Menu
blogid : 15986 postid : 1370245

विश्व राजनीति में उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उत्थान या पतन

Vichar Manthan
Vichar Manthan
  • 297 Posts
  • 3128 Comments

kim jong un1__243126523उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जौंग आज कल सुर्ख़ियों में है | 1910 में जापान ने किंगडम आफ कोरिया पर हमला कर 35 वर्ष तक वहाँ राज ही नहीं किया वहाँ की संस्कृति को भी मिटाने की कोशिश की |1939 से 1945 तक चलने वाले द्वितीय विश्व युद्ध में एक तरफ धुरी राष्ट्र जिसमें जर्मन तानाशाह हिटलर, इटली से मुसौलिनी और जापान के सम्राट हिरोहितो प्रमुख थे दूसरी तरफ मित्र राष्ट्र थे |अमेरिका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर एटम गिराने के बाद जापान की कमर टूट गयी उसने सरेंडर कर दिया अत : कोरिया में भी सरेंडर हुआ| उत्तर कोरिया पर रूस एवं चीन ( चांग कई शेख का चीन ) ने अधिकार जमा लिया यहाँ वारसा पैक्ट के पूर्वी योरप देशों के समान एक समाजवादी डिक्टेटर शिप( कम्यूनिज्म ) की स्थापना हुई |

दक्षिण कोरिया पर अमेरिका और मित्र देशों का अधिकार था यहाँ की शासन व्यवस्था योरोपियन ब्यवस्था के अनुरूप थी इसे कम्युनिस्ट देश पूंजी वादी व्यवस्था कहते थे | शीत युद्ध की शुरुआत हो रही थी | कोरिया के दोनों हिस्से अपने शुभ चिंतकों पर आश्रित थे | उत्तरी कोरिया नें दक्षिण कोरिया पर हमला कर अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश ही नहीं की सियोल पर भी अधिकार जमा लिया उस समय चीन और रूस में आपस में तारतम्य था दोनों की सीमायें उत्तरी कोरिया से मिलती है |उस समय सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट ताईवान में बैठे चीन के हाथ में थी (25 अक्टूबर 1971 में कम्यूनिस्ट चीन को मिली) |सुरक्षा परिषद में बिना विरोध के उत्तरी कोरिया के विरुद्ध अमेरिकन समर्थित प्रस्ताव नम्बर 85 पास हो गया| सोवियत संघ चीन के साथ सुरक्षा परिषद का बहिष्कार कर रहा था अमेरिकन राष्ट्रपति ट्रूमेन ने स्थिति का लाभ उठाते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के अंडर में मित्रराष्ट्रों के साथ अपनी सेनायें भेजी गयी जिनमें अमेरिकन सैनिकों (90%) का बाहुल्य था भारत ने भी एक मेडिकल टीम भेजी थी | सेना का नेतृत्व मेकआर्थर कर रहे थे इनका जापान पर अधिकार जमाने और सम्राट हीरोहितो की शक्ति कम करने में महत्वपूर्ण योगदान था दक्षिण कोरिया को आजाद करवा लिया गया |युद्ध में मेकआर्थर ने परमाणु बम के उपयोग का भी सुझाव दिया लेकिन राष्ट्रपति ट्रूमेन ने सहमती नहीं दी|

अब चीन भी युद्ध में कूद पड़ा| यह मामूली लड़ाई नहीं थी युद्ध समाप्त होने तक तक संयुक्त राष्ट्र संघ के 40.000 सैनिक मारे गये उत्तर कोरिया में भी सेना और आम नागरिकों का भयानक रक्तपात हुआ अत: तत्कालीन ट्रूमेन के स्थान पर निर्वाचित राष्ट्रपति आईजनहावर ने जुलाई 1953 में युद्ध विराम का निर्णय लिया आज भी बिना फैसले का युद्ध विराम है |240 किलोमीटर लम्बा और चार किलोमीटर क्षेत्र दोनों कोरिया को अलग करता है इसे नो मैंन लैंड कह सकते हैं | युद्ध विराम करवाने में नेहरू जी का भी योगदान रहा था |समुद्र में नौसेना में झड़पें होती रहीं हैं लेकिन सेनायें कागज पर ही लड़ रही हैं दोनों देशों  के नागरिक सीमा पार कर आ जा नहीं सकते उत्तरी कोरिया का नागरिक या सैनिक सीमा पार करने की यदि कोशिश करते हैं उनकी अपनी सेना उनको गोलियों से छलनी कर दिया जाता है |जर्मनी एक हो गया लेकिन कोरिया के दिन नही सुधरे|

