Menu
blogid : 15986 postid : 1297493

संसद के दोनों सदन ठप करना क्या उचित है ?

Vichar Manthan
Vichar Manthan
  • 297 Posts
  • 3128 Comments

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही ठप करना क्या देश हित में है ?

संसद फिर से ठप करने की पुरानी कवायद जारी है अबकी बार नोट बंदी के मुद्दे को लेकर है सदन में पक्ष और विपक्ष बहस के लिए एक दूसरे को ललकार रहे हैं |विपक्ष बहस भी अपनी शर्तों पर अर्थात किस धारा के तहत बहस होगी विपक्ष सत्ता पक्ष के तर्क सुनेगा या केवल शोर मचायेगा, बहस के बाद वोटिग होगी, जब तक बहस होगी प्रधान मंत्री उपस्थित रहेंगे उनके हर प्रश्न का उत्तर देंगे लोकसभा में 2 जी घोटाले पर विपक्ष ने बहस के दौरान दो दिन तक पूर्व प्रधानमन्त्री डॉ मनमोहन सिंह को बैठाये रखा था वैसे ही मोदी जी की उपस्थिति अनिवार्य है | लोकसभा में एनडीए का अपना अच्छा खासा बहुमत है वोटिंग में सरकार जाने वाली नहीं है फिर भी सत्ता पक्ष के कुछ लोग यदि नोट बंदी पर मोदी जी से  नाराज हैं शायद क्रास वोटिंग हो जाये| राज्यसभा में कांग्रेस विपक्ष के नेता डॉ मन मोहन सिंह सरकार पर आक्षेप लगा रहे थे हैरानी, उनके काल में होने वाले सभी घोटालों के वह जिम्मेदार रहे हैं | प्रधान मंत्री जी प्रश्नोत्तर काल में बैठे थे उन्होंने राज्यसभा के कई वक्ताओं के आक्षेप सुने लेकिन लंच ब्रेक के बाद मोदी जी नहीं आये सत्ता पक्ष के आश्वासन के बाद भी सदन की कार्यवाही हंगामें की भेंट चढ़ गयी , रोज ही चढ़ रही है समझ में आने लगा है विपक्ष सीरियस बहस के मूड में क्यों नहीं है ? उसे केवल जन हित के नाम पर हंगामा करना है |

आय कर(IT) संशोधन विधेयक मनी बिल लोकसभा में वित्त मंत्री ने पेश किया सदन शोर मचाता रहा वित्त मंत्री अरुण जेटली बिल को बिस्तार से पढ़ते रहे प्रथम वाचन हुआ बिना बहस के विधेयक ध्वनि मत से पास हो गया राज्यसभा के मनी बिल पर सीमित अधिकार हैं राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से कानून बन जाएगा | विधेयक पास हो जाने पर एतराज करने लगे बहस क्यों नहीं हुई हैरानी की बात है विश्व का सबसे बड़ा परिपक्व प्रजातंत्र सदन का यह हाल ?कितने दिन बीत गये गये टैक्स पेयर के धन की बर्बादी सब देख रहे हैं |पार्लियामेंट की अध्यक्षा सुमित्रा महाजन अपनी कुर्सी पर बैठती हैं सदन की कार्यवाही शुरू होती है | सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी कुर्सियों पर कुछ देर टेक लगाते हैं प्रश्नोत्तर काल शुरू होता है परन्तु जल्दी ही विपक्ष को याद आ जाता है सदन नहीं चलने देना |शोर गुल हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक रोक दी जाती है | भोजन के वाद सांसद जुटते हैं फिर यही हाल ,सदन पर खर्च होने वाले धन की बर्बादी कर सब अपने ठिकाने पर चले जाते हैं | शीत कालीन सत्र बिना किसी बहस के समाप्त हो जाएगा अंत में यदि जरूरत समझी गयी जल्दी-जल्दी कुछ बिल पास हो जायेंगे यही परम्परा बनती जा रही है |

