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आतंकी सरगना हाफिज सईद राजनेता बनने चला

Vichar Manthan
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हाफिज सईद जमात- उद दावा का सरगना भारत 26/11 को बम्बई में होने वाले आतंकी हमले का मास्टर माइंड अब सक्रिय राजनीति में आकर चुनाव लड़ने , पकिस्तान नेशनल असेम्बली में बैठने का इच्छुक है| उसने ‘मिली मुस्लिम लीग’ नाम से पार्टी बना कर उसने 2018 में पाकिस्तान में होने वाले चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है| उसने लाहौर में पार्टी दफ्तर भी खोल लिया है पार्टी का चुनावी एजेंडा भारत विरोध और कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ा भारत से बदला लेना है |1971 के युद्ध का परिणाम पाकिस्तान कभो नहीं भूलेगा उसका हिस्सा पूर्वी पाकिस्तान भारत की मदद से एक नया देश  “बंगलादेश’ बना था पाकिस्तान के सीने में गड़ी फांस  जो सदा टीस देती रहेगी| हाफिज सईद को गुमान है पाकिस्तान एटमी ताकत है जबकि वह क्यों भूल जाता है भारत भी एटमी ताकत सम्पन्न देश विकास शील देश है ? इस्लामिक स्टेट के विचारक बगदादी के पतन के बाद वह भारत के कुछ हिस्सों और पाकिस्तान में इस्लामिक शासन की स्थापना का स्वप्न देख रहा है |पाकिस्तान की नीति में कश्मीर एजेंडा कोई नया नहीं है वहाँ के राजनेता कश्मीर राग अलापते रहते हैं लेकिन पाकिस्तान .के हुक्मरान समझ चुके हैं भारत को दबाना आसान नहीं है इसलिए नये प्रकार के युद्ध की शुरुआत की गयी जिया उलहक मिलिट्री जरनल नें तख्ता पलट कर पाकिस्तानी सत्ता की कमान सम्भाली  अपने कार्यकाल में ( राष्ट्रपति)  भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध की शुरुआत कर आतंकवाद को हवा दी गयी थी | कश्मीर हथियाने और भारत में आतंकवाद फैलाने के लिए I.S.I. को खुला फंड दिया | सेना और पाकिस्तान के जरनलों को सत्ता का चस्का लग गया है |

पाकिस्तान में तीन सत्तायें हैं जनता की चुनी हुई सरकार विश्व के सामने मुखौटा है , आईएसआई जिसका खुला बजट है , पाकिस्तान को बर्बादी की तरफ ले जाने वाले आतंक की पाठशाला के प्रधानाचार्य महानुभाव हाफिज सईद  किशोरों और जवानों मे जोश भर कर उनके हाथ में कलम की जगह बंदूक पकड़ा कर आतंकवादी बनाने के आतंकी कैम्प चलाता है यहाँ से भारत में आतंकवादी निर्यात किये जाते हैं |  भारत की बर्बादी का सपना देखते रोज नये नाम धरते लश्करों के हाथों पाकिस्तान को भी आतंक का दंश झेलना पड़ता है | भारत और पाकिस्तान के बीच हुये शिमला समझौते में तय हुआ कश्मीर समस्या का अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं होगा हल आपसी बातचीत द्वारा किया जायेगा | हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों की खेप हमारे लिए तैयार कर कश्मीर में निरंतर भेजे रहा है कश्मीरी के नौजवानों को भारत के खिलाफ बरगलाना, उनके हाथ में हथियार दे कर जेहाद के लिए प्रेरित करता है ट्रेंड आतंकवादी हरी भरी कश्मीर घाटी में खून की होली खेलने आते हैं | मसर्रत आलम की पीठ पर हाफिज सईद ने हाथ रखा उसने कम उमर के किशोरों की पत्थर मारने की पूरी ब्रिगेड तैयार कर ली जो सेना और पुलिस पर पत्थर मारते हैं जबकि पत्थर काफिर या शैतान पर मारने का चलन रहा है पत्थर मुंह ढक कर मारते हैं मारने वाले स्वयं भी जानते हैं यह गुनाह है |

हाफिज सईद की मिली मुस्लिम लीग को चुनाव आयोग ने मान्यता नहीं दी है पाकिस्तान हाई कोर्ट ने भी मान्यता सम्बन्धी याचिका रद्द कर दी गयी आतंकी सरगना आतंकवाद को लोकतंत्र का चेहरा बना कर देश की नीति में मान्यता दिलवाना चाहता है पाकिस्तान अमेरिकन ट्रम्प प्रशासन के दबाब में है| पहले भी उसका अपना व्यक्ति शेख याकूब लाहौर के उप चुनाव में चुनाव लड़ा लेकिन चौथे स्थान पर रहा |

अमेरिका में 11/ 9/ 2001 में आतंकी हमले के बाद लश्कर – ए तैयबा को आतंकी संगठन घोषित किया था इस संगठन की स्थापना रशिया के खिलाफ अफगानिस्तान में जेहादी तैयार करने के लिए की गयी थी |सोवियत सैनिकों के  अफगानिस्तान से पलायन करने के बाद हाफिज उनके सहारे कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ जेहाद का प्रचार करने लगा| पाकिस्तान में भी उसका संगठन प्रतिबंधित है अत: हाफिज सईद ने संगठन का नाम बदल दिया अब वह जमात –उद दावा के नाम से जाना जाता है पुराना संगठन लेकिन नया नाम | भारत मुम्बई हमले 26/11  का वह मास्टर माइंड है | इसके संगठन द्वारा भारतीय संसद पर हमले की योजना बनाई गयी थी | भारत में उसे अपराधी माना गया है इस पर सत्ता रूढ़ दल और विपक्षी दल एक हैं | यूएन सुरक्षा परिषद ने दिसम्बर 2008 जमात-उद दावा को आतंकी संगठन घोषित किया था| पाकिस्तान सरकार ने विश्व जनमत के दबाब में इसे लगभग छह महीने तक नजरबंद रखा था लेकिन 2009 में लाहौर हाई कोर्ट ने रिहा कर दिया था |