दक्षिण कोरिया ने तरक्की की जापान के बाद विश्व के बाजारों में काफी समय तक उसका वर्चस्व रहा यहाँ आर्थिक दौड़ इतनी प्रबल है जिससे कभी –कभी सुसाईडल कंट्री का नाम भी दिया जाता है | इसके विपरीत उत्तरी कोरिया का हाल बेहाल ही रहा है वहाँ मीडिया पर रोक है अखबार भी सरकारी है जिन्हें सार्वजनिक स्थानों पर चिपका दिया जाता हैं तीन चैनल हैं जिनके माध्यम से सरकार द्वारा जितनी सूचना देनी है दी जाती है| विदेशी पत्रकारों को उतनी ही दूर तक जाने की इजाजत है जितना वहाँ की सरकार दिखाना चाहती है सेल फोन लेजाना चित्र खींचने की इजाजत नहीं है |विदेशी मेहमानों के लिए होटल है लेकिन खाली |उत्तर कोरिया स्वयं को समाजवादी व्यवस्था द्वारा आत्म निर्भर देश बताता है अन्य तानाशाह देशों के समान चुनाव की प्रक्रिया भी दोहराई जाती है| यहाँ की कैपिटल और सबसे बड़ा शहर प्योंगयांग है  शहर की प्रमुख सड़कों पर अच्छी बिल्डिंग दिखाई देतीं हैं लेकिन पीछे हाल बेहाल है लोग अपने घरों के सामने कुछ सब्जी आदि उगा लेते हैं |सरकार विदेशों में ठेके लेती है लेकिन उत्तरी कोरिया के मजदूर केवल भोजन पर काम करते हैं अर्थात फ़ोर्स लेबर पेमेंट सरकारी खाते में जाता है आवाज उठाने का अर्थ मौत है | पिता किम जोंग इल को जब देश में खाने पीने की कमी महसूस होती थी दक्षिण कोरिया को डरा कर उससे जरूरत की वस्तुयें वसूली जाती थीं वहाँ की सरकार मानवता के नाते ट्रक भर कर भेज देती थी |

आंशिक भुखमरी के बाद भी विशाल सेना पाल रखी है ताना शाह जानता है उसकी सुरक्षा सैनिक दृष्टि से मजबूत रहने पर ही हो सकेगी अत: दूसरे छोटे देशों को हथियार बेच कर फंड जुटाया जाता है |देश की इकोनोमी का 25% मिलिट्री पर खर्च होता है पहले सोवियत रशिया से मदद मिलती थी लेकिन उसके टूटने के बाद मदद बंद हो गयी |अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है लोगों की शक्ल सपाट भाव शून्य है |मानवाधिकार का उल्लंघन आम बात है | आजकल किम जोंग की सत्ता है इसने 28 दिसम्बर 2011 को सत्ता सम्भाली उनके दादा किम सुंग थे और पिता किम जोंग इल | सत्ता पर परिवार के लोगों का कब्जा रहा है | आत्म प्रशंसा का बोलबाला है नये विनाशक हथियारों का परिक्षण ही नहीं उनका प्रचार कर अमेरिका और जापान को चुनौती देना किम जोंग का स्वभाव है उसके जनून से जापान अमेरिका भी डरता है | मिसाईल परीक्षण किया  वह जापान के ऊपर से गुजरी| चीन सदैव उसका साथ देता है यह उसकी कूटनीति का हिस्सा है |हाईड्रोजन बम का सफल परीक्षण किया गया  , इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाईल से सम्पन्न देश है यही नहीं कैमिकल हथियारों के निर्माण और प्रयोग धमकी देना , अनेक पाबंदियों के बाद भी किम जोंग दबता नहीं है राष्ट्रपति ट्रम्प ने 12 दिन तक साऊथ ईस्ट एशिया के दौरे में पहला दौरा जापान से शुरू किया चर्चा में नार्थ कोरिया और चीन का बढ़ता प्रभाव अधिक था |जापान भी सैन्य दृष्टि से मजबूत होने की कोशिश में है | विश्व चिंतित है परमाणु युद्ध नहीं चाहिए| किम भी जानता है परिणाम विनाशकारी होगा अमेरिका उत्तरी कोरिया पर हमला नहीं करेगा केवल गोलबंदी कर डरायेगा |

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh