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सुरक्षा बलों की सहनशीलता

Vichar Manthan
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सीआरपीएफ जवान के साथ कश्मीरी नौजवानों और कम उम्र के बच्चों का व्यवहार पूरे देश ने देखा, लात मार कर जवान को तंग कर विचलित करने के सभी तरीके अजमाये जा रहे थे | जवान की सहनशीलता , उसकी आत्मिक शक्ति , सहिष्णुता ,उसके  संस्कार और भारतीय संस्कृति की महानता की परिचायक थी जबकि वह हथियार से लेस था | एक तरफ हमारे जवान हैं देश की सीमा की सुरक्षा में तत्पर , प्राकृतिक आपदा में कश्मीर के नागरिकों को बचाने की हर सम्भव कोशिश करते हैं कभी आपा नहीं खोते दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना ने अपने ही अंग पूर्वी पाकिस्तान आज का ‘बंगलादेश’ के बाशिंदों पर बर्बरता का व्यवहार किया था |कश्मीर में मुस्लिम बहुल्य का मुद्दा उठा कर कश्मीरी पंडितों को उनकी जन्म भूमि से निकाल कर कश्मीर पर हक जताने वाले भूल गये बंगलादेश मुस्लिम देश था |चुनावों में शेख मुजीबुर्रहमान की आवामी लीग बहुमत में आई थी लेकिन पश्चिमी पाकिस्तान ने उन्हें सरकार बनाने का हक नहीं दिया शन्ति पूर्ण विरोध को कुचलने के लिए जनता पर इतने जुल्म किये जनता त्राहि –त्राहि कर उठी थी किशोरियों तक को नहीं बख्शा गया था बंगला देश के इतिहास के पन्ने निर्दोषों के खून से रंगें हैं |मुक्ति वाहिनी का गठन हुआ जिसके शौर्य के सामने  पाकिस्तान की विशाल सेना भारत के सामने सरेंडर करने को मजबूर हुई |बंगलादेश का निर्माण एक शूल की तरह पाकिस्तान के सीने में चुभता हैं |

बलूचिस्तान पकिस्तान का पश्चिमी प्रान्त है इसके एक और अरब सागर है यह  भूभाग ईरान के सीस्तान तथा अफ़ग़ानिस्तान से सटा है यहां की राजधानी क्वेटा  है |  बलूच पाकिस्तना के आधीन नहीं रहना चाहते उनकी लीडर शिप मानती है बलूचों पर पाकिस्तान ने जबरन कब्जा किया था |बलूचों को घर से उठा कर ले जाना उनपर असहनीय झुल्म ढाना रोज का काम है कई कभी वापिस नहीं आये हाँ उनके शव मिलते हैं | बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा सूबा है जिसका क्षेत्र फल सबसे बड़ा है लेकिन आबादी कम है | इनकी जनसंख्या कुल एक करोड़ तीस लाख है भाषा बलूची है | प्रदेश खनिज सम्पत्ति से भरपूर है लेकिन बलूचिस्तान को कभी अपना नहीं समझा केवल दोहन किया गया है| | बलोचिस्तान में महिलाओं बच्चों और अपने ही नागरिकों पर सेना द्वारा होने वाले अत्याचार खून जमा देते हैं | यहाँ 85% जनसंख्या को पीने का साफ़ पानी नहीं मिलता ,बिजली की हालत खराब है 70% बच्चों के लिए शिक्षा की उचित व्यवस्था नहीं है 63% गरीबी की रेखा से नीचें है जिनके पैरों में पहनने को चप्पल भी नहीं है| कहने को पाकिस्तान उन्हें अपना नागरिक कहता है परन्तु हेलीकाफ्टर से उन पर बम बरसाए जाते हैं |बलूचों के नेता जिनका बहुत मान सम्मान था अकबर खान बुगती की राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के आदेश से पाकिस्तानी सेना द्वारा हत्या कर दी गयी। जिसका दर्द आज भी बलूचों के दिल में है |सत्तर के दशक में पाकिस्तान के खिलाफ आन्दोलन हुआ जिसे पाक सेना ने बर्बरता पूर्वक कुचल दिया गया | पाकिस्तान ने उन्हें कभी अपना नहीं समझा केवल प्रदेश का दोहन किया है यही नहीं आये दिन शिया समुदाय पर हमले होते रहते हैं क्या शिया मुसलमान नहीं हैं फिर उन पर जुल्म क्यों? पाकिस्तान बनने के बाद हिदू और ईसाई समुदाय के लोग वहाँ रह गये थे उनकी दशा भी अच्छी नहीं है