हाफिज सईद भारत का अपराधी है आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक रहा सईद भारत की सर्वाधिक वांछित अपराधियों की सूची में शामिल है। मुंबई की 26/11 की घटना में 166 लोग मारे गए थे जिनमें छह अमेरिकन थे | हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से उसे सौंपने को कहा था।अमेरिका ने दुनिया में ‘आंतकवाद के लिए जिम्मेदार’ लोगों की सूची जारी की थी ।  इसमें हाफ़िज़ सईद को दूसरे स्थान पर रखा गया है चार आतंकवादियों में से एक|  अमेरिका द्वारा एक करोड़ डॉलर का इनामी हाफिज सईद ही ऐसा है जो आज़ादी से पाकिस्तान में सरे आम घूमता रैलियां करता सार्वजानिक तौर पर सभाओं को संबोधित करता है| उसकी रैली में विशेष गाड़ियों द्वारा भारी भीड़ जुटाई जाती है|

|भारत सरकार ने स्पष्ट कह दिया है हाफिज सईद एक आतंक वादी और वह उसे सजा दिलवाना चाहते हैं इसके कई सबूत पाकिस्तान को दिए लेकिन पाकिस्तान की अदालतों में हिम्मत नही है उसे सजा दे सकें भारत सरकार के दिए उसके खिलाफ प्रूफ नजर अंदाज  कर दिए गये कोशिश थी उसे अपराधी मान कर दंड दिया जाये पर वह पाक सेना और I.S.I.का चहेता जेहादी है | हमारी सेना का मनोबल तोड़ने के लिए हमारी सीमा में घुस कर हमारे पांच सैनिको के सिर काट कर और दो सैनिको के सिर साथ ले गये यह काम सेना के संरक्षण में आतंकवादी गुट ने किया था इसमें हाफिज सईद का नाम आया था जिससे देश रोष से भर गया था भारत के खिलाफ जहर उगलता अक्सर वह सीमा के आसपास देखा जाता है |

हाफिज सईद को अमेरिकन दबाब में एक बार फिर नजर बंद किया गया लेकिन ठीक 6 दिसम्बर से   पहले उसे यह कह कर उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है हाई कोर्ट ने छोड़ दिया पाकिस्तान को फिर से ट्रम्प सरकार ने चेतावनी दी पाकिस्तान अंजाम भुगते के लिए तैयार रहे फ्रांस ने भी हाफिज को आजाद करने के फैसले पर आपत्ति जताई है लेकिन कोर्ट से छूटने के बाद हाफिज का जम कर स्वागत हुआ उस पर फूल बरसाए गये उसके समर्थकों ने जश्न मनाया |उसने जश्न में भारत के खिलाफ जैसा जहर पहले उगलता आया है वैसे ही जहर उगला| पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान में राजनीतिक जमीन ढूंड रहे हैं उन्होंने कहा हाल ही में कहा था कि वह लश्करे-ए तैयबा के संस्थापक  हाफिज सईद के सबसे बड़े समर्थक हैं वह हाफिज के सहारे पकिस्तान में चुनाव लड़ना चाहते हैं । यही नहीं पकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर बजवा ने उसकी तारीफ़ करते हुए कहा  हाफिज सईद को पाकिस्तान के अन्य नागरिक की तरह कश्मीर समस्या को सुलझाने में सक्रिय भूमिका निभायी है वह भी कश्मीर का मुद्दा उठा सकता है

2005 में पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में आये भयंकर भूपंक में जमात-उद-दावा ने पीड़ितों के लिए काफी काम किया और उसी के कारण  सेना उसके और करीब आ गई वह पाकिस्तान की जनता में लोकप्रिय होता गया |पाकिस्तान में जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध है लेकिन वह कल्याणकारी कामों के साथ-साथ जिहाद के लिए पैसा भी जुटा रही है, उसका प्रमुख हाफिज़ सईद उसके साथी संगी खुले आम जिहाद के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी करते रहते हैं।पाकिस्तान को आज तक पूर्णतया इस्लामियों के हाथ में जाने से बचाने में पाकिस्तानी बुद्धिजीवियों का हाथ है वह अक्सर सवाल करते हैं भारत पाकिस्तान दोनों साथ – साथ आजाद हुए थे भारत ने तरक्की की और वह अवनति की और जा रहे हैं विश्व में अक्सर आतंकी घटनाओं में पाकिस्तान का नाम क्यों आता है | हाफिज अक्सर पाकिस्तान के पास अपने भाषणों में एटम बम की धौंस देता है अरबी और इंजीनियरिंग का पूर्व लेक्चरर जानता है आज नौर्थ कोरिया का क्या हाल है उसका समर्थक चीन भी उससे पीछे हट रहा है विश्व जनमत उसके खिलाफ | हाफिज की सुरक्षा का विशेष उसके लश्कर दस्तों द्वारा प्रबंध किया गया है|

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