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स्कूल की छुट्टी होते ही लडकियाँ जैसे ही स्कूल के गेट से निकलती झुण्ड के झुण्ड किशोर इक्कठे हो जाते हैं यही नहीं हर उम्र के लोगों की आँखें सड़क पर लग जाती हैं लड़के और भी दुस्साहसी हैं वह उस झुण्ड के बीच से निकलने की कोशिश करते मौका मिलते ही लड़कियों को धक्का मारना फब्तियां कसना शायद उनके हिसाब से उनका अधिकार हैं| लडकियों पर जुबानी हक जमाना आम बात हैं |कई लड़के ऐसा लगता है सीधे आईसीयू से उठ कर आ रहे हैं सूखे पेट और पीठ चिपकी हुई हुई शरीर का वजन ? संतुलन बनाना मुश्किल हैरानी होती है कभी-कभी मुहं से निकल जाता है पहले कुछ खा ले फिर लड़कियाँ छेड़ने का दुस्साहस करना |बेचारी लड़कियाँ अपने घर जा कर कह भी नहीं सकती उन्हें भी रहता है माता पिता पढ़ने भेजने से डरने लगेंगे पढ़ाई छूट जायेगी |
पब्लिक स्कूल के बाहर कई लडके और अधेड़ गाड़ी लेकर हार्न बजाते खड़े दिखाई देते हैं उनकी नजर कम उम्र की बच्चियों पर रहती है उन पर शर्म आती थी |माता पिता अधिकतर अपने बच्चों ख़ास कर लड़की को स्वयं लेने आते हैं किसी वजह से देर हो जाये लड़की की हालत खराब हो जाती है |कालेज जाने वाली, काम काजी महिलायें या बाजार में खरीददारी करने आई लड़कियाँ भी पीड़ित रहती थीं हिजाब में महिलाओं पर भी फब्तियां कसने से बाज नहीं आते फब्तियाँ भी ऐसी मोहतरमा कितनी बहार देख चुकी हो मजबूर महिला क्या करे| जोगी जी के आने के बाद पुलिस के एंटी रोमियो दस्ते महिलाओं की सुरक्षा के लिए जागरूक हो गये हैं इस कदम से महिलायें बहुत खुश हैं योगी जी को धन्यवाद देती है महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानूनों की कमी नहीं है जरूरत हैं सरकार और पुलिस की इच्छा शक्ति की|
एक नया रोग नोजवानों में बढ़ रहा है इक तरफा प्यार किसी भी लड़की की चाहत में पागल हो जाना उसे पाने के किसी भी हद तक जाना लड़की के इंकार पर उसका पीछा करना करना धमकाना दुश्मनी में उस पर एसिड डाल कर जीवन नष्ट कर देना , वहशियाना हरकत करना घर में घुस कर लड़की उसके परिवार पर हमला करना चाकुओं से गोद देना ऐसे सरफिरे आशिक भय का ऐसा माहौल पैदा कर देते हैं लड़की की हालत खराब हो जाती है मौत मांगने लगती पढाई लिखाई घर से बाहर निकलना छूट जाता है पुलिस में शिकायत का भी कोई लाभ नहीं होता पुलिस भी केवल आश्वासन ही दे सकती है ऐसे आशिक की गतिविधियों पर कैसे रोक लगे ?माता पिता अपने आपको असमर्थ पाते हैं ?बेटी के जन्म को कोसने लगते हैं |बेटी सभी को प्यारी और दुलारी होती है लेकिन घर से बाहर जाती है माता पिता परेशान रहते हैं उसे इतनी हिदायतें देते हैं लड़की की आत्म विश्वास ही खत्म हो जाता है | जब तक बेटी घर नहीं पहुंचती सांसे अटकी रहती है |
पुलिस की सख्ती और जागरूकता पर महिलायें उनके सगे संबंधी बहुत खुश और संतुष्ट हैं बेटी और अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं| सार्वजनिक स्थलों पर महिलायों को परेशान करने वाले गायब हैं काम के स्थानों से कई बार देर से छुटी मिलती है ओवर टाईम भी करना है भय नहीं रहा | स्कूल जाने आने वाली लडकियों का पीछा करने उन्हें घर तक पहुँचाने वाले अपनी पढ़ाई या काम धंधें में ध्यान लगाने लगे |सही प्रशासन का महत्व पूर्ण कार्य नागरिकों ख़ास कर महिलाओं की सुरक्षा दंड विधान की सख्ती हैं |
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