पाक द्वारा अधिकृत कश्मीर में बच्चों और किशोरों का कोई भविष्य नहीं है उनके भाग्य में स्कूल या कालेज में शिक्षा पाने के बजाये आतंकी ट्रेनिंग कैंप में आतंक की ट्रेनिंग लेना हैं गुरु दक्षिणा में जेहाद का पाठ रटा कर भारत की धरती को खून से रंगने के लिए निरंतर भेजा जा रहा है |कश्मीर के आतंकी एक के बाद एक स्कूल जला कर किताबों की जगह बच्चों और किशोरों के हाथ में पत्थर पकड़ा रहे हैं | सुना है पत्थर काफिर या शैतान पर बरसाये जाते हैं |यहाँ तो सुरक्षा सैनिकों और अपने ही पुलिस बल पर पत्थर चलाने का आदेश पाकिस्तान से आता है  जबकि पुलिस में कश्मीरी मुस्लिम भी भर्ती होते हैं |

हैरानी है एक भी अलगाव वादी नेता का बच्चा हाथ में पत्थर लिये दिखाई नहीं देता उनके लिये वह अच्छी शिक्षा उत्तम भविष्य का सपना देखते हैं वह भारत या विदेशों में शिक्षा के बाद शानदार नौकरी करेंगे या अलगावादी लीडरों के जानशीन की गद्दी सम्भाल कर दोनों तरफ से फायदा उठाएंगे  |पकिस्तान से भी पैसा लो ,भारत से फायदा उठाना तो उनका जन्म सिद्ध अधिकार है ताकि अलगाव वाद चलता रहे कश्मीरी मासूम बच्चों के दिमाग में भारत विरोध निरंतर बढ़ता रहे |

9अप्रेल बारामूला में चुनाव के दौरान जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान पोलिंग बूथ की निगरानी कर रहे थे अचानक अलगाव वादी नेताओं के आदेश पर भीड़ बढ़ती गयी हरेक के हाथ में पत्थर थे संकट के समय में सिक्योरिटी फ़ोर्स भी पहुंच गयी लेकिन जम्मू कश्मीर के पुलिस बल की मदद करने में मुश्किल आ रही थी पत्थर बाज हिंसक हो रहे थे सुरक्षा बल यदि कार्यवाही करते गोलियां चलती काफी लोग मरते अत : एक पत्थर बाज को पकड़ कर जीप के बोनट पर बिठा कर सुरक्षित निकल गये और उसे पुलिस को सौंप दिया |इजराईल और पेलेस्टीनियन के बीच रोज झड़पें होती हैं सैनिकों पर पत्थर चलते हैं सुरक्षित बचने के लिए इस प्रकार के ढंग अजमाने पड़ते हैं |पूर्व मुख्य मंत्री उमर अब्दूल्ला को अपनी राजनितिक रोटियां सकने के लिए पत्थर बाजों के मानवाधिकार की चिंता हुई उनके कुकृत्य की चिंता नहीं होती | कश्मीर की सुरम्य घाटियों पर इस्लामिक स्टेट के विचारक बगदादी की भी नजर रही हैं यहाँ आतंकवादियों के अड्डे बने जेहाद चलता रहें |

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