नहीं है क्या इस प्रकार की अभिव्यक्ति बुद्धिजीवियों को चाहिए ? जैसे ही छात्र संघ का अध्यक्ष पुलिस ने पकड़ा और अन्य की सूची पुलिस ने जारी की विरोधी दलों की राजनीति प्रारम्भ हो गयी कांग्रेस के बड़े नेता और उपाध्यक्ष राहुल गाँधी इनके समर्थन में बैठे नजर आये | दुःख हुआ कांग्रेस का गौरव पूर्ण इतिहास रहा है उनके दो प्रधानमन्त्री आतंकवाद के शिकार हुए थे उन्हें भी यहाँ वोट बैंक नजर आया |

जेएनयू की एनएसयूआई से सम्बन्धित  छात्रों ने पुतला फूका| एनएसयूआई कार्यकर्ता तथा जेएनयू के हाल में होने वाले छात्र संघ के चुनाव में भाग लेने वाले सनी धीमान ने कहा दशहरे के दिन पुतला दहन करना हमारा केंद्र में स्थित सरकार के प्रति विरोध का प्रतीक है| हमारा इरादा सरकारी स्तर पर बुराईयों को मिटाना है| हम देश में ऐसा सिस्टम लाने के इच्छुक है जो छात्रों और नागरिको का ध्यान रखे |आपत्तिजनक नारों के साथ प्रधानमन्त्री को झूठ का रावण कहा धीमान के अनुसार मोदी जी ने कहा था वह बेरोजगारी दूर करेंगे रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे ?|क्या बेरोजगारी दूर हुई |  यही नहीं  हमारा ये विरोध प्रदर्शन गौरक्षा के नाम पर यूथ फोरम फॉर डिस्‍कशंस एंड वेलफेयर एक्टिविटीज को निशाना बनाने के खिलाफ है। ये प्रदर्शन गौ रक्षा के नाम पर हरियाणा ,गुजरात और राजस्थान में आतंक फैलाया गया उसके भी खिलाफ है |रावण की तरह प्रधानंमत्री का पुतला फूंकने वाले छात्रों ने हाथ में कार्ड लिए थे उन पर नारा लिखा था, ‘बुराई पर सत्‍य की जीत होकर रहेगी। यह भी कहा डॉ अम्बेडकर ने दशहरा के दिन अपने अनुयायियों के साथ हिन्दू धर्म की कुरीतियों के विरोध में धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म अपनाया था |पुतले जलाना कोइ नई बात नहीं है छात्र नेताओं ने कहा हम न राम को मानते हैं न रावण को फिर विजयदशमी का ही दिन ही क्यों चुना गया ? देशभर में दशहरे के अवसर पर ज्यादातर स्थानों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 26/11 हमले के मास्टरमाइंड आतंकी सरगना हाफिज सईद आये दिन भारत के खिलाफ प्रलाप करता रहता है और विभिन्न आतंकी संगठनों के मुखियाओं के चेहरे लगाए गए थे| सम्पूर्ण विश्व आतंकवाद से त्रस्त है उसके विरोध में एकजुट होने का प्रयत्न कर रहा है| केवल पुतला ही नहीं जलाया देश के प्रधानमन्त्री के लिए अपशब्दों का प्रयोग लिया यह कैसी सोच है जिसने कुछ लोगों को ग्रसित कर लिया है ?सवा सौ करोड़ का मुखिया पूर्ण बहुमत प्राप्त जिनका विश्व में सम्मान है जिनकी नीति ने पाकिस्तान को विश्व में अलग थलग कर दिया देश का गौरव बढाया |  लेकिन कांग्रेस से सम्बन्धित एनएसयूआइ ने प्रधानमंत्री और भाजपा प्रमुख अमित शाह के पुतले रावण के तौर पर जलाए| यह कृत्य सस्ते प्रचार के लिए किया गया लेकिन कांग्रेस को जबाबदेह होना पड़ा |
पुतला ही नहीं जलाया इस घटना का वीडियो बना कर फेस बुक पर भी पोस्ट किया गया | एबीवीपी ने इसका विरोध किया इसे सस्ती लोकप्रियता पाने का ढंग कहा गया| देश में कई स्थानों पर विरोध हुआ यही नहीं बिहार में भी पुतलों पर सोनिया और राहुल के चित्र लगा कर जलाये गये यह कृत्य निंदनीय है | छात्र नेता ने कहा हम किसी के भी पुतले को जलाए जाने के खिलाफ हैं लेकिन हमारा ये विरोध प्रदर्शन वर्तमान सरकार से हमारे गहरे असंतोष और अशांति  दर्शाने का जरिया है। यह उनका अधिकार है क्या आज की जेनरेशन ने केवल अधिकार को ही समझा है ? उनकी नजर में कर्त्तव्य  का कोई स्थान नहीं है ?आजादी के बाद देश का संविधान मौलिक अधिकारों की व्याख्या करता है लेकिन हमारे अधिकार और कर्त्तव्य साथ –साथ चलते हैं  ? सबसे अधिक अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर बल दिया जा रहा है |

दशहरे के अवसर कुछ छात्रों के वर्ग द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं को रावण बताकर उनके पुतले विश्वविद्यालय परिसर में जलाए जाने की घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं जेएनयू प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली गयी थी इस मामले में भी गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट देने को कहा है |आये दिन देश में युवाओं द्वारा प्रदर्शनों में सार्वजनिक सम्पत्ति को तोड़ कर हंगामा मचाया जाता है |उनका अग्रणी नेता जल्दी ही नेता गिरी की सीधी चढ़ने के इच्छुक हैं सार्वजनिक सम्पत्ति पर टैक्स पेयर का पैसा लगता है |सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ने में समय लगता है जल्दी ही जनता की नजरों में आने ,मीडिया में चर्चा का विषय बनने के लिए भीड़ इकट्ठी करना शहरों में जाम के हालात पैदा करना उत्तेजक भाषा का प्रयोग करना जन समाज को भड़का कर सुर्खियाँ बनना  नेता गिरी का शौर्टकट है | विश्व विद्यालयों में छात्रों की समस्याओं को समझने के लिए छात्र संघों का गठन किया गया था लेकिन वही राजनीतिक दलों के अखाड़े बन गये है चुनावों में दल पूरी ताकत लगा देते हैं धन बल का जम कर प्रयोग किया जाता है| पूरे शहर को पोस्टरों से पाट दिया जाता है| जबकि शिक्षा केंद्र में छात्र कैरियर बनाने आते हैं उनके सपनों के साथ भी खिलवाड़ किया जाता है |

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