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इजराईल की राजधानी येरुसलम की धरती पर तीन धर्म अपना अधिकार जताते हैं यहाँ यहूदियों का परम पवित्र सुलेमानी टेम्पल( कुछ इसे किंग डेविड का टेम्पल भी कहते हैं ) था अब केवल दीवार बची हैं लाखो यहूदी तीर्थ यात्री यहाँ आते हैं उसकी पूजा करते हैं| मुस्लिमों का विश्वास है पैगम्बर मुहम्मद साहब यहाँ से स्वर्ग गये थे यहाँ वह अपने समय से पहले के पैगम्बरों से भी मिले थे| ईसाई समाज की मान्यता है ईसा को यहीं सूली पर चढ़ाया गया था यहीं ईसा ने पुन: जीवित होकर प्रवचन दिए थे| मुस्लिम समाज येरुसलम में मस्जिद अक्सा के लिए बहुत भावुक है मस्जिद अक्सा उनके लिए तीसरी जियारत की जगह है बंगला देशी मुस्लिम कहते हैं हम मस्जिद मक्का के अलावा मस्जिद अक्सा की तरफ मुहँ करके भी नमाज अदा करते हैं येरूसलम ऐसा क्षेत्र है जिसका इतिहास इसाईयों ,मुस्लिम और यहूदियों के बीच विवादित रहा है | हिन्दुओं के लिए भगवान राम की जन्म स्थली का बहुत महत्व रहा है राम हिन्दुओं के आराध्य देव हैं जन-जन के हृदय में बसते| हेलो हाय के जमाने में भी बहुत बड़ा जन समूह राम-राम जी या जय राम जी की कह कर अभिवादन करते हैं दुःख में मुहं से हे राम निकलता है हिन्दू की अंतिम यात्रा में स्वजन रास्ते भर राम नाम सत्य है कहते हैं |
भारत की भूमि पर सदैव आक्रमणकारियों की नजर रही है मंगोलिया की माँ और उज्बेग पिता की सन्तान बाबर ने भारत पर हमला किया उस समय के दिल्ली के सुलतान इब्राहीम लोदी के बीच संघर्ष में बाबर दिल्ली जीत कर बादशाह बना लेकिन वह जानता था दिल्ली तब तक सुरक्षित नहीं थी जब तक आस पास के क्षेत्रों पर अधिकार न हो जाये| बाबर और चित्तौड़ गढ़ के राणा सांगा के बीच सीकरी में भयंकर युद्ध हुआ बाबर की तोपों और गोला बारूद के सामने राजपूतों की तलवारें और वीरता हार गयी अब बाबर के सामने मजबूत प्रतिद्वंदी नहीं रह गया था क्षेत्र पर कब्जा होने के बाद उसने अपने सेनापति मीर बाकी को वहाँ का सूबेदार बनाया मीर बाकी ने अयोध्या में श्री राम की जन्म स्थली में उनका मन्दिर तोड़ कर उसी के ईंट पत्थरों और गुम्बदों को मस्जिद में बदल दिया इसे बाबरी ढांचा माना जाता है |स्थापत्य कला के हिसाब से साफ़ लगता है यह हिदुओं का मन्दिर होगा भगवान की जन्म स्थली हिदुओं की आस्था का केंद्र है| कहते है बाबर नामा में किसी मस्जिद का जिक्र नहीं है लेकिन बाबर नामा के कई पन्ने गायब हैं उस समय का इतिहास कहता है बाबर की सेना ने चंदेरी में भी हिन्दू मन्दिरों को तोड़ा था | हिन्दू समाज बहुत सहिष्णु है लेकिन अपनी भगवान राम के प्रति श्रद्धा में वह चाहते हैं सोमनाथ के मन्दिर को मुहम्मद गजनवी ने ध्वस्त ही नहीं लूटा भी था लेकिन आजादी के बाद वहाँ भव्य मन्दिर बना ऐसे ही अयोध्या में भगवान का मन्दिर बने|
सबसे पहले ऋषि बाल्मीकि ने रामायण में राम कथा का वर्णन लिया था| सरयू नदी के तट पर बसी पवित्र अयोध्या कौशल की राजधानी थी यहाँ के प्रतापी राजा दशरथ के चार पुत्र थे चारो भाई भारतीय संस्कृति के आदर्श पुरुष हैं | सबसे बड़े पुत्र राम राजा दशरथ के उत्तराधिकारी थे उनका वर्णन करते हुए बाल्मीकि जी ने लिखा है राम अनुपम थे न बहुत लम्बे थे न मझौले उनमें सूर्य से भी अधिक तेज और ऊर्जा थी , गम्भीर आवाज , गहरी साँस थी, आँखे हरा रंग लिए हुए थी बदन की खाल कोमल और ऐसी चिकनी थी जिस पर धूल भी नहीं ठहरती थी सिर पर घुंघराले बाल जिनकी आभा हरी थी ,सिंह जैसी चाल ,पैरों के तलुओं पर धर्म चक्र के निशान थे उनकी भुजाये लम्बी घुटनों तक पहुंचती थी कान तक धनुष खींच कर बाणों का संधान करते थे मोतियों जैसे दांत शेर जैसे ऊँचे कंधे चौड़ी छाती गले पर तीन धारियां, तीखी नाक जो भी उनकी छवि निहारता था देखता रह जाता था शौर्य और सुन्दरता का मूर्त राम चौदह कला सम्पूर्ण थे|
|स्वर्गीय चन्द्र शेखर जी का कार्यकाल बहुत छोटा था फिर भी उनकी कोशिश थी हिन्दू और मुस्लिम में समझौता करा दिया जाये श्री राम का मन्दिर बन सके मस्जिद दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हो जाये |मुलायम सरकार के समय कार सेवक पर गोलियां भी चलीयी गयीं 6 दिसम्बर1992 को कार सेवकों ने बाबरी ढांचा तोड़ दिया, अयोध्या में नारा गूँजा राम लला हम आयें हैं मन्दिर यहीं बनायेंगे और राम लला की स्थापना कर दी |मुस्लिम इसे बाबरी का शहीद होना मानते हैं यह स्थान सदैव विवादित रहा हैं यहाँ कभी नमाज नहीं पढ़ी गयी हैरानी होती हैं मीर बाकी शिया था अत :कब्जे के आधार पर जन्म स्थान शियाओं का कब्जा था उन्हें राम मन्दिर निर्माण में कोई एतराज नहीं है |
बाबर मुगलों का पहला बादशाह था लेकिन बाबरनामा में लिखा है उसकी इच्छा थी मरने के बाद उसका मकबरा काबुल में बनाया जाये |यहाँ का मुस्लिम समाज पहले हिन्दू था लेकिन इस्लामिक शब्दों में ईमान लाया था भारत में वर्षों इस्लाम का राज्य रहा उनकी गाजी प्रवृति उन्हें कभी समझौता करने नहीं देती इसे उन्होंने नाक का सवाल बना लिया है| वह राम के जन्म का फ्रूफ मांगते हैं प्रूफ तो हम भी मांग सकते हैं लेकिन भारत का सहिष्णु समाज किसी की आस्था पर प्रश्न नहीं उठाता |एक बात तो पक्की है भगवान का जन्म मस्जिद में तो हुआ नहीं होगा राजा दशरथ के महल में ही हुआ होगा | हिन्दुओं के आराध्य पर संदेह करते हैं श्री राम पर कहानियाँ गढ़ते हैं | अपनी श्रद्धा मक्का मदीना से जोड़ते हैं | बात-बात पर मन्दिर होने के सबूत मांगते हैं यही नहीं धर्म के आधार पर पाकिस्तान बना पाकिस्तानी हमारे विदेश प्रवास के दौरान प्रश्न करते थे क्या सबूत है राम थे भी या नहीं श्री राम को ग्रीस की कहानी हेलन आफ ट्राय के नायक से जोड़ते थे |
1970,1992 और 2003 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा विवादित स्थान के आसपास खुदाई में हिन्दू मन्दिर के अवशेष मिले थे |2003 में अदालत द्वारा दिए आदेश के बाद बाबरी ढाँचे के नीचे भी गहरी खुदाई की गयी यहाँ मन्दिर के स्पष्ट सबूत इतिहास कारों को मिले हैं यहाँ तक एक मुस्लिम इतिहास कार के शोध का निष्कर्ष है यह श्री राम की जन्म भूमि है |
18 दिसम्बर यूपी वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक के लिए दरखास्त दी 1984 से विश्व हिन्दू परिषद द्वारा बाबरी ढांचे का ताला खोलने राम जन्म भूमि पर विशाल भव्य मन्दिर के निर्माण का अभियान शुरू किया गया |एक फरवरी 1986 में फैजाबाद के जज ने राम जन्म स्थान पर हिन्दुओं को पूजा की इजाजत दे दी ताले फिर से खुले लेकिन नाराज मुस्लिमों ने विरोध में बाबरी एक्शन कमेटी का गठन किया कर राम जन्म भूमि के विवाद को राजनीतिक रंग दे दिया |मुस्लिम पक्ष कहता है हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानेंगे लेकिन सच्चाई यह है वह ऐसे किसी फैसले को नहीं मानेंगे जिससे झगड़ा खत्म हो जाये| सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को मिल कर आपसी समझौते से झगड़ा सुलझाने की सलाह दी क्यों कि कोर्ट में झगड़ा जमीन पर मालिकाना हक का है| राम लला आज भी अपने बाल रूप में तिरपाल के नीचे विराजमान है जिनकी सुरक्षा के लिए हर वक्त चाक चौकद सुरक्षा गार्ड लगे हैं राम लला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बाल गोपाल राम लला बनवास में दिखाई देते हैं |
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