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महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो दस्तों का विरोध क्यों ? पार्ट -2

Vichar Manthan
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प्रेम करना जुर्म नहीं हैं कई सच्चे प्रेमी जोड़े प्रेम ग्रन्थ के पन्नों में अमर हो गये | आज कल माता पिता समय के साथ या मजबूरी समझिये अपने आप को बदल चुके हैं बेटे या बेटी की पसंद का विरोध नहीं करते यदि किसी मित्र को बेटा या बेटी घर ले आते हैं माँ चाय नाश्ते से स्वागत भी करती हैं हाँ लड़की के मामले में थोड़ा पूछताछ करते हैं वह जानना चाहते हैं उनकी सन्तान की पसंद सही है न |मेरा  फ्रेंड है कहने पर चुप हो जाते हैं | एक दो बच्चे हैं नाराज होकर विद्रोही न हो जायें अत: उनकी पसंद का सम्मान करना ही है| कुछ विरोध करते हैं उनके अपने अनुभव हैं कुछ का विरोध देर रात पार्टी कर घर लौटने ,रेव पार्टियों से या नशे में घर आने पर होता है | अपने माता पिता सम्बन्धियों से बच कर सार्वजनिक स्थानों में मिलना या बैठना किस लिए? घर लाने पर मित्र को जानने का अवसर माता पिता को भी मिलता है वह सन्तान के अच्छे बुरे का ध्यान रखते हैं | किसी पार्क के कोने को क्यों ढूंढा जाता है? एक साथ बैठे या घूमते जोड़े पुलिस के टोकने का जम कर विरोध कर रहे हैं इसे अधिकारों का हनन माना जा रहा है कालेज में कैंटीन है लायब्रेरी है पार्क में ही बैठना या सूनसान जगह ढूंढना ही क्यों ?

अपना नाम बदल कर किसी भी छोटे नाम से लड़की से दोस्ती करना जब वह पूरी तरह प्रेम के जाल में फंस जाये अपनी असलियत जाहिर कर धर्म परिवर्तत और निकाह की शर्त रखना किस लिए ? निकाह होते ही दूसरे धर्म की लड़की पर शरियत लागू हो जाती है माता पिता बेबस होकर बेटी से नाता तोड़ लेते हैं विशाल संसार में अकेली दिल के हाथों मजबूर लड़की शौहर धर्म की दुहाई देकर तीन बार तलाक कह कर घर से बाहर निकाल सकता है उसके मजहब ने उसे अधिकार दिया है| शौहर दूसरी बीबी लाने के लिए भी आजाद है| जिम्मेदारी से बचने के लिए कई समझदार उन्हें माँ के हवाले कर देते हैं जैसे परित्यक्ता पर बहुत बड़ा उपकार किया है | माता पिता क्या करे? यदि बच्चे पाल भी दिये उनको उनके पिता के धर्म के अनुसार पालना पड़ेगा | उन पर उनके पिता का हक बना रहता है| प्रेम गुनाह नहीं है लेकिन धोखें से किया गया प्रेम ?प्रेम यदि सच्चा था क्यों नहीं “ वर पक्ष ने कोर्ट में जाकर शादी की इजाजत दी” महिला देश के कानून से सुरक्षित हो जाती उसे अपने हक के लिए लड़ने का अधिकार मिल जाता |सिख भी आनन्द काज के बिना शादी को शादी नहीं मानते परन्तु तलाक आसान नहीं है |

लिव –इन-रिलेशन यह पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव हैं एक दूसरे को समझने परखने के नाम पर एक साथ रहने लगते हैं ठीक है महिला सशक्तिकरण का समय है सामाजिक बंधन तोड़ कर अपनी पसंद के लड़के के साथ रहना एक दूसरे को समझने की दुहाई देकर कहना जिसको हम जानती नहीं है उससे शादी कैसे कर सकते हैं ? इस नये रिलेशन के सामने पेरेंट्स लाचार हैं कुछ समय बाद समझ में आया दोनों के बीच एक हल्का है हम सफर बनने लायक नहीं है अलग होना चाहते हैं कोर्ट नें रिश्ते को मान्यता दी है लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं होता यदि लड़की अपने आप को ठगा महसूस करती है कोर्ट का दरवाजा खटखटाती हैं उसका तर्क है मुझे शादी का झांसा दे कर मेरे साथ सम्बन्ध बनाया था |कभी-कभी हाथ से जाती अच्छी लड़की को देख कर लड़का अपने आप को लूजर महसूस करता है फिर तो झगड़े सड़कों पर दिखाई देने लगते हैं |

माता पिता पूरी कोशिश से जोड़ा बनाते हैं शादी भी धूमधाम से करते हैं |आपस में न बनने की स्थिति में अलग हो जाने पर माता पिता बेटी को सहारा देना अपनी जिम्मेदारी मानते हैं लेकिन प्रेम विवाह के लिए पूरे परिवार से झगड़ा किया था प्रेम भी बहुत था साथ जीने मरने की कसमें ताजमहल को सच्चे प्रेम का साक्षी मान कर खायीं थी फिर क्यों लड़ कर कोर्ट पहुंचे बच्चों की भी प्रवाह नहीं की|

किसी भी सार्वजनिक स्थान पर प्रेमी प्रेमिका प्रेम प्रदर्शन करते नजर आते हैं समाज की भी प्रवाह नहीं है| फिल्म के मार्निंग शो में ,पार्कों में ,कार के अंदर ऐसी चला कर , बाईक की बैक पर किसी स्थान में सड़क के किनारे सिर पर स्कार्फ डाल कर अपने को ढक कर लेकिन इन छोटे बच्चों का क्या करें जो माँ या दादी से प्रश्न करते हैं “दीदी भैया क्या कर रहे हैं ‘उन्हें कितना भी बहलाने की कोशिश करो खींचों लेकिन वह मुड़-मुड़ कर देखते हैं अपने परिचितों से भी जिक्र कर प्रश्न पूछते हैं |अधिकार शब्द बहुत अच्छा लगता है इसकी ही सीमा है यदि टोका आए तो अंग्रेजी में गाली खानी पडती है | पुलिस टोकती है तो विरोध क्या दो मित्र कहीं बैठ नहीं सकते? योगी जी ने पुलिस को आदेश दिया है जोड़ों को शक की नजर से न देखा जाये कुछ पुलिस वालों को प्रेमी जोड़े को साथ बैठा देख कर कमाई भी सूझने  लगी है |

किसी लड़के से प्यार हो गया प्यार में विश्वास होता है| धोखे से कथित प्रेमिका बुला कर अपने मित्रों में बाँट देने के किस्से भी पुलिस के पास निरंतर आ रहे हैं | कभी तो वीडियो भी बना लेते हैं सेल सबके पास है लड़की की हालत ,किस खतरनाक स्थिति से गुजरना पड़ता है कई वीडियो के सार्वजनिक किये जाने के भय से जान भी दे चुकी हैं| पुलिस के पास भी ही अन्याय के विरोध में शिकायत दर्ज करने जाना पड़ता हैं| यदि लगाव सच्चा है क्यों न माता पिता के संरक्षण में परवान चढ़े ?

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