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नोट बंदी के विरोध में विपक्ष एक जुट संसद से सड़कों तक राजनीति

Vichar Manthan
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नोट बंदी की घोषणा होने के बाद विपक्ष पहले चुप रह कर समझने की कोशिश कर रहा था विषय को कैसे मोदी विरोध का मुद्दा बनाया जाये काले धन का विरोध भी दिखे लेकिन उसे बंद करने की नीति का विरोध कर ,गरीबों और किसानों के पक्षधर भी बन सकें | बैंकों और एटीएम के आगे लोगों की बढ़ती लाइन देख कर विपक्ष एक जुट होने लगा  चाहते तो मिल कर रास्ता  ढूंढ सकते थे काले धन के नियन्त्रण का सेहरा सभी के सर पर बंधता |बंगाल की चीफ मिनिस्ट ममता बनर्जी और केजरीवाल सबसे अधिक बढ़ चढ़ कर आगे आये |दीदी ने मोदी जी की तुलना मुहम्मद तुगलक से कर दी इतिहास को अपने हिसाब से मोड़ने पर हैरानी हुई उस जमाने में सोने के सिक्के चलते थे मुहम्मद तुगलक ने ताम्बे के सिक्के चलाये थे परन्तु उनकी बड़ी भूल, सोने और ताम्बे के सिक्कों की बैल्यू एक कर दी खजाना ताम्बे के सिक्कों से भर गया| मोदी जी गुजरात के सफल मुख्य मंत्री थे |उन्हें ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ गीत भी याद आया सत्ता सुख भोगने वाली, मुस्लिम वोट बैंक को एक जुट कर राज करने वाली ममता दी के प्रदेश में सबसे अधिक नकली नोट की खेप बंगलादेश से आते हैं स्मगलिंग जम कर होती है शारदा चिट फंड घोटाला जिसमें गरीब मार हुई थी, मालदा में बढ़ता नशे का कारोबार  वह काले धन के लिए लड़ रही थी या नकली नोटों के कागज का टुकड़ा होने से परेशान हैं| केजरीवाल भी परेशान हैं चुनाव सिर पर आ रहे हैं जिसमें सबसे अधिक धन बल का प्रयोग होता है मतदाता से बड़े-बड़े वादे के अलावा धन झोंकना पड़ता है यह काले धन से ही सम्भव है | अपने परिचित अंदाज में मोदी जी के सामने हाथ जोड़ कर दो महीने की जनता के लिए मोहलत मांगते चुनाव प्रचार करने पंजाब गये | अखिलेश यादव ने काले धन के लाभ गिनाये अर्थशास्त्र की अलग थ्योरी समझाई  |

बहस छिड़ी है कुछ नेता समझा रहे हैं अमेरिका में 2008 में आर्थिक मंदी की शुरुआत हुई परन्तु भारत की ग्रोथ रेट 5% से नीचे नहीं घटी क्योंकि हमारे यहाँ काले धन का चलन है लोगों में पैसा जोड़ने की र प्रवृत्ति है जिसे बुरे समय पर निकालते हैं| तर्क दिए गये लाईनों में गरीब लगा है बड़े व्यापारी दिखाई नहीं देते परन्तु राजनेता और नौकर शाह कहाँ दिखे? व्यापारियों ने अपने नौकरों को लाइन में लगा दिया यही नहीं जनधन योजना में मोटा कमिशन देकर पैसा जमा हो रहा है , छात्रों की छात्रवृत्ति के खाते में भी अचानक धन आ गया | दिहाड़ी मजदूरों को सेठ नें पैसा जमा करने की लाइन में लगा दिया वह बार –बार लगते हैं लाइन हिलती दिखाई नहीं देती |घर की कामवालियों का महत्व भी बढ़ गया वह ढाई लाख तक अपने खाते में जमा कर सकती हैं | उद्योगपति ज्यादातर पूंजी को जमा करने के बजाय आगे उद्योगों में लगा देते हैं अर्थात कार्ल मार्क्स का सुझाया अतिरिक्त लाभ पूंजी वादी व्यवस्था के अनुसार उससे व्यवसाय को आगे बढ़ाना है वह बैंक से लोन भी लेते रहते हैं | हैरानी है लाभ के पद पर बैठे रिश्वत खोरों पर, वह लाइन में लगे दिखाई नहीं देते | बैंक एटीएम पोस्ट आफिस नोट जमा भी कर रहे हैं बदल भी रहे हैं हाँ पैनिक की स्थित में लम्बी लाइन हैं लोग जेब में पैसा रखना चाहते हैं रोज मर्रा की जिन्दगी में नकद भुगतान करना पड़ता है मोदी जी को जनता की तकलीफ का अहसास है|

समय आने पर ही पता चलेगा नोट बंदी का क्रांतिकारी कदम क्या लाभ प्रद रहेगा ? टैक्स बचाना नोटों की गड्डियाँ घर में छुपा कर रखना , सोना ,प्रापर्टी खरीदना और शेयर में लगाना काला धन समेटने के तरीके रहे हैं | विदेशों से बड़ी मात्रा में हवाला द्वारा पैसा घूम कर आता है |विदेशों में नौकरी करने वालों से सम्पर्क कर उनसे विदेशी में मनी ले लेते हैं स्वदेश में उनको अधिक पैसे के साथ काला धन दे दिया जाता है अधिक रुपया पाने के लालच में वह समझ ही नहीं पाते उन्होंने अपना सफेद पैसा काले धन में बदल लिया |सीधा बैंक में जमा किया धन सफेद मनी है |विश्व के अनेक प्रगतिशील देशों नें क्रान्ति कारी कदम उठा कर अपने देश की तरक्की के लिए जोखिम उठाया सिंगापुर के क्वान ली, जापानी सम्राट हीरोहितो ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बर्बाद देश को आर्थिक प्रगति में लगा दिया था उत्तरी और दक्षिणी कोरिया में तीन वर्ष से अधिक युद्ध चला आज वह मजबूत देश है और चीन अपने सस्ते लेबर और आर्थिक नीतियों के बल पर दुनिया पर छा गया| दो हजार के नोट के चलन की भी निंदा की जा रही है इंग्लेंड में 50 पौंड अमेरिकन 100 डालर का बड़ा नोट चलता है | जब 1991 में मुक्त व्यापार की नीति अपनाई कितना विरोध हुआ लेकिन आज उसी के बल पर देश में नौकरियां आयीं हमारा फारेन रिजर्व बढ़ा| मोदी जी ने जनधन योजना में सबके अकाउंट खोलने की कोशिश की|

चैनल वाले बहुत खुश हैं उन्हें काम मिल गया चटपटी खबरें बना रहें हैं लाइन में खड़े लोगों से वही पूछते हैं जो वह सुनाना चाहते हैं | भृष्टाचार और काले धन के संचयन टैक्स चोरी बाजार में नकली नोट के चलन की भर्त्सना करने के बजाय कई चैनलों के पत्रकार लाइन में खड़े लोगों की परेशानियों पर अधिक चिंतित हैं सरकार को नाकामयाब सिद्ध करने में लगे हैं |कुछ ने तो आर्थिक आपत काल की घोषणा कर दी लोग भूखे मर रहे हैं चारो और हाहाकार मचा है हंसी आती हैं हमने आजादी के बाद एक ही बात सीखी या सिखाई गयी है बिना कष्ट के परिवर्तन के सपने देखों बखान करो| सरकारें सुधार योजनायें चलाये लेकिन जनता को कष्ट न हो | दिल्ली की बात ही निराली है प्याज के महंगे होने पर चुनाव के नतीजे बदल जाते हैं |सस्ती बिजली पानी पर हम अपना वोट एक ही दल के पक्ष में लुटा देते हैं |कुछ चैनल के मुखिया स्वयं ही मनी लांड्रिंग में फसे है कई चैनल इतनी जल्दी आमिर कैसे हो गये ? फर्जी कम्पनियाँ कागजों पर ही बनती बिगड़ती हैं यह सब काला धन निगलती और उगलती हैं | राहुल गांधी भी लाइन में लगे लोगों का कष्ट सुनने गये उन्हें बड़ा घोटाला लग रहा था जबकि कांग्रेस के काल में बड़े-बड़े घोटाले हुए वह जानते हैं घोटाले क्या और कैसे होते हैं ?कड़ी सुरक्षा में घिरे रहने वाले राहुल आम लोगों से बात कर रहे थे या चुनिन्दा अपने ही कार्यकर्ताओं से| माया वती जी बहुत नाराज हैं वह क्या करें यूपी के चुनाव सिर पर आ गये काले धन पर ऐसा प्रहार सोचा नहीं था |विपक्ष में प्रेम बढ़ गया हाथ पकड़ कर चेन बना रहे हैं सदन पहले भी नहीं कहाँ चलने देते थे वह बहस करने की बात करते हैं लेकिन बहस के समय मोदी जी की सदन में निरंतर उपस्थिति चाहते हैं नोट बंदी पर वोटिंग भी चाहते हैं |बहाने से सदन में शोर मचाते हैं  28 नवम्बर को पूरा विपक्ष एक जुट होकर विरोध करेगा उससे पहले सदन चलने नहीं देगा |पूर्व प्रधानमन्त्री डॉ मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक के गवर्नर ,वित्त मंत्री और प्रधान मंत्री रहे हैं वह भी काले धन पर अंकुश लगाना चाहते थे परन्तु उनका सदन में बहुमत नहीं था | उन्होंने वित्त मंत्रालय की और से कई बार नियम बदलने पर एतराज किया नोट बंदी को ‘संगठित लूट’ कहा उन्हें एतराज था लोग पैसा जमा करा सकते हैं लेकिन अपना पैसा निकाल नहीं सकते जबकि यह नियम कुछ समय के लिए ही है | देश में काले धन के साथ नकली नोटों को खत्म करने की जरूरत है यही नहीं लोगों को टैक्स देने की आदत पड़े जमा खोरी बंद हो कैश लेस का चयन बढ़े पेटीएम से पेमेंट करें जिससे अधिक से अधिक लोग टैक्स के दायरे में आयें |टैक्स चोरी आम है कई लोग इतना कमाते हैं लेकिन आय को घोषित नहीं करते |किसानों को एतराज हैं सहकारी बैंकों में पैसा आया वह लाईनों में लगे रहे पीछे से नेताओं को दे दिया गया |हर आदमी नकली नोटों से परेशान है सभी ठगे गये हैं| पाकिस्तान भी परेशान है नकली नोटों की खेप बनाई थी, आतंकवाद पनपाया था अब क्या करे ?

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