भारत ने ब्रिटेन की संसदीय व्यवस्था को अपनाया था | ब्रिटेन का संविधान अलिखित है वह परम्पराओं   और दस्तावेजों के रूप में है लेकिन हमारा संविधान विस्तृत और लिखित है |संसदीय व्यवस्था के अनुसार सरकार के तीन अंग 1.कार्यपालिका 2. व्यवस्थापिका 3. न्यायपालिका है| विधायिया के दो सदनों में लोकसभा में जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों में बहुमत दल के नेता को कार्यपालिका अध्यक्ष राष्ट्रपति सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं | यदि लोकसभा में किसी दल को पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं होता है मिलीजुली सरकार बनाने का प्रावधान है कामन मिनिमम प्रोग्राम पर स्वीकृति के बाद मिली जुली सरकार बनती है | 1984 में राजीब गाँधी की बहुमत की सरकार बनने के बाद किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला मिली जुली सरकारें बनी| संसद के दोनों सदनों में जम कर हंगामा होता रहा अब इसी समस्या से मोदी जी की सरकार को जूझना पड़ता है| 25 नवम्बर 2001 को सर्वदलीय सम्मेलन में सांसदों और राज्य की विधान सभा के विधायकों को मर्यादित करने के लिए बनी आचार्य सहिंता पर सबने स्वीकृति दी थी लेकिन 2010 के बाद अनेक घोटाले सामने आये हर नियम टूटा संसद के सदनों का हाल बेहाल रहा | 2014 के चुनाव में एनडीए को बहुमत मिला | मोदी जी ने चुनाव के समय कई वायदे किये थे उनमें जीएसटी बिल के लिए संविधान में संशोधन की जरूरत थी | किसी विशेष धारा में संशोधन के लिए सदन के दोनों सदनों का दो तिहाई बहुमत और आधे से अधिक राज्य विधान सभा के बहुमत की जरूरत पड़ती है | पिछले सत्र में जीएसटी विधेयक बड़ी बहस के बाद सदन में उपस्थित सबकी सम्मति से बिल पास हुआ जिन सांसदों ने समर्थन नहीं दिया उन्होंने सदन से वाक् आउट किया |

8 नवम्बर को मोदी जी ने 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की सांसदों के सामने परेशानी थी वह मोदी जी का समर्थन करें या न करें क्योकि काले धन पर कांग्रेस सरकार भी रोक लगाना चाहती थी| सभी दल साथ आते और सुझाव देंते सभी को श्रेय मिलता लेकिन यहाँ भी विरोध का अवसर सांसद क्यों चूकते उन्होंने नोटबंदी का विरोध नहीं किया हाँ उसमें आने वाली दिक्कतों का जिक्र कर हो हल्ला बिना पूरी तैयारी के सरकार ने नोट बंदी लागू कर दी है | तृणमूल कांग्रेस ने पूरी तरह विरोध किया कुछ दलों ने अवसर की मांग की लेकिन अब समस्या सदन न चलने देंने की है, सदन चलाना सरकार की जिम्मेदारी है सरकार बहस के लिए आमंत्रित कर रही है परन्तु बहस किसे करनी है हैरानी है बिहार के मुख्य मंत्री बड़े नोटों की बंदी का समर्थन कर रहे हैं लेकिन उन्हीं की सरकार के दिग्गज शरद यादव सदन में विरोध कर रहे हैं |

बंगाल में टोल पर सेना का रूटीन अभ्यास था पहले भी होता था | इसकी सूचना भी पुलिस को दे दी गयी |पुलिस ने समय मांगा वह भी दिया गया लेकिन ममता बनर्जी ने बखेड़ा खड़ा कर दिया वह रात भर सचिवालय में रहीं उनके अनुसार जैसे सेना बंगाल की सरकार को पदच्युत करना चाहती हैं अर्थात तख्ता पलट सेना ऐसा क्यों करेगी ?देश संविधान के अनुसार चलता है संविधान की रक्षा न्यायपालिका द्वारा की जाती है | इसे संघीय ढांचे पर अटैक की संज्ञा दी गयी गयी हैरानी की बात हैं तृणमूल मूल कांग्रेस के सांसदों ने सदन में हंगामा किया विरोधी दलों ने भी साथ दिया |राज्यसभा में विपक्षी गुलाम नबी आजाद के वक्तव्य पर आश्चर्य हुआ रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने प्रमाण सहित वक्तव्य दिया |यही नहीं पटना से कलकत्ता जाते समय ममता बनर्जी प्लेन को रनवे खाली नहीं था इसलिए कुछ देर प्लेन हवा में रहा उसमें और भी यात्री थे ऐसा हो जाता है इसको भी मोदी जी की साजिश करार देकर सदन में हंगामा हुआ सदन की कार्यवाही फिर ठप रही | सीमा पर पाकिस्तान सेना निरंतर गोला बारी कर रही है आतंकवादी देश की सीमा में घुस कर सुरक्षा दलों पर हमला करते हैं पश्चिमी बंगाल सीमावर्ती क्षेत्र है यह तमाशा! राजनीति के गिरते स्तर पर हैरानी हैं |विपक्ष हर छोटी बात को मुद्दा बना कर संसद ठप कर रहा है जबकि देश में मीडिया सशक्त है जनता जागरूक है सांसदों की सोच पर हैरानी है वह जनता को सम्बोधित कर दिखा रहे हैं हम उनके हित चिंतक | सब जानते है संसद ठप कर समय काटा जा रहा है विरोध बस विरोध करने के लिए है क्या यह संसदीय परम्पराओं का अपमान नहीं हैं ? मोदी जी सांसदों की चुनौतियों का उत्तर संसद के बजाय जनता को दे रहे हैं इससे विपक्ष त्रस्त है

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh