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आतंक के उस्तादों की मुस्लिम नौजवानों को गुमराह करती पाठशालायें

Vichar Manthan
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अमेरिका के न्यूयार्क के लोअर मैंनहट्टन के व्यस्त क्षेत्र में एक ट्रक ड्राईवर ने साईकिल ट्रेक पर ट्रक चढ़ा कर आठ लोंगों को कुचल दिया 12 घायल हो गये यह व्यस्त क्षेत्र है वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के मैमोरियल से कुछ ही दूर है बाद में  ड्राईवर दोनों हाथों से पिस्तौल चलाता हुआ भागा पुलिस की गोली से शिकार होने के बाद पकड़ा गया हमलावर उज्बेगिस्तानी 29 वर्षीय सैफुल्ला साईंपोव अल्लाह हो अकबर के नारे लगा रहा था वह आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़ा बगदादी के वीडियो से प्रभावित यूँ समझिये बगदादी की पाठशाला में पत्राचार का छात्र है | 2010 में अमेरिका आया था | हैरानी की बात है वह विवाहित है तीन बच्चे हैं आश्चर्य जिस देश में रहते हो रोजी रोटी कमाते है वहीं के निर्दोष नागरिकों पर हमला ऐसे हमले योरप के कई देशों में हुये कितना खतरनाक मंसूबा है कहीं भी सिर फिरा जिस गाड़ी पर बैठा है उसके पहिये तले कुचल कर निर्दोषों की जान ले ले कितनी दहशत फैलती है |

आतंकी हमलों से समस्त विश्व त्रस्त है अकसर इन हमलों के पीछे मुस्लिम आतंकी, आईएसआईएस या किसी लश्कर से जुड़ा निकलता है इनके कृत्य समस्त मुस्लिम समाज को बदनाम करते है ख़ास कर प्रवासियों को वहाँ के बाशिंदों की तीखी नजर का सामना करना पड़ता है | ईराक और सीरिया से बगदादी की ब्रिगेड का लगभग खात्मा हो रहा है लेकिन उसकी विचार धारा केवल उन देशों को छोड़ कर जिनके द्वार बंद हैं तानाशाही है लगभग 80 से अधिक देशों में फैल रही है इनका माध्यम इंटरनेट है इससे पढ़े लिखे नौजवानों को प्रभावित किया जाता है उन्हें ऐसे चित्र दिखाए जाते हैं जैसे मुस्लिम समाज का पर जुल्म हो रहे हैं उनका दमन किया जा रहा है| विदेश में होने वाली किसी भी प्रकार की घटना को पाकिस्तानी आतंक के उस्ताद में भारत से भी  जोड़ देते हैं , यूएन की जनरल असेम्बली में पाकिस्तानी प्रवक्ता मलीहा लोदी ने एक महिला का चित्र दिखाते हुए जिसके चेहरे पर घाव थे कहा “यह भारत के प्रजातंत्र का स्वरूप हैं” जबकि यह 17 वर्ष पुराना गाजा पट्टी पर हमले का चित्र था पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय जगत में किरकिरी हुई | इंटरनेट पर जुल्मों का खाका खींच कर नौजवानों का एक तरह से ब्रेन वाश किया जाता है उनसे प्रश्न किये जाते हैं तुमने दीन के लिए क्या किया? एक दिन दुनिया से कुफ़ कौन समाप्त करेगा?  उन्हें खास आवाजों में मुसलमानों पर होने वाले जुल्मों की झूठी कहानियाँ सुना कर खूंखार बनाया जाता है | उनमें यूफोरिया भरा जाता है अल्लाह का काम है तुम्हें सोंपा है |जरूरत है शहादत की, जेहाद की ,अधूरे काम को पूरा करने की उस दिन दुनिया इस्लाम हो जायेगी इस्लाम की राह पर कौन शहादत देगा जबाब में ‘हम देंगे ‘हम देंगे’ | जिनमें अधिक जोश और जनून होता है उन्हें फिदायीन बना कर समझाते हैं जेहादी को आखिरात का इंतजार नहीं करना पड़ेगा सीधे जन्नत मिलेगी |दुःख है पढ़े लिखे टेक्नोक्रेट युवक भी प्रभावित हो जाते हैं| किसी के माता पिता नहीं चाहते उनका बेटा आतंकी बने , इंसानों का खून बहाये | हमारा समाज आपस में जुड़ा हुआ है  बच्चों के सुनहरे भविष्य के सपने देखते हैं यहाँ तक टूटे घरों में तलाकशुदा महिलायें भी अकेली मेहनत कर बच्चों को पालती ही नहीं उनका भविष्य सवारती हैं |

‘जेहाद’ का अर्थ आतंकियों के आका अपने हिसाब से निकालते हैं | जबकि कहते हैं इस्लाम के अनुसार “यदि सैन्य जिहाद की आवश्यकता पड़े तो उसे न्यायिक, राजनयिक, आर्थिक तथा राजनीतिक माध्यमों से सुलझाया जा सकता है। यदि कोई भी शांतिपूर्वक विकल्प ना हो तो इस्लाम बल के प्रयोग की अनुमति देता है परन्तु उसमें कठोर नियम हैं, जैसे कि स्त्रियों, बच्चों तथा अंगहीनों को हानि ना पहुँचाना, तथा शत्रु द्वारा यदि कोई भी शान्ति प्रस्ताव को मानना आदि सम्मिलित हैं।“ इस्लाम अल्लाह (खुदा ),पवित्र कुरआन जिसे वह खुदाई जुबान कहते हैं और हजरत मुहम्मद पैगम्बर को मानते है| कुरआन की व्याख्या हदीस में की जाती है ,शिया धर्म में ‘इमाम’ का भी महत्व वह इमाम अली और इमाम हुसेन के पैरोकार हैं  |दीनी मुसलमान पाँचों वक्त की नमाज पढ़ना, रोजे रखना और इस्लामी नियम कायदों में विश्वास रखते हैं उनके चेहरे पर शान्ति रहती है | इस्लामिक विद्वानों का मत है इस्लाम शांति भाई चारे का धर्म है, फिर धर्म के नाम पर आतंकवाद क्यों? विश्व को इस्लामिक बनाने की धारणा क्यों? जब कि दुनिया रंग बिरंगी हैं अनेक धर्म , मत और विश्वास हैं |सभी धर्म अच्छे इन्सान बनने की प्रेरणा देते हैं | पाकिस्तान में हाफिज सईद जैसे आतंकी आकाओं का जेहाद से मतलब भारत में आतंक फैलाना है वह अक्सर एक ख़ास आवाज में चीख – चीख कर भारत के आवाम को धमकियाँ देता हुआ नौजवानों को जेहादी बनने का आह्वान करता है कश्मीर को पाकिस्तान के गले की नस बताता है अब तो सत्ता पकड़ने की चाह भी बढ़ रही है पाकिस्तान में अनेक आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप चलते हैं | कई नाम वाले लश्कर हैं |

भारतीय मुसलमानों में डॉ जाकिर नायक इसका एनजीओ इस्लामिक फाउंडेशन है ने अपना प्रभाव बढ़ाया युवाओं को कट्टरवाद की तरफ ले जाने और भड़काऊ उपदेश दिये दूसरे धर्मों को नीचा दिखाने की कोशिश की |भारत सरकार ने उस पर रोक लगा दी उसके पीस टीवी पर बैन लगा दिया |गिरफ्तारी से बचने के लिए वह भारत छोड़ गया आजकल मलेशिया में है | जवानों को आईएसआईएस की विचारधारा सीरिया में शहादत के लिए प्रेरित करती हैं | विश्व के विकसित देशों के नौजवान जिनमें टूटे घरों के बच्चे  प्रमुख हैं उन्हें भी कन्वर्ट कर खूंखार आतंकी बना कर  इस्लामिक स्टेट का कंसेप्ट समझाया जाता है| ईरान में ऐसे ही टूटे घरों के बच्चे कहते थे न मादर न पिदर सिर्फ बिरादर (न माँ है न बाप केवल हम सब भाई हैं ऐसे पासदारों ( क्रांति के पैरोकार )  को कट्टर दीनी  शिया इस्लाम के झंडा बरदार  समझाया जाता है | अनदेखी अनजानी जन्नत  अभाव ग्रस्त घरों से आये युवकों को जल्दी समझ में आ जाती है | पढ़े लिखों को ओटोमन एम्पायर का ग्लोरियस पीरियड समझाया जाता है | आतंकवादी सोच जवानों को अन्तर्मुखी बना देती है इनकी बाजुयें फड़कती रहती हैं आँखे कभी भी जनून में लाल हो जाती हैं यह दुनिया को उतना ही जानते हैं जितना उनके आका समझाते हैं |कुछ कर गुजरने की चाह में मर जाते हैं , दुनिया इन्हें अच्छी नहीं लगती काल्पनिक जन्नत में जीते हैं जो इन्हें मिलेगी या नहीं ?

एटीएस की लिस्ट में अनेक गुमराह युवक हैं जिनका कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं है लेकिन इस्लामिक स्टेट और उसकी खुरासान की विचारधारा से प्रेरित हैं वह सीरिया जा रहे थे|  इस्लामिक स्टेट के विचारक काफी समय से भारत और उसके आसपास के मुल्कों को मिला कर इस्लामिक स्टेट आफ खुरासान बनाने का स्वप्न दिखा रहे थे जिसका खलीफा बगदादी होगा | गुमराह नौजवानों को उनके  परिवार , मनोवैज्ञानिकों, इस्लामिक विचारकों और धर्म गुरुओ ने  समझाया जेहाद का सच्चा अर्थ खूनखराबा नहीं बल्कि अच्छे कर्म करना है अब उन्हें मुख्य धारा ला रहे हैं अधिकाँश समझ गये हैं | उन पर केस नहीं चलाये गये | मदरसों को भी कहा गया है बच्चों को मजहब के साथ गणित ,साइंस की शिक्षा दी जाये शिक्षा रोजगार परक हो |